जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: समय से पहले आया मानसून काफी देर से इस बार वापसी कर रहा है। उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी की शुरुआत होने लगी है। धीरे-धीरे बारिश का सिलसिला थमता जा रहा है।
हालांकि, राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों पर चक्रवात बनने की संभावना के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और आस-पास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। वहीं, चक्रवाती हवाओं का एक क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और इससे सटे तटीय तमिलनाडु पर भी मंडरा रहा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप के अधिकांश हिस्सों में बारिश होने के पूरे आसार हैं।
इसके अलावा उत्तर पूर्वी राज्यों, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में एक से दो दिन और बारिश होने की संभवना है। पूर्वोत्तर के असम और त्रिपुरा में भी बादल बरसने का अनुमान जताया गया है।
2019 के बाद 2021 में देरी से लौट रहा मानसून
आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी आर के जेनामणि ने बताया कि 1960 के बाद से दक्षिण-पश्चिमी मानसून दूसरी बार सबसे देरी से वापस जा रहा है।
इससे पहले 2019 में मानसून की वापसी नौ अक्टूबर से शुरू हुई थी, लेकिन इस बार भी मानसून देरी से वापस जा रहा है। मानसून की वापसी आमतौर पर 17 सितंबर से शुरू हो जाती है।