- सेलिब्रिटी की तरह नहीं छात्र की तरह आते हैं सैन्य अफसर पीएचडी करने
- पीएचडी के प्री पीएचडी वर्क में छूट के कारण सैन्य अफसरों को पसंद है मेरठ कॉलेज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शिक्षा के क्षेत्र में जहां मेरठ कॉलेज का नाम देश समिति विदेशों में भी जाना जाता है। वहीं, यह कॉलेज भारतीय सैन्य अफसरों की पढ़ाई के लिए भी पहली पसंद बना हुआ है। 1980 से लेकर 2020 तक मेरठ कॉलेज के डिफेंस स्टडी डिपार्टमेंट से 80 सैन्य अफसर शोध कर चुके हैं। वर्तमान की की बात करें तो इंडियन आर्मी के 19 बड़े अफसर मेरठ कॉलेज से इस समय पीएचडी कर रहे हैं। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीडीएस बिपिन रावत इसी कॉलेज के छात्र रहे हैं।
सूत्रों की माने तो हाल ही में सेना के दो बड़े अधिकारी मेरठ कॉलेज से पीएचडी की हैं, हो सकता है कि उनमें से ही अगला आर्मी चीफ बने। बिपिन रावत ने 2011 में अपनी पीएचडी उपाधि पूरी की थी। जिसके बाद सेना के अन्य बड़े अधिकारियों ने भी मेरठ कॉलेज से पीएचडी करना शुरू किया। गुरुवार को डिफेंस स्टडी डिपार्टमेंट के एचओडी डा. हेमंत पांडे ने बताया कि अब तक 80 सैन्य अफसर यहां से पीएचडी कर चुके हैं।
जिसमें पांच सर्विस लेफ्टिनेंट जनरल सात ब्रिगेडियर और दो मेजर जनरल शामिल है। डा. हेमंत पांडे ने बताया कि सीडीएस बिपिन रावत चाहते थे कि भारत की एक्सटर्नल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए देश की तीनों सेनाओं में तालमेल हो। प्रो. संजय बताते हैं कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबंधित मेरठ कॉलेज में 1948 में रक्षा अध्ययन विभाग शुरू हुआ था। आजादी के एक साल बाद कॉलेज में डिफेंस स्टडी डिपार्टमेंट शुरू किया गया, लेकिन तब तक यहां पीएचडी नहीं होती थी। केवल यूजी और पीजी कोर्स थे।
1980 में डिपार्टमेंट में पीएचडी शुरू हुई तब से लगातार सैन्य अफसर यह पीएचडी करने के लिए एडमिशन लेते हैं। हर साल 15 अवसर पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हैं। प्रो. संजय ने बताया कि सैन्य अफसर कॉलेज परिसर में परीक्षा और वायवा देने के लिए सेलिब्रिटी की तरह नहीं बल्कि एक छात्र की तरह आते हैं। जोकि बहुत बड़ी बात है। देश में कुल चार यूनिवर्सिटी में छात्रों को प्री पीएचडी वर्क एग्जपन की सुविधा है। जिसमें मेरठ कॉलेज आर्मी अफसरों की पहली चॉइस है। यह सुविधा मेरठ कॉलेज के बाद पुणे यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और मद्रास यूनिवर्सिटी में भी है।
मेरठ कॉलेज से ये आर्मी आॅफिसर कर चुके पीएचडी
सीडीएस बिपिन रावत, लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल बीएस सहरावत, लेफ्टिनेंट जनरल अरविंद महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल अमित सरीन, कर्नल संजीव तोमर, कर्नल राजीव दलेला, लेफ्टिनेंट कर्नल एचपी सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन, लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, मेजर जनरल ओपी गुलिया, जनरल आरआर निंबोरकर, लेफ्टिनेंट जनरल राजन रविंद्रन, ब्रिगेडियर एके माथुर, बिगेडियर विक्रम रैना आदि।
डीएन डिग्री कालेज में प्रवक्ता है पत्नी यशविका
तमिलनाडु के कुन्नुर में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश हादसे में मेरठ के दामाद कुलदीप सिंह भी शहीद हो गए। मेरठ के सैनिक विहार में स्कवाड्रन लीडर कुलदीप की ससुराल थी। 2019 में मेरठ की बेटी यशविका से कुलदीप की शादी हुई थी।
राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह की 2019 में मेरठ की यशविका ढाका के साथ शादी हुई थी। बीती 4 अक्टूबर को ही कुलदीप सिंह मेरठ ससुराल में सास-ससुर से मिलने आए थे। स्कवाड्रन लीडर कुलदीप सिंह राव की सास सावित्री ढाका ने जब से दामाद के निधन की खबर सुनी है आंखू के आंसू थम नहीं रहे। सावित्री ढाका ने बताया कि जिस दामाद को बेटे की तरह माना वो ऐसे मुझे अकेला कर गया।
पीजी कॉलेज में प्रोफेसर हैं यशविका
स्कवाड्रन लीडर कुलदीप सिंह की पत्नी यशविका ढाका ने जयपुर के वनस्थली कॉलेज से पढ़ाई की इसके बाद मेरठ के विद्या नॉलेज पार्क से बीटