- शहरी क्षेत्र में शास्त्रीनगर, जेलचुंगी, जागृति विहार समेत कई क्षेत्रों में घटा जलस्तर
- छह ब्लॉक पहले से ही हैं डार्क जोन में
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लगातार घटता जल स्तर कहीं लोगों के लिये समस्या न खड़ी कर दे। देहात का जलस्तर को पिछले कई सालों से लगातार घट ही रहा है, लेकिन यहां शहर की बात करें तो यहां पॉश इलाकों में भी जलस्तर में काफी गिरावट आई है। यह हम नहीं कर रहे यह भूगर्भ विभाग के आंकड़े बयां कर रहे हैं। अगर जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो आने वाले दिनों में लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा।
जल है तो कल है। यह महज एक नारा नहीं हकीकत है। तेजी से गिरते भूगर्भ जलस्तर की वजह से आने वाले समय में मेरठ जिले में भयावह जल संकट हो सकता है। शहर में शास्त्रीनगर और जागृति विहार और देहात में खरखौदा, माछरा, रजपुरा ब्लॉक डार्क जोन की स्थिति में हैं। ऐसे में जल संचयन के लिए हर व्यक्ति के स्तर पर छोटे-छोटे और संस्थाओं के स्तर पर सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
सभी को वर्षा जल संचयन करने के लिये रास्ते तैयार करने होंगे। लोगों को जल संरक्षण के लिये जागरूक भी करना होगा। अगर घटते जलस्तर की बात करें तो देहात के साथ शहर में भी लगातार जल स्तर घटता जा रहा है जो आने वाले दिनों में समस्या खड़ी कर सकता है। भूगर्भ जल विभाग हर वर्ष मानसून खत्म होने के बाद आंकड़े जारी करता है।
लेकिल अभी मानसून आया नहीं है और वर्ष 2021 तक के आंकड़ों की बात करें तो ताजा आंकड़ों के अनुसार शास्त्रीनगर, जागृति विहार, गढ़ रोड, दिल्ली रोड क्षेत्र में भी जलस्तर 20 मीटर से नीचे पहुंच चुका है। गढ़ रोड, नौचंदी और कुटी क्षेत्र में भी हालात ठीक नहीं हैं। यह सभी शहर के महत्वपूर्ण आवासीय इलाके हैं।
इसके अलावा जनपद के 12 ब्लॉकों में से छह ब्लॉक तो पिछले साल ही डार्क जोन में पहुंच चुके थे यहां खरखौदा में अधिक हालात खराब थे। जिसके लेकर विभाग की ओर से कई योजनाओं को भी चलाया गया लेकिन अभी तक उनसे हालात कुछ सुधर नहीं पाये हैं।
शहर में पानी की बर्बादी को अगर नहीं रोका गया और वर्षा जल संचयन व अन्य तरीकों से पानी को भूगर्भ में पहुचाने पर ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं। भूगर्भ जलस्तर तेजी से गिरने के कारण जिले के 12 ब्लॉकों में से पांच ब्लॉक खतरे में आ गए हैं। केंद्र सरकार ने इन पांच ब्लॉकों का चयन कर जल शक्ति अभियान में शामिल किया था।
वर्ष 2020 की ही बात करें तो जिले के खरखौदा, माछरा, मेरठ, परीक्षितगढ़ और रजपुरा में हालात ज्यादा खराब थे। इन ब्लॉकों को डार्क जोन में शामिल किया गया था। यहां पानी के घटते जल स्तर को रोकने के लिये कुछ अभियान भी चलाये गये। जिसमें वर्षा के जल का संचयन, पौधरोपण, बॉडी एंड वॉटर शेड डेवलपमेंट, रियूज एंड बोरवेल डिस्चार्ज स्ट्रक्चर आदि शामिल हैं,
लेकिन इसके बावजूद यहां हालात ठीक नजर नहीं आ रहे हैं। डार्क जोन में शामिल पांच ब्लॉकों में खरखौदा में जलस्तर तेजी से कम हुआ था। यहां वर्ष 2020 तक पिछले पांच सालों में 3.18 मीटर जलस्तर गिरा था।
57 ग्राम पंचायतों में बना जल संचयन प्लान
भगर्भ जल विभाग के भू भौतिक विद नौरत्न कमल ने बताया कि रजपुरा और खरखौदा ब्लॉक में गिरते जलस्तर को रोकने के लिए 57 ग्राम पंचायतों में जल संचयन योजना तैयार कराई गई है। किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसानों को गन्ना के अलावा कम सिंचाई वाली फसलें उगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसेसे पानी की बचत होगी। वहीं, अटल भूजल योजना में कई स्थानों पर पानी की टंकी का निर्माण भी कराया जा रहा है।
घटते जलस्तर को बचाने के लिए करें प्रयास
शहर के घटते जलस्तर को और अधिक घटने से रोकना है तो आपको वर्षा जल संचयन जरूर करना होगा। वर्ष जल संचन के लिये प्रदेश सरकार की ओर से भी लगातार योजनाएं बनाई जाती है, लेकिन लोगों के जागरूक न होने के कारण जल संरक्षण नहीं हो पाता। मेरठ विकास प्राधिकरण भी अब वर्षा जल संरक्षण के प्लाने के बिना घरों के नक्शे पास नहीं करता। ऐसा सभी को करना होगा। हमें अपने घरों या हर जगह पर वर्षा जल संचयन के लिये इंतजाम करने होंगे।
अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों का हो रहा जीर्णोद्धार
वर्षा जल संचयन और गांवों से निकलने वाले पानी को बचाने की करें तो प्रशासन की ओर से भी एक पहल शुरू की गई है। जिसमें अमृत सरोवर योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुरू की गई है। यहां मेरठ में भी 15 अगस्त तक कम से कम 15 सरोवर तैयार करने की योजना है। यहां 75 तालाबों का सौंदर्यीकरण इस योजना के तहत होना है।
इनके तैयार होने से यह एक पिकनिक स्पॉट भी होगा और यहां वर्षा जल संचन भी हो सकेगा। इसके अलावा पंचायती विभाग की ओर से सभी ग्राम पंचायतों और स्कूलों में सोख्ते गड्ढे भी लगा दिये गये हैं लगभग यह कार्य हर जगह पूरा हो चुका है जिससे वर्षा जल का संचयन हो सकेगा और जल स्तर भी सही हो सकेगा।