- प्राधिकरण के टाउन प्लानर ने भी हॉस्पिटल का किया था दौरा, बेसमेंट में पार्किंग की जगह चलते मिली लैब
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: न्यूटिमा हॉस्पिटल को किसी तरह की राहत मिलती नजर नहीं आ रही हैं। प्राधिकरण के टाउन प्लानर ने भी हॉस्पिटल का दौरा किया था, जिसमें बेसमेंट में पार्किंग की जगह लैब चलते हुए मिले थे। समन मानचित्र भी हॉस्पिटल प्रबंधन की तरफ से नहीं दिया गया हैं। प्राधिकरण की तरफ से सीएमओ को एक पत्र भी लिख दिया हैं, जिसमें चार दिसंबर के बाद सील की कार्रवाई कर दी जाएगी। इसकी पुष्टि प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने की हैं। उनका कहना है कि हॉस्पिटल नियमों को पूरा नहीं कर रहा हैं।
मानचित्र के विपरीत हॉस्पिटल का निर्माण कर दिया गया हैं, जिसका संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जा रही हैं। ये मामला मेरठ से लेकर लखनऊ विधानसभा तक में गूंज गया हैं। शासन ने भी इसमें संज्ञान ले लिया हैं। दरअसल, न्यूटिमा हॉस्पिटल की शिकायत सपा विधायक अतुल प्रधान ने की थी, जिसमें मानचित्र के विपरीत हॉस्पिटल का निर्माण होना बताया गया था। इसी का संज्ञान लेते हुए प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने प्राधिकरण की एक टीम न्यूटिमा हॉस्पिटल में भेजी थी, जिसमें टाउन प्लान विजय कुमार की रिपोर्ट में साफ हो गया कि बेसमेंट में पार्किंग मानचित्र में दर्शायी गयी हैं,
जहां पर वर्तमान में लैब संचालित हो रहे हैं। पार्किंग की अस्पताल के पास कोई व्यवस्था नहीं हैं। इसके अलग भी मानचित्र के विपरीत बिल्डिंग का निर्माण किया गया हैं। इसका समन मानचित्र भी न्यूटिमा प्रबंध तंत्र की तरफ से प्राधिकरण में नहीं दिया गया हैं। अब न्यूटिमा को किसी तरह की राहत मिलती नजर नहीं आ रही हैं। अब चार दिसंबर के बाद हॉस्पिटल में सील की कार्रवाई संभव हो सकती हैं। प्राधिकरण के कड़े रुख के बाद डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ हैं।
कमिश्नर से मिले सपा विधायक
शनिवार सुबह सपा विधायक अतुल प्रधान कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. से मिलने पहुंचे। यहां कमिश्नर ने न्यूटिमा प्रकरण को लेकर डीएम दीपक मीणा, मेडा वीसी अभिषेक पांडेय, सीएमओ अखिेलश कुमार को बुलाया गया था। कमिश्नर ने तीनों अधिकारियों से इसको लेकर बातचीत की। विधायक ने कहा कि जो अस्पताल मानक पूरा नहीं करते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? मेडा वीसी ने 4 दिसंबर के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। सीएमओ ने भी कहा कि नोटिस भेजा गया हैं, अभी जवाब नहीं मिला। मानक पूरे नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
न्यूटिमा के संचालक पहुंचे हाईकोर्ट
इलाज को भर्ती मरीज के बिल में पैसे कम कराने को लेकर हुए विधायक अतुल प्रधान के साथ विवाद के चलते प्रशासन के शिकंजे में फंसे गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा अस्पताल के संचालकों ने हाईकोर्ट का रूख किया है। न्यूटिमा संचालकों का प्रयास है कि प्रशासन की ओर से जो कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है, हाईकोर्ट से यदि स्टे हासिल कर लिया जाता है तो फिर उस मियाद में जो खामियां बतायी गयी हैं उनको दूर किया जा सकता है।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग तथा प्राधिकरण प्रशासन की जांचों का सामना कर रहे न्यूटिमा संचालक राहत के लिए बुरी तरह से छटपटा रहे हैं। उनका प्रयास है कि जो भी जांचें चल रही हैं और जो भी खामियां तमाम विभागों ने बतायी हैं उनको दूर करने के लिए कुछ मोहलत मिल जाए, लेकिन ऐसा होता जब नजर नहीं आया तो संचालकों ने अब हाईकोर्ट की शरण ली है।
न्यूटिमा पर कस रहा शिकंजा
न्यूटिमा प्रकरण को लेकर तमाम जांचों में फंसे न्यूटिमा संचालकों पर अब शिकंजा सकता जा रहा है। सपा विधायक अतुल प्रधान द्वारा विधानसभा में न्यूटिमा के मामले को उठाए जाने के बाद आने वाले दिनों में परेशानियों में ज्यादा इजाफा होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। विधानसभा में न्यूटिमा को लेकर विधायक ने तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले के विधानसभा में उठाए जाने के बाद जो विभाग जांच कर रहे हैं या जिनके स्तर से कार्रवाई जारी है, उसमें और भी तेजी की आशंका से इंकार नहीं किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसी के चलते न्यूटिमा संचालकों ने तमाम विभागों की कार्रवाई से राहत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली है।
मरीजों की शिफ्टिंग में राहत नहीं
न्यूटिमा संचालकों के लिए सबसे बड़ी मुसीब अस्तपाल में भर्ती मरीजों की शिफ्टिंग है। न्यूटिमा संचालकों को मरीजों को शिफ्ट करने के लिए नोटिस दिया गया है। करीब 150 से ज्यादा मरीज वर्तमान में वहां भर्ती हैं। इतनी बड़ी संख्या में मरीजों को शिफ्ट किया जाना कोई आसान काम नहीं है। जानकारों का कहना है कि नोटिस मिल ने के बाद संचालकों ने अब तक तमाम स्तरों पर प्रयास कर राहत हासिल करनी चाही है, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। जिसके चलते अभी मुसीबत से निजात मिलती दिखाई नहीं दे रही है।