अंग्रेजों से ज्यादा किसानों पर अत्याचार कर रही है भाजपा: केजरीवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: किसान महापंचायत के जरिये दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने केन्द्र व यूपी की भाजपा सरकार पर खूब निशाना साधा। कहा कि भाजपा ने तो अंग्रेजों से कहीं ज्यादा अत्याचार किसानों पर कर दिये हैं तथा पूरे देश का किसान बहुत ज्यादा पीड़ा में हैं। किसान दुखी हैं। 95 दिन हो गए। कड़कती ठंड में दिल्ली बॉर्डर पर किसान परिवार के साथ धरने पर बैठा हैं।
मेरठ में केजरीवाल ने किया यह खुलासा, अब आएगा सियासी जलजला ?https://t.co/sljPbNbXkx@ArvindKejriwal @AamAadmiParty @AAPPunjab @RahulGandhi @priyankagandhi @AAPDelhi @msisodia
— JANWANI.TV OFFICIAL (@JanwaniTv) February 28, 2021
किसी को ऐसे धरना करने में मजा नहीं आता। किसी को मजा नहीं आता इतनी ठंड में शरीर को गलाने में। ढाई सौ से ज्यादा किसानों की आंदोलन में शहादत हो चुकी हैं, लेकिन सरकार के कानों पर जू नहीं रेंग रही हैं। 70 वर्षों में किसानों ने सिर्फ धोखा देखा हैं। सबने धोखा दिया है। सभी सरकारों ने धोखा दिया है।
70 वर्षों में कई सरकारे आयी, हर पार्टी को सरकार बनाने का मौका दिया, लेकिन सभी सरकारों ने किसानों को धोखा दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल रविवार को एनएच-58 पर स्थित संस्कृति रिसोर्ट पर आयोजित किसान महापंचायत को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसान पिछले 70 वर्षों से फसलों के सही दाम मांग रहा हैं, लेकिन सारी पार्टियों के घोषणा पत्रों में यहीं कहा जाता है कि उनकी सरकार बना दो, किसानों को फसलों के सही दाम मिलेंगे। चुनाव से पहले यहीं सब घोषणा की जाती है। फसलों के सही दाम मिल जाते तो किसान आज आत्महत्या नहीं करता।
किसानों को दिल्ली जेल में डालने की हुई थी कोशिश
दिल्ली के सीएम अरिवन्द केजरीवाल ने एक रहस्य यह भी किसान महापंचायत के बीच खोला कि केन्द्र सरकार ने उनके पास एक फाइल भेजी थी, जिसमें लिखा था कि दिल्ली के नौ बड़े-बड़े स्टेडियम को अस्थाई जेल में तब्दील करना है। ये तो सौभाग्य है मेरा कि जेल बनाने का अधिकार उनके पास है। इसकी पावर भाजपा सरकार के पास नहीं है। मजबूरी में मेरे पास फाइल भेजी। उनके पास फोन पर फोन आने शुरू हो गए। कहा कि फाइल क्लीयर कर दो, पहले प्यार से बात की, फिर धमकाने लगे, लेकिन मैने भी अस्थाई जेलों के लिए फाइल को अनुमति नहीं दी। मैने स्टेडियम जेल नहीं बनने दी। तब यदि जेल बना देते तो ये लोग आंदोलनकारियों को जेल में डाल देते। क्योंकि मुझे मालूम था कि अन्ना आंदोलन के दौरान उन्हें भी कांग्रेस ने जेल में डाला था। किसान जेल चले जाते तो आंदोलन फ्लाप हो जाता। किसानों की जो आवाज उठी थी, उसे खत्म करने की भाजपा ने रणनीति बनाई थी। किसानों का तन-मन धन से सेवा की जा रही है। टायलट, पानी की व्यवस्था। फ्री वाइफाई की व्यवस्था उनकी सरकार ने की।
देश का किसान कहता है लोन माफ कर दो, चुनाव से पहले तमाम पार्टियां कहती है कि लोन माफ कर देंगे, लेकिन जीतने के बाद कहती है सरकार के पास पैसा नहीं है। पिछले 25 वर्षों में साढ़े तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। हर चुनाव के पहले पार्टियां कहती है कि तुम्हारे बच्चों को नौकरियां देंगे, लेकिन किसी ने नौकरी नहीं दी।
