Saturday, April 20, 2024
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ब्लैक फंगस: कहां है जीवन देने वाला इंजेक्शन ?

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  • मरीजों के तीमारदारों का दर्द आया सामने
  • जनवाणी के पास मौजूद है तीमारदारों से बातचीत का वीडियो

रामबोल तोमर |

मेरठ: ब्लैक फंगस मरीजों को असहनीय पीड़ा दे रहा है, क्योंकि उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। मेडिकल में ब्लैक फंगस के मरीजों की स्थिति बेहद भयावह है। इंजेक्शन नहीं हैं, इससे सिस्टम की बदनामी होगी, इसलिए पूरा सिस्टम लीपापोती करने में जुटा है।

तीमारदार जब डॉक्टरों से इंजेक्शन लगाने का सवाल करते हैं तो उन्हें भी धमकाया जाता है। बेड पर फटी हुई चादर बिछाई गई है। ब्लैक फंगस के मरीजों का जो बुरा हाल हैं, उनके तीमारदारों ने सच उजागर किया है, उसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। इसका वीड़िया ‘जनवाणी’ के पास मौजूद है। आखिर सिस्टम अपनी नाकामी को क्यों छिपा रहा है? ब्लैक फंगस के मरीज असहनीय पीड़ा से गुजर रहे हैं।

दिन रात दर्द से कराह रहे हैं। हालत यह है कि मरीज चीख रहे हैं, मगर इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है, यही सच मरीजों के तीमारदार सामने लाये हैं। दर्द भी इतना ज्यादा आंखों में होता है, जो कैंसर मरीज को होता है, वह भी कम है। ब्लैक फंगस के मरीजों को प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर भी भर्ती करने को तैयार नहीं है। यदि कोई ब्लैक फंगस के मरीज आते भी है तो उन्हें मेडिकल के लिए रेफर कर दिया जाता है।

मरीज की पीड़ा सुनकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं। नवीजान का भाई तीन दिन पहले मेडिकल में भर्ती हुआ था। वह मुरादाबाद का रहने वाला है, लेकिन उसे इंजेक्शन नहीं दिया गया। कहा गया कि मेडिकल में यह इंजेक्शन है नहीं तो फिर देंगे कैसे? कहा गया कि लिस्ट गई हुई है, इंजेक्शन आ जाएगा, तभी लग जाएगा। जो सिस्टम मेडिकल में व्यवस्था चॉक-चौबंद दिखा रहा है, सच उसके एकदम विपरीत है।

आखिर सिस्टम लोगों की जिंदगी से क्यों खेल रहा हैं? अपै्रल और मई माह में क्या थोड़ी मौत वेस्ट यूपी में हुई है कि दर्द कम करने की बजाय बढ़ाया जा रहा है। बिजनौर से एक मरीज मेडिकल में भर्ती है। उसे पहले टायफाइड बताया गया था। उसे बाद में ब्लैक फंगस बताई गयी, जिसके बाद मेडिकल में उपचाराधीन है, लेकिन ब्लैक फंगस बीमारी की रोकथाम के लिए जो इंजेक्शन सुबह-शाम लगता है, वह लग नहीं रहा है। ऐसा आरोप मरीज के तीमारदार लगा रहे हैं।

जनवाणी के पास तीमारदारों का वीडिया भी मौजूद है, जिसमें ऐसे गंभीर आरोप सिस्टम पर लगाये जा रहे हैं। कपिल चौधरी निवासी अमरोहा का भाई मेडिकल में भर्ती है। उसे भी ब्लैक फंगस है। उनका आरोप है कि इंजेक्शन तो लगाये ही नहीं जा रहे, उलटे पूछने पर डॉक्टर धमका भी रहे है। उनका कहना है कि उनका भाई जिस बेड पर इलाज करा रहा है, उसकी बेडसीट फटी हुई थी।

बेडसीट बदलने की बात की तो उसे धमकाया गया, जब डॉक्टर के व्यवहार पर आक्रोशित होकर प्रतिक्रिया की तो उसके बाद ही फटी चादर बदल दी है। ब्लैक फंगस के मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, लेकिन उनको इंजेक्शन लगाने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। हालांकि कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि 50 इंजेक्शन हर रोज मेडिकल को दिये जा रहे हैं।

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