Thursday, April 25, 2024
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सिंघू बॉर्डर से किसानों की घर वापसी शुरू

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: बंधी गठरियां, सिमटा तिरपाल, उखड़े पड़े बंबू व सड़क किनारे एक के ऊपर एक कुर्सियों के खड़े गट्ठर और लाउडस्पीकर पर बजते पंजाबी गानों के साथ शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर का नजारा किसी खत्म हुए मेले जैसा था।

सरकार के आश्वासन और संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन उठाने के एलान के बाद 379 वें दिन दिल्ली की सीमाओं से किसानों की वापसी का दौर शुरू हो गया। बाकी बचे हुए किसान आज गाजे बाजे के साथ अपनी जीत का जश्न मनाते हुए विजय रैलियां निकालेंगे और अपने घरों की ओर निकल जाएंगे।

500 ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ किसान कुंडली पहुंचे

जश्न में शामिल होने के लिए पंजाब और हरियाणा से करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ किसान कुंडली पहुंचे हैं। सुबह सबसे पहले किसान अरदास करेंगे। इसके बाद करीब दो घंटे तक लंगर चलाया जाएगा।

लंगर के तुरंत बाद जुलूस के रूप में किसानों के जत्थे रवाना होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने वीरवार को सरकार के साथ सहमति बनने के बाद आंदोलन स्थगित करने की घोषणा कर दी थी और शनिवार से वापसी का एलान किया था।

बॉर्डर पर बचे किसानों ने सामान की पैकिंग का काम पूरा कर लिया है और वह रवाना होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। शनिवार सुबह के समय किसानों का प्रस्थान शुरू हो जाएगा, लेकिन इससे पहले अरदास व लंगर का आयोजन होगा। जीटी रोड पर जाम की आशंका को देखते हुए किसानों ने अलग-अलग जत्थों में निकलने का फैसला किया है।

9 जनवरी से शुरू हुआ सिलसिला 

बॉर्डर सेे किसानों की वापसी का सिलसिला बृहस्पतिवार शाम को ही शुरू हो गया था। जिनके पास कम सामान था वे मोर्चा की घोषणा के बाद ही दिल्ली की सीमा छोड़कर चले गए थे।

बहुत से किसान ऐसे हैं जिन्होंने ठहरने के लिए बड़े बड़े मंच तैयार किए थे। उन्हें हटाने और सब सामान समेटने में पूरा दिन लग गया। ये किसान शनिवार को रवाना होंगे। शुक्रवार को भी सिंघू बॉर्डर पर बहुत सारे किसान संगठन ट्रैक्टरों में सामान लादकर रवाना हो गए। बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों की आवाजाही से ट्रैफिक जाम भी हुआ।

15 दिसंबर को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक

किसान एक साथ सुबह 10:30 बजे से जाना शुरू करेंगे। 13 दिसंबर को किसान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर जाएंगे। वहीं 15 दिसंबर को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक होगी।

किसानों ने स्पष्ट किया है कि इसे आंदोलन का स्थगन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि जो प्रस्ताव अभी पूरी तरह से माने नहीं गए हैं उनकी किसान संयुक्त मोर्चा हर महीने समीक्षा करेगा। अगर लंबे समय तक किसानों की मांगे लटकी रहीं तो आंदोलन फिर शुरू होगा।

एसकेएम के औपचारिक एलान के बाद किसान खुशी खुशी घर वापसी को तैयार हैं। वहीं, बॉर्डर पर साल भर से धरनारत किसानों ने अपना सामान, तंबू व झोंपड़ियां समेटने शुरू कर दिए हैं।

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