Wednesday, September 11, 2024
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गुरुकुल शिक्षा पद्धति से ही भारत बनेगा विश्वगुरु: बालकृष्ण

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  • मैकाले की शिक्षा पद्धति ने अब तक भारत को नहीं बनने दिया विश्वगुरु

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: बुढ़ाना गेट के निकट स्थित महाराणा प्रताप प्रांगण में चल रहे चार दिवसीय महर्षि दयानंद सरस्वती द्विजन्मशताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पतंजलि योग पीठ से आचार्य बालकृष्ण एवं प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह शामिल हुए। इस मौके पर विभिन्न सम्मेलन आयोजित किए गए। मुख्य वक्ताओं ने गुरुकुल की महत्ता एवं मैकाले की शिक्षा पद्धति के बारे में विस्तार से बताया। भारत को यदि विश्व गुरु बनाना है तो गुरुकुल की शिक्षा को बढ़ावा देना होगा उसके महत्व पर प्रकाश डाला।

क्रांतिधरा के महाराणा प्रताप प्रांगण (जीमखाना मैदान) में चल रहे चार दिवसीय महर्षि दयानंद सरस्वती द्विजन्मशताब्दी समारोह के दूसरे दिन शुक्रवार को विभिन्न सम्मेलन आयोजित किए गए। जिसमें सर्वप्रथम प्रात: 8 बजे हवन यज्ञ, दोपहर में गुरुकुल शिक्षा सम्मेलन, सायंकाल में राष्टÑ रक्षा सम्मेलन एवं रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्मेलन आयोजित किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि आचार्य बालकृष्ण पतंजलि योगपीठ एवं प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह एवं उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ के चेयरमैन चौधरी यशवीर सिंह शामिल हुए।

इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य बालकृष्ण पतंजलि योगपीठ व मंत्री जयवीर सिंह ने गुरुकुल शिक्षा सम्मेलन में बताया कि जब से देश में गुरुकुल शिक्षा पद्धति की जगह मैकाले की शिक्षा पद्धति को बढ़ावा मिला, तब से भारत के विश्व गुरु बनने का सपना अधर में लटका हुआ है। यदि भारत को विश्वगुरु बनाना है तो फिर से देश में गुरु एवं शिष्य की परम्परा को जिंदा करना होगा। इस मौके पर बालकृष्ण ने कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन हो गया है। जिसमें जल्द ही महर्षि दयानंद ग्रंथ को पाठ्यक्रम में शामिल कराया जायेगा।

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गुरुकुल में आयुर्वेद, यज्ञ, व्याकरण, व्यायाम, हवन, पूजा पद्धति को फिर से बढ़ावा दिया जायेगा। देश में गुरुकुल संस्कृति परम्परा के बिना भारत देश विश्वगुरु नहीं बन सकता तो उसके लिए अब सरकार द्वारा गुरुकुल पर ध्यान दे रही है। शुक्रवार को समारोह में प्रात: 8 बजे से प्रात: 9 बजे तक हवन यज्ञ किया गया। जिसमें यजमान रश्मि महाजन अरुण गहाजन, डॉ. कपिल मलिक, डॉ. जसवीर मलिक, साधना गर्ग, सीपी गर्ग, डॉ. मनीषा तोमर, डॉ. वीरोत्तम तोमर शामिल हुए। प्रात: 9 बजे से मध्याह्न 12 बजे तक महर्षि दयानन्द की विश्व को देन सम्मेलन आयोजित किया गया।

जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जगदीप धनखड़ (उपराष्ट्रपति) को निमंत्रित किया गया था, वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। इस दौरान मायाप्रकाश त्यागी (गाजियाबाद) स्वामी आर्यवेश डॉ. ज्वलन्त कुमार शास्त्री, डॉ. आचार्य पुनीत शास्त्री शामिल रहे। मध्यान्ह सत्र गुरुकुल शिक्षा सम्मेलन मुख्य आचार्य बालकृष्ण (पतंजलि योगपीठ) जयवीर सिंह (पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री)

अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र के साथ डा. ज्वलन्त कुमार शास्त्री, पद्मश्री डॉ. सुकामा आचार्य (विश्ववारा गुरुकुल, रोहतक) आचार्य डॉ. प्रियंबदा वेदमारती (गुरुकुल नजीबाबाद), आचार्य डॉ. जयेन्द्र कुमार (गुरुकुल नोएडा), डॉ. सविता (गुरुकुल लक्सर), आचार्य प्रमोद शास्त्री (गुरुकुल दबथला) (साथ ही गुरुकुलों के ब्रह्मचारी एवं ब्रह्मचारिणियों की विशेष प्रस्तुति) सायंकालीन सत्र राष्ट्ररक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें सांसद एवं विधायक शामिल हुए।

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