किसान ठंड में बैठकर अपनी जिंदगी खत्म क्यों कर रहे हैं? क्योंकि अब जिंदगी और मौत की लड़ाई आ गई है। तीनों कृषि कानून किसानों के डेथ वारंट हैं, ये मौत के वारंट है। ये तीनों कानून लागू होने के बाद जो किसानों की बची-कुची खेती है वह भी चली जाएगी। भाजपा सरकार अपने तीन-चार पंजीपति साथियों को खेती सौंपना चाहता है। किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाएगा, लेकिन अब किसान अपने खेत का मालिक है।
इसलिए अब करो या मरो की लड़ाई है। 2014 के चुनाव में जब भाजपा चुनाव लड़ी तो अपने घोषणा पत्र में कहा था कि स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रत्येक प्रदेश में पहुंचकर कहा था कि स्वामी नाथन रिपोर्ट लागू करेंगे, जो फसल का लागत है उसका 50 प्रतिशत लाभ देंगे। किसान भोले-भाले है, सभी ने भाजपा को जमकर वोट दे दिया। किसानों को लगा कि अब क्रांति आने वाली हैं।
बहुमत से भाजपा की सरकार बन गई। सरकार बनने के तीन वर्ष से भीतर इसी भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया है, जिसमें लिखा है कि एमएसपी लागू नहीं करेंगे। ये तो धोखा हो गया किसानों के साथ। ये तो पीठ में छुरा घोंप दिया। झूठ बोलकर किसानों के वोट ले लिये। किसान भोले-भाले थे, 70 वर्षों से धोखा खा रहे थे। सरकार किसानों पर अत्याचार कर रही हैं।
वोटर केनन छोड़े जा रहे हैं। लाठियां बरसाई जा रही हैं, कीले ठोकी जा रही है। ये दुश्मन है, हमारे देश के। ये किसान है या फिर दुश्मन है। ऐसे तो दुश्मन के साथ भी नहीं किया जाता। ऐसा तो अंग्रेजों ने भी हमारे साथ नहीं किया। जब अंग्रेज गए तो उन्होंने भी इतने जुल्म नहीं किये। कीले ठोंकने का काम तो अंग्रेजों ने भी नहीं किया। भाजपा ने तो अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया हैं।
किसानों पर झूठे मुकदमें लगाये जा रहे हैं। लालकिले का कांड खुद भाजपा ने कराया। मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं। हरियाणा, यूपी व पंजाब के लोग भी मेरे पास आते हैं। सबने उन्हें कहा कि दिल्ली में जानबुझकर भेज रहे थे तथा वास्तविकता यह है कि जिन्होंने झंडे फहराये, वे भाजपा के कार्यकर्ता थे। किसान कुछ भी हो सकता हैं। हमारा किसान जान दे सकता हैं, लेकिन देश द्रोही कभी नहीं हो सकता।
भाजपा की केन्द्र सरकार किसानों पर देशद्रोह के मुकदमें चला रही हैं। अंग्रेजों ने भी देशद्रोह के मुकदमें नहीं चलाये थे, लेकिन भाजपा किसानों पर देशद्रोह के मुकदमें चला रही हैं। किसान को आंतकवादी बोलते हैं। दिल्ली के सीएम ने किसान महापंचायत में जनता से पूछ लिया कि क्या आप सभी आतंकवादी हो..?
लाखों किसान ऐसे है, जिनके दो पुत्र हैं, एक पुत्र जवान है और देश के बॉर्डर पर है तो दूसरा पुत्र किसान है, जो दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में हैं। सेना के जवान भी अचभित है कि उसके भाई व पिता को भाजपा सरकार आतंकवादी बोल रही हैं। इससे कितना दु:ख सेना के जवान को होता होगा।
Centre's three farm laws are death warrant for farmers. The government wants to take away their lands and give them to 3-4 capitalists. Farmers will become labourers in their own fields, that is why it's do or die situation for farmers: Delhi CM Arvind Kejriwal in Meerut pic.twitter.com/vMrsAFK1Hl
— ANI UP (@ANINewsUP) February 28, 2021
गन्ने के बकाया भुगतान के सवाल पर भी अरविन्द केजरीवाल ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घेराबंदी की। कहा कि आखिर योगी आदित्यनाथ की क्या मजबूरी है कि चीनी मिल मालिकों से बकाया गन्ने का भुगतान किसानों को नहीं दिला पा रहे हैं।
किसान महापंचायत में उठी संजय सिंह को यूपी में मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाने की मांग