- एनएच-58 पर परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक ग्रीन वर्ज अवैध निर्माणों से पटा, नहीं रोक रही इंजीनियरों की टीम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनएच-58 पर परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक ग्रीन वर्ज हैं। ये मास्टर प्लान 2021 का हिस्सा हैं, लेकिन यहां पर मास्टर प्लान को फ्लो ही नहीं किया जाता हैं, तभी मास्टर प्लान में ग्रीन वर्ज दर्ज हैं, लेकिन ग्रीन वर्ज में अवैध निर्माणों की भरमार हो गई हैं। कांवड यात्रा चल रही हैं, ऐसे में अवैध निर्माण पर तेजी से काम चल रहा हैंं। दर्जन भर से ज्यादा अवैध निर्माण हैं, जिनको रोका नहीं जा रहा हैं। एक-दो नहीं, बल्कि दो दर्जन तो रेस्टोरेंट बनकर खड़े हो गए हैं।
प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय द्वारा गठित प्रवर्तन टीम पर बड़ी जिम्मेदारी हैं अवैध निर्माण रोकने की। क्योंकि पहले जोन स्तर पर शहर को बांटा गया था, अब जोन तो खत्म कर दिये, लेकिन आठ इंजीनियरों की टीम अवैध निर्माणों को रोकने में लगाई गई हैं। ये भी महत्वपूर्ण बात है कि पहले चार जोनल तैनात थे, लेकिन अब सिर्फ एक जोनल कैसे निर्माण को रोकने में कामयाब हो सकते हैं। मेट की जोन में ड्यूटी लगाई गयी हैं। मेट की जिम्मेदारी बढ़ गई हैं, ऐसे में भ्रष्टाचार रोकने की बजाय बढ़ जाएगा।
मेट प्राधिकरण का सबसे छोटा कर्मचारी हैं, ऐसे में मेट अपने क्षेत्र के अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी, रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी उन्हीं पर रखी गई हैं। जेई तो मेट की रिपोर्ट के बाद ही संबंधित क्षेत्र में कार्रवाई करेगा। पहले जोन में जेई की तैनाती थी तो ऐसे में जेई की जवाबदेही बनती थी, लेकिन अब जोन में किसी जेई की तैनाती नहीं हैं। ऐसे में जवाबदेही किसी की नहीं होगी। सीधे जवाबदेही जोनल की होगी।
इससे पहले जोनल अर्पित यादव जोन-डी के जोनल के पद पर तैनात थे, तब भी जोन-डी में अवैध निर्माण हुए हैं। वहां भी अवैध निर्माण क्यों नहीं रुक पाए? क्या उसके लिए जवाबदेही नहीं बनती थी। इसी तरह से कांवड यात्रा चल रही हैं, इसका लाभ अवैध निर्माणकर्ता उठा रहे हैं। रोहटा बाइपास पर दर्जन भर होटल बन गए हैं। शोभापुर पुलिस चौकी के ठीक पीछे बड़ा होटल बनकर तैयार हो गया हैं।
जब प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने मेडा का एक वर्ष पहले चार्ज संभाला था, तभी से रोहटा बाइपास शोभापुर पुलिस चौकी के पीछे एक होटल का निर्माण आरंभ हुआ था। अब ये होटल बनकर तैयार हो गया हैं। अब तक ये नहीं रुका। ये पूरा होटल ग्रीन वर्ज में हैं। ‘जनवाणी’ इस अवैध निर्माण को लेकर खबर दे रहा हैं, लेकिन जेई और मेडा अफसर आंखें मूंदे बैठे हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष भी इस तरह के निर्माण रोकने में नाकामयाब रहे।
रोहटा रोड पर वक्फ बोर्ड की विवादित सम्पत्ति पर दुकान बनाकर खड़ी कर दी। 32 दुकानों के निर्माण के लिए नींव भर दी गई। इसमें सील लगाकर इंजीनियरों ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। आखिर इस दुकान के अवैध निर्माण को मेडा इंजीनियर कब गिरायेंगे? ये भी बड़ा सवाल हैं। ईरा गार्डन के मुख्य गेट पर दायी तरफ बड़ा निर्माण होटल के रूप में चल रहा हैं, ये भी इंजीनियरों को दिखाई नहीं देता।
जब होटल बन जाएंगा, इसके बाद ही प्राधिकरण इंजीनियरों की नींद टूटेगी। अब कांवड यात्रा में व्यस्त बता दिया जाता हैं, फिर लिंटर गिरने के बाद ही मेडा इंजीनियरों की नींद टूटेगी। क्या ऐसे भ्रष्टाचार खत्म होगा? ये बड़ा सवाल हैं। ईरा मुख्य गेट के दायी तरफ भी एक होटल रेस्टोरेंट ग्रीन वर्ज में दो मंजिला बन गया हैं। इस पर भी कोई कार्रवाई ध्वस्तीकरण की मेडा ने नहीं की हैं।