- न पुलिस का डर और न ही कोरोना संक्रमण का खौफ
- सब्जी मंडी से लेकर कोटला व वैली बाजार में होती है पूरी भीड़
जनवाणी संवददाता |
मेरठ: कोरोना का खौफ लोगों के जहन से शायद गायब हो गया है। इसकी बानगी सुबह के समय सब्जी मंडी, वैली बाजार और कोटला बाजार में देखने को मिलती है। मंजर ऐसा होता है कि लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल रहता है। बाजारों में लोगों की भीड़ को देख पुलिस भी अब नजरअंदाज करने लगी है। हालांकि अब कोरोना के केस नाममात्र ही आ रहे है। इसके बावजूद खतरा बरकरार है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार मचाकर रख दिया था। हालात ऐसे बन गए थे कि अस्पतालों में बेड खाली न होने के कारण लोग सड़क पर ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे थे। लोगों में भी दहशत का माहौल बना हुआ था, लेकिन शहर के कुछ क्षेत्रों में न तो लॉकडाउन का पालन किया गया और न ही लोगों के चेहरों पर किसी तरह की सिकन रही।
वहीं जिला प्रशासन ने लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए जरूरी सामानों की दुकानों को खोले जाने के तीन घंटे तक के आदेश दे दिए थे, लेकिन शहर के लिसाड़ी गेट, कोतवाली व ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र में दिनभर दुकानें खोली गई। वहीं जिला प्रशासन की गाइडलाइन की धज्जियां भी खुलेआम उड़ाई गई। यही नहीं कपड़े से लेकर सैलून, चाय-समोसे की दुकानों के अलावा जूते-चप्पलों की दुकानें भी आधा शटर गिराकर चलती रही। वहीं जैसे ही प्रशासन ने कुछ ढील दी तो सब्जी मंडी, कोटला व वैली बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी।
वहीं, कोटला बाजार में पुलिस ने एक दिन सख्ती दिखाई तो दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर एसपी सिटी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए अपनी चाबी सौंपने लगे थे। एसपी सिटी ने किसी तरह मामले को संभाला तो मामला शांत हुआ।
लगातार दौड़ रहे ई-रिक्शा और डग्गामार वाहन
लॉकडाउन के पहले दिन से ही इस बार वाहनों का आवागमन लगातार जारी रहा। हालांकि हापुड़ रोड पर पुलिस ने चार जगहों पर बैरिकेडिंग लगाकर बिना वजह वाहनों पर घूमने वालों पर शिकंजा कसा, लेकिन सुबह व शाम के समय हालात अनलॉक की तरह हो जाते थे। पुलिस की सख्ती भी इस बार नाकाम ही रही। हालांकि एडीजी, आईजी व एसएसपी समेत तमाम अधिकारियों ने कई बार शहर में घूमकर लॉकडाउन का जायजा लिया। इसके बावजूद हालात जस के तस रहे।