- जयंत, सत्यपाल मलिक की साझा जनसभा सुर्खियों में
- मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक नहीं करेंगे रालोद की सदस्यता ग्रहण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भाजपा नेताओं से लगातार खफा चल रहे मेघालय के गर्वनर सत्यपाल मलिक अगले एक सप्ताह के भीतर शामली, बुलंदशहर और अलीगढ़ में तीन जनसभाएं करने जा रहे हैं। इसी वजह से अचानक सुर्खियों में आ गए हैं। शामली की जनसभा में सत्यपाल मलिक और रालोद सुप्रीमो चौधरी जयंत सिंह एक ही मंच को साझा करेंगे। इस वजह से भी सुर्खियों में आ गए हैं। फिर दो दिन पहले गर्वनर सत्यपाल मलिक से जयंत चौधरी की अचानक मुलाकात कुछ अवश्य ही गुल खिला रही हैं, जिसको लेकर भाजपा में भी खासी बेचैनी हैं।
हालांकि गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं का मैं आभारी हूं, लेकिन मैंने आजादी नहीं बेची। कहा कि वह किसी पार्टी की सदस्यता नहीं लेंगे। नहीं भविष्य में सक्रिय राजनीति में आऊंगा। किसान यदि नए सिरे से लड़ाई छेड़ते हैं तो मैं उनके साथ अवश्य जाऊंगा। ये बात गर्वनर सत्यपाल मलिक ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि गवर्नर रहते हुए मैं बेबाक तरीके से नहीं बोल पाया।
जब गवर्नर पद से हट जाऊंगा, तब मैं बेबाक तरीके से भी बोलूंगा। दरअसल, अलीगढ़ में दो अक्टूबर गांधी जयंती के दिन एक सभा है, जिस के मुख्य अतिथि मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक खुद होंगे। इसके बाद शामली में तीन अक्टूबर को मीटिंग है। यह मीटिंग इस वजह से भी सुर्खियों में आ गई है क्योंकि शामली की जनसभा में जो मंच बना है, उसमें रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी और गवर्नर सत्यपाल मलिक एक ही मंच को साझा करेंगे।
इस वजह से भी यह मीटिंग सुर्खियों में बन गई है। इसके बाद बुलंदशहर में भी एक मीटिंग होने जा रही है, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि सत्यपाल मलिक होंगे। इस जनसभा के आयोजक पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और पूर्व मंत्री किरण पाल रहेंगे। उधर, कुछ दिन पहले ही जयंत चौधरी का सत्यपाल मलिक के घर जाना और उनकी ये मुलाकात में कुछ तो राज हैं। सत्यपाल मलिक ने स्पष्ट किया कि जयंत चौधरी उनसे मिले अवश्य हैं तथा उनसे बात की।
क्या शामली में जो कार्यक्रम है, उसमें एक ही मंच साझा कर सकते हैं। इस पर उन्हें कोई आपत्ति तो नहीं है। सत्यपाल मलिक ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। क्योंकि वह सक्रिय राजनीति में आने वाले नहीं है। रिटायरमेंट के बाद यदि किसान कोई आंदोलन करते है तो उस आंदोलन में जरूर जाएंगे और बोलेंगे।
एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि भविष्य में वह किसी पार्टी का दामन नहीं थामेंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से उनके अच्छे रिश्ते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि चुनाव लडूंगा। हालांकि सत्यपाल मलिक ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह राष्ट्रीय लोकदल ज्वाइन नहीं करेंगे, जो चर्चाएं चल रही वो गलत हैं।
वर्ष 2024 में वह किसी राजनीतिक दल का अवश्य समर्थन करेंगे, लेकिन भाजपा के साथ कतई नहीं जाएंगे। उन्हें लगता है कि भाजपा किसानों के साथ अच्छा नहीं कर रही है, जिसके चलते वह भाजपा का कतई सहयोग नहीं करेंगे।