- निमंत्रण पत्र बंट गए अब आयोजक किसे करें शादी में आने से इंकार, बन रहा है असमंजस
- शासन की गाइड लाइन सौ से अधिक मेहमान शामिल नहीं होने से से बना लड़की वालों में असमंजस
जनवाणी संवाददाता |
बड़ौत: कोरोना का कहर एक बार फिर शुरु हो गया है। शासन की ओर से शादी समारोह के लिए विशेष रूप से गाइड लाइन जारी कर रखी है।इसमें सौ से अधिक बाराती व घराती शामिल नहीं हो सकते हैं। लेकिन शादी के लिए पहले ही निमंत्रण पत्र बंट चुके हैं। आयोजकों की जान पर यह बात आन पड़ी है कि जिन्हें निमंत्रण पत्र दिया गया है।
उन्हें अब मनाही नहीं कर सकते हैं। बैंड व घोड़ी बग्गी की मनाही हो सकती है। लेकिन मेहमानों को शादी में आने से नहीं रोका जा सकता है।नवंबर माह में ही शादियों के मुहर्त हैं। इसके बाद अप्रैल महीने में ही मुहुर्त निकल रहे हैं। मंडप, पंडित, बैंड-बाजा सब पहले ही बुक हो चुके हैंं।
शादी की तैयारियों के लिए खरीदारी का बाजार पूरी तरह से गर्म चल रहा है।एक तरफ जहां सर्दियां शुरू हो गई हैं। सर्दियों में कोरोना का कहर भी जोर पकड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर शादियों का सीजन भी शुरू हो गया। धीरे-धीरे कोरोना का आक्रमण कम हो रहा था तो लड़की व लड़के वालों की ओर से शादियों के मुहुर्त निकलवा कर शादियां तय कर दी थीं। अब लड़की व लड़कियों के परिजनों में शासन की फिर से आई गाइड लाइन को लेकर असमंजस बन गया।
शासन की ओर से शादियों में केवल सौ व्यक्ति ही शामिल होने का आदेश दिया। जबकिसबसे अधिक चिंता लड़कियों के परिजनों को यह सता रही है कि गाइड लाइन एक दो दिन पहले ही आई है। जबकि उनकी ओर से मेहमानों को बुलाने के लिए निमंत्रण पत्र एक पखवाड़े पहले ही वितरित कर दिए गए थे। अब वह किन लोगों को शादी में आने से इंकार करें और किसे न करें। उनके मन में दुविधा बनी हुई है।
शादी के लिए बैंड- बाजे, घोड़ी-बग्गी, डीजे आदि पहले ही तय कर रखे हैं। उन्हें तो मना किया जा सकता है। हालांकि उनमें भी खर्च तो हो ही गया। दूसरी ओर कोरोना के वायरस का डर भी सच्चा ही है। यदि शादी में एक भी व्यक्ति कोविड-19 से ग्रसित पाया गया तो वह पता नहीं कितने लोगों में इस वायरस को बांट दें।
शादियों का मुहुर्त शुरु, बढ़ सकता है कोरोना की बीमारी
बड़ौत: शादियां कासीजन शुरू हो गया। नवंबर से दिसंबर के शुरुआती दिनों तक यह मुहुर्त हैं। लोग इन मुहुर्त में ही शादियों को लेकर जागरूक हो रहे हैं। पंडितों के अनुसार इसके बाद शादियों के मुहुर्त अगले साल अप्रैल महीने के अंत में ही शादियों के मुहुर्त हैं। लोग जल्दी इसलिए भी कर रहे हैं। जिससे तय शादियां अभी हो जाएं।
सभी विवाह मंडप हुए बुक
बड़ौत: नगर का कोई भी विवाह शादियों का मजा किरकिरा तो हो ही गया। शादियों में बनाए गए भोजन की बर्बादी भी होनी निश्चित है। नगर में करीब-करीब सभी विवाह मंडपों में 24 से लेकर 26 तक की रात्रियों में ही शादियां होनी हैं। सभी
विवाह मंडप बुक हैं। अब कर्फ्यू के चलते विवाह मंडपों के मालिक को उनका सभी किराया मिल ही जाएगी। लेकिन लड़की वालों की ओर से शादियों में भोजन पर किया गया खर्च बेकार हो गया।
उसे खाने वाले नहीं आएंगे तो उसे उसके सड़ने पूरी की पूरी संभावना है। ऐसे भोजन को रोका भी नहीं जा सकता।उसके अब समस्या बन गई है कि इस बचे हुए भोजन को शादियों के आयोजन बांटे या फिर वह शादी में लगें। तब शादी का कार्यक्रम समाप्त होगा तब तक यह सड़ जाएगा। नगर में हाइवे पर शुरु किए राज पैलेस के मालिक व नगर के पूर्व चेयरमैन डा. मृगेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकार की गाइड लाइन का पूरा पालन किया व कराया जाएगा। कोरोना के खतरे को देखते हुए वैसे ही पहले शादियों की बुकिंग में कम लोगों के लिए विवाह मंडल बुक किए जा रहे थे।