जनवाणी संवाददाता |
बड़गांव: नूनाबड़ी में दो माह पहले हुए आसिफ हत्या कांड में नया मोड़ आ गया है। पुलिस जांच में पांचों आरोपित निर्दोष हैं। चैकिंग के दौरान पकड़े गये थाना बडगांव के हिस्ट्रीशीटर ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर छुरी से गोदकर हत्या की थी। अब जेल जा चुके दो आरोपितों सहित पांचों निदोर्षों को पुलिस कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर बचायेगी।
नूनाबडी निवासी आसमौहम्मद के 16 वर्षीय पुत्र आसिफ की बीती दो फरवरी को घेर में सोते समय छूरी से गोदकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के भाई राशिद ने पुरानी रंजिश के आधार पर गांव के निवासी भूरा व मोबीन उर्फ लील्ला पुत्र गण सलामुद्दीन, उस्मान पुत्र भूरा, सलीम पुत्र लील्ला व इनाम पुत्र खलील को नामजद कर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने लील्ला व भूरा को गिरफ्तार कर जेल भेज भी दिया था। हत्याकांड में आज उस समय नया मोड आ गया जब पुलिस वांछित बदमाशों की तलाश में जा रही थी। इसी वक्त उक्त हत्या कांड में प्रकाश में आया नूनाबडी निवासी हिस्ट्रीशीटर राकिब पुत्र लील्ला उर्फ दिलशाद देवबंद रोड पर बेलडा पुलिया के पास पुलिस टीम की पकड मे आ गया।
थाना बडगांव पर आज पीसी के दौरान एसपी देहात अतुल कुमार शर्मा ने बताया कि राकिब से थाना लाकर कडाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि आसिफ की हत्या उसने अपने दो साथियों मोबीन व जुल्फकार के साथ मिलकर की है। राकिब ने हत्या में प्रयुक्त छुरी भी बरामद करा दी है। पुलिस की जांच पहले से ही दूसरे पहलू पर लगी थी।
एसपी देहात ने बताया कि जेल जा चुके लील्ला व भुरा सहित नामजद पाचों आरोपितों के पक्ष में कोर्ट में रिर्पोट पेश की जायेगी। हत्या कांड में शामिल फरार दोनों बदमाशों मोबीन व जुल्फकार को बहुत जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा। राकिब ने हत्या क्यों की के प्रशन पर एसपी देहात ने बताया कि मोबीन व खलील के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था तो गांव के मास्टर उस्मान ने दखलंदाजी की थी।
वह हमारे हर काम में खिलाफत करता था। इसलिए आसिफ की हत्या में उस्मान को फंसाने के लिए मोबीन, जुल्फकार व राकिब ने प्लान के तहत आसिफ की हत्या की थी।
घटना का सही खुलासा करने वाली बडगांव पुलिस की टीम में शामिल प्रभारी निरीक्षक सुभाष चंद्र गौतम, उप निरीक्षक विजयपाल सिंह, कांस्टेबल संदीप कुमार, विराट तोमर व पवन कुमार की पीठ थपथपाते एसपी देहात ने कहा कि पुलिस चाहती तो पांचों आरोपितों को जेल भेजकर मृतक के दुखी परिवार को खुश कर सकती थी लेकिन असल हत्यारे बच जाते ओर उनके हौंसले ओर अधिक बुलंद होते।