- विद्युत लाइनों के रखरखाव को लेकर विद्युत विभाग के दावे खोखले
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बिजली विभाग के उच्च पदस्थ महकमे में आमूल सुधार खासतौर से लाइनों के रखरखाव को लेकर भले ही कुछ ही दावा करे, लेकिन जमीनी हकीकत उनके दावों से एकदम इतर है। लाइनों का रखरखाव कैसा किया जा रहा है। इसका अंदाजा जनवाणी के छायाकार के कैमरों में मंगलवार को कैद किए गए इन दो चित्रों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। शहर के कबाड़ी बाजार इलाके में हाइटेंशन तारों पर यह बेल ऐसे लिपटी हुई है।
मानों किसी के बंगले का यह हिस्सा हो। जिसको बेल से सजा दिया गया हो, लेकिन हकीकत बेहद भयावह है। जिस प्रकार से लाइन पर यह बेल लिपटी हुई है, उससे कभी बड़ा फाल्ट हो सकता है। घनी आबादी वाले इस इलाके में जहां हमेशा भीड़ भाड़ रहती है, यदि दिन में कोई फाल्ट हो जाए तो लोगों के चपेट मे आने का अंदेशा बना रहेगा। पूरे इलाके बत्ती गुल हो जाएगी, सो अलग। दूसरा चित्र लिसाड़ीगेट क्षेत्र का है।
जिसमें हाइटेंशन लाइनें पेड़ की टहनियों के बीच से होकर गुजर रही है। आमतौर पर बिजली महकमे का नियम निर्देश यह होता है कि फाल्ट की आशंका को निर्मूल रखने के लिए लाइन को हमेशा साफ रखा जाता है। जहां भी पेड़ों की टहनियां लाइन पर आने लगती हैं। उन्हें काट दिया जाता है, लेकिन लिसाड़ीगेट इलाके में जिस स्थान का यह चित्र है, लगता है कि बिजलीघर का स्टाफ महकमे की हिदायतों को भूलाए बैठा है।
इस प्रकार की लापरवाही हमेशा ही बड़े नुकसान का कारण बनती हैं। ऐसा नहीं कि इस लापरवाही से केवल लाइन लोस ही होगा। इस प्रकार की लापरवाही से कई बार जनधन की भी हानि हो सकती है। यदि अचानक टहनी के दबाव से हाइटेंशन लाइट टूटकर पब्लिक पर गिर जाए तो अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता कि कितनी ज्यादा जन हानि होगी। इसलिए जागो! बिजली वालों जागो!