Friday, April 26, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutतबादलों की बारिश में टूटे सपने, अब फरियाद शुरू

तबादलों की बारिश में टूटे सपने, अब फरियाद शुरू

- Advertisement -
  • इंस्पेक्टर से लेकर सिपाहियों के ट्रांसफर से पुलिस विभाग में हड़कंप

ज्ञान प्रकाश |

मेरठ: अजीब नजारा देखने को मिल रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस विभाग में ओवरहालिंग का काम चल रहा है। बरसों से जमे लोगों को विदा किया जा रहा है। आईजी स्थापना के एक आदेश ने पूरे प्रदेश में पुलिस कर्मियों की बैचेनी बढ़ा दी है।

अचानक हुई ट्रांसफर की कार्रवाई से बहुतों के सपने टूट गए और बहुत लोग अपने कथित प्रोजेक्टों के बीच में बिखरने से परेशान दिख रहे हैं। सबसे बुरा हाल सिपाहियों के तबादला सूची जारी होने के बाद देखा जा रहा है। सिपाहियों ने जुगाड़ की नीति का सहारा लेकर अधिकारियों से मिलना शुरु कर दिया है।

आईजी स्थापना के आदेश के बाद आईजी प्रवीण कुमार ने 115 इंस्पेक्टरों के रेंज में तबादले कर दिये हैं। इसके अलावा ड़ेढ़ सौ के करीब दारोगाओं की जगह बदली गई है। वहीं 800 सिपाहियों के थानों में परिवर्तन करने की प्रक्रिया चल रही है। गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर में बरसों से जमे इंस्पेक्टर हिलने का नाम नहीं ले रहे थे क्योंकि उनके पीछे उनकी राजनीतिक ताकत अधिकारियों को कमजोर कर रही थी।

विधानसभा चुनाव को देखते हुए जैसे ही तबादला नीति को लागू करके सूची जारी की गई तो सबसे ज्यादा गाजियाबाद और मेरठ के इंस्पेक्टरों के चेहरे की रंगत उड़ने लगी। कुछ इंस्पेक्टरों ने राजनीतिक जुगाड़ लगाने की कोशिश भी की। कुछ लोग इसमें सफल भी हुए और मनचाहा जनपद हासिल कर लिया। पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारियों ने अपने चहेतों को उनकी मर्जी के जनपद दिलवाए।

यह बात सही है कि किसी भी इंस्पेक्टर को तय समय सीमा के बाद रोकने की जुर्रत किसी ने नहीं की। सबसे मजेदार दृश्य सिपाहियों के तबादलों में देखा जा रहा है। एसपी सिटी विनीत भटनागर के पास महिला सिपाहियों ने प्रार्थनापत्र देना शुरु कर दिया है। इनका कहना है कि हर सिपाही से तीन थानों के विकल्प मांगे गए थे। इस नियम के तहत सिपाहियों का ट्रांसफर किया गया।

काफी संख्या में सिपाही टीपी नगर, लिसाड़ीगेट, परतापुर, सदर और देहलीगेट जैसे कमाऊ थाने मांग रहे थे। बहुतों की इच्छा पूरी भी हुई और बहुत सिपाही निराश भी हुए। प्रार्थनापत्र देने आई महिला सिपाहियों का कहना था कि तीनों विकल्पों में से उनको थाना नहीं दिया गया। सिपाहियों के तबादले में बाकायदा बोर्ड बैठता है और विचार विमर्श के बाद थाना दिया जाता है।

कुछ महिला सिपाही अपने साथ मासूम बच्चों को और पति को लेकर आई थी ताकि अधिकारियों का दिल पसीज जाए। कुछ महिला सिपाही कचहरी, महिला थाना और रेलवे रोड जैसे थाने की फरमाइश लेकर आई थी जहां पर काम करने के लिये कुछ नहीं है। वहीं इंस्पेक्टरों के तबादले ने यह दर्द भी पैदा कर दिया है कि दूसरे जनपद में जाने पर क्या उनको चार्ज मिलेगा या नहीं।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments