- दोनों जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे
- सुबह से लेकर देर शाम तक चली पैमाइश नही हो पाई पूरी
जनवाणी संवाददाता |
सरूरपुर: मेरठ और बागपत जिले के शाहपुर बाणगंगा और पांचली बुजुर्ग के किसानों के बीच काफी समय से भूमि को लेकर विवाद चल रहा है। विवाद की असली जड़ हिंडन नदी के बहाव के चलते किसानों की भूमि के ओर छोर में बदलाव होना माना जा रहा है। जिस पर दावे और आपत्ति को लेकर दोनों जिलों के किसान आपस में उलझे हुए हैं, लेकिन काफी समय से दोनों ही जिलों का प्रशासन यह तय नहीं कर पा रहा है। जिसे लेकर दोनों जिलों के किसानों के बीच काफी समय से विवाद लगातार बना हुआ है।
इसी मामले में गांव पांचली बुजुर्ग निवासी उमर मोहम्मद पुत्र अली मोहम्मद व फजर मोहम्मद द्वारा हाईकोर्ट में रिट दायर करके अपनी खसरा संख्या 1411 एल पर दावा जताते हुए कब्जा दिलाने के लिए आदेश कराए गए थे, लेकिन इस मामले में हाई कोर्ट द्वारा दोनों पक्षों को सुनने और विवाद की स्थिति जानने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर जाकर कम से कम एडीएम या एडीएम लेवल के अधिकारी के मौजूदगी में दोबारा से दोनों जिलों की सीमा से रेखांकित करते हुए सीमांकन तय करके भूमि चिन्हित करके विवाद निपटाने के आदेश दिए गए थे।
इसके चलते शनिवार को बागपत जिले के बड़ौत एसडीएम मनीष यादव, तहसीलदार राजेश कुमार, जबकि मेरठ के एडीएम प्रशासन बलराम सिंह, एसडीएम सरधना महेश प्रसाद दीक्षित, तहसीलदार सरधना अनुराग सिंह व नायब तहसीलदार जतिन गोस्वामी व तहसील प्रशासन के लगभग एक दर्जन लेखपाल कानूनगो व भारी पुलिस बल के साथ में सरूरपुर, बिनौली व सरधना दोनों जिलों की पुलिस की मौजूदगी में विवादित भूमि पर पहुंचे। जहां हिंडन नदी के किनारे पहुंचकर अफसरों ने पूरे विवादित मामले की जानकारी हासिल की और इसके बाद मौका मुआयना किया। काफी मंथन हुआ और नक्शे को भी देखा गया। दोबारा से पैमााइश शुरू हुई जो देर शाम तक पूरी नहीं हो सकी।
अफसरों के गले की फांस बना विवाद
मेरठ और बागपत के किसानों के बीच अर्से से चले आ रहे सीमा विवाद में दोनों जिले के अधिकारियों के गले की फांस बनकर रह गया है। सैंकड़ो बार के प्रयास के बावजूद सीमा विवाद नहीं सुलझता दिख रहा है। इसे लेकर दोनों जिलों के किसान अभी भी पिस रहे हैं। हिंडन नदी द्वारा दिशा बदलने के बाद मेरठ का रकबा बागपत की ओर और बागपत का रकबा मेरठ की ओर आने के कारण विवाद बढ़ा हुआ है। यह विवाद काफी पुराना है और फिलहाल भी सुलझता नहीं दिख रहा है।