Friday, March 29, 2024
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कृपया पेशेंट ध्यान दें, मेडिकल न आएं, डाक्टर हैं गायब

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  • प्राचार्य के औचक छापे में कई एचओडी व उनका स्टाफ नहीं मिला ड्यूटी पर
  • एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री, फोरेन्सिक मेडिसिन, एसपीएम व पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष को थमाए नोटिस

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: इलाज के लिए यदि सरदार बल्लभ भाई पटेल मेडिकल अस्पताल आ रहे हैं तो कृपा फिलहाल न आए। क्योंकि जिन डाक्टरों से इलाज की आस में मरीज मेडिकल आ रहे हैं उनमें से ज्यादातर डाक्टर ड्यूटी पर काम करने के बजाए गायब रहते हैं। ऐसे ही कई डाक्टरों को जो ड्यूटी से गायब रहते हैं उनको मेडिकल प्राचार्य ने नोटिस थमाकर चौबीस घंटे में जवाब मांगा है।

कोरोना संक्रमण काल और यह हाल

इन दिनों पूरा देश कोरोना संक्रमण काल से गुजर रहा है। तमाम सरकारी और प्राइवेट अस्पताल संक्रमितों से भरे पडेÞ हैं। मेडिकल की ऐसे में बड़ी जिम्मेदारी है।

संक्रमित व दूसरे अन्य मरीजों जिन्हें कहीं ठिकाना नहीं मिलता है उनके लिए एकमात्र सहारा मेडिकल अस्पताल है, लेकिन यदि मेडिकल अस्पताल में ही ड्यूटी से डाक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ गायब हो जाएंगे तो फिर मरीजों खासतौर से उन मरीजों का जिनके लिए एक एक मिनट इलाज के नजरिये से बेहद कीमती है उनके इलाज की जिम्मेदारी फिर कौन लेगा। ऐसे मरीजों को मौत आसानी से झपट्टा मार सकती है।

प्राचार्य की छापेमारी में खुली पोल

ड्यूटी से गायब रहने वाले डाक्टरों व उनके स्टाफ की कारगुजारी की पोल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार द्वारा सोमवार को मारे गए छापों के बाद खुस की। बताया जाता है कि मेडिकल की सीनियर डाक्टरों के अक्सर ड्यूटी से गायब हरने की शिकायतें डा. ज्ञानेन्द्र कुमार को मिल रही थीं। उनको गंभीर मानते हुए वह अचानक ड्यूटी चैक करने के लिए निकल पडेÞ तो किस प्रकार और कितनी ईमानदारी से ड्यूटी की जा रही है इसकी पोल एक ही झटके में खुल गयी। करीब पांच सीनियर विभागाध्यक्ष व बड़ी संख्या में पैरा मेडिकल स्टाफ ड्यूटी से गायब पाए गए।

इन्हें थमाए गए हैं नोटिस

ड्यूटी से गायब रहने वाले जिन विभागाध्यक्षों को मेडिकल प्राचार्य ने कारण बताओ नोटिस थमाए हैं उनमें एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री, फोरेन्सिक मेडिसिन, एसपीएम व पैथालॉजी विभागाध्यक्ष शामिल हैं। प्राचार्य के इस सख्त कदम में मेडिकल के काम चोरी के लिए बदनाम स्टाफ में हड़कंप मचा हुआ है। ज्यादातर ने तो प्राचार्य के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहनाा है कि कम से कम हालात में सुधार की शुरुआत तो हो सकी है।

यह कहना है प्राचार्य का

मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार ने बताया कि औचक निरीक्षण के दौरान जो लोग ड्यूटी पर नहीं मिले हैं उनको नोटिस देकर कारण पूछा गया है। ड्यूटी पर मौजूद न रहना बेहद गंभीर है

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