- पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी ऊर्जा भवन पर किसानों को मनाने फिर पहुंचे उनके बीच
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ऊर्जा भवन पर गुरुवार को किसान फिर गरजे। उन्होंने किसान महापंचायत की। इसमें उन्होंने सरकार को खरी खरी सुनाईऔर उसे उनका वादा याद दिलाया। हालांकि किसानों के रवैये को देखते हुए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक एक बार फिर स्वयं किसानों के बीच पहुंचे और उन्हें समझाने की कोशिशें की, लेकिन किसानों ने साफ कह दिया कि जब तक हमें कोई पुख्ता आश्वासन नहीं मिल जाता वो यहां से हटने वाले नहीं हैं। इसके बाद एमडी ने किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल को अपने कार्यालय में वार्ता के लिए बुलाया। इस प्रतिनिधिमंडल में कुल 11 लोग शामिल थे।
गौरतलब है कि भारतीय किसान संगठन अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले छह दिनों से ऊर्जा भवन पर डेरा डाले हुए हैं। गुरुवार को किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में किसान महापंचायत बुलाई थी। हालांकि इस महापंचायत में आम किसानों को आमंत्रित नहीं किया गया था, केवल संगठन से जुड़े विभिन्न जिलों के पदाधिकारी ही बुलाए गए थे। पूरे दिन चली महापंचायत में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह भी पहुंचे।
किसानों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार ने वादा किया था कि वो किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देगी, लेकिन उसने वादा खिलाफी की है। उन्होंने कहा कि सरकार उबला बैठा है और यदि उनकी मांगों को न माना गया तो फिर किसान आर पार की लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने ट्यूबवेलों पर लगाए जा रहे मीटर का भी विरोध किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो चाटुकारों के चुंगल में फंस गई है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आज उन्हेें कोई ठोस आश्वासन न मिला तो किसान अभी यहीं से कमिश्नरी तक पैदल मार्च निकालेंगे। सभा का संचालन ललित कुमार राणा ने किया। इस अवसर पर भारतीय किसान आंदोलन के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप त्यागी, हेम सिंह तोमर, ठाकुर गजराज सिंह, तेलूराम, अन्नू मलिक, नवपत राणा, महेन्द्र पाल, राजकुमार व मोनू राणा सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
एमडी फिर पहुंचे किसानों के बीच
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अरविन्द मल्लप्पा बंगारी गुरुवार को फिर किसानों के बीच मंच पर पहुंचे और उनसे वार्ता की। किसान चाहते थे कि एमडी यहीं मंच से किसानों के बीच उनकी मांगे मानने की घोषणा करें जबकि एमडी ने किसानों को वार्ता के लिए अपने कार्यालय में आमंत्रित करने का न्योता दिया। हालांकि एमडी ने मंच से किसानों को इस बात का आश्वासन दिया कि जितनी मांगे उनके स्तर की हैं वो उस पर सहमत हैं लेकिन जो मांगे शासन स्तर की हैं उन्हें वो शासन तक पहुंचा चुके हैं और इसका फैसाल भी शासन स्तर पर ही होगा।
इसके बाद किसान एमडी से वार्ता करने के लिए उनके कार्यालय जाने को तैयार हो गए। इसके बाद 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल एमडी से वार्ता करने के लिए उनके कार्यालय पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न जिलों के अध्यक्ष व हरियाणा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष शामिल हुए। एमडी से वार्ता व आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने अपना आन्दोलन स्थगित कर दिया। हांलाकि उन्होंने सरकार को सिर्फ 15 दिनों का समय दिया है और चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर उनकी मांगे न मानी गर्इं तो 21 जुलाई से किसान अपना आन्दोलन फिर से शुरु कर देंगे।
मंगलवार को फिर होगी वार्ता
एमडी के साथ किसानों की वार्ता में तय हुआ कि मंगलवार को किसान एमडी से एक बार फिर मिलेेंगे और जो मांगे उनके स्तर की हैं उन पर चर्चा करेंगे। एमडी से वार्ता के बाद किसानों ने अपना आन्दोलन स्थगित करने की घोषणा की और ऊर्जा भवन से चले गए।
21 से फिर आन्दोलन की धमकी
भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई न हुई तो वो ऊर्जा भवन पर 21 जुलाई से फिर से आन्दोलन शुरु कर देंगे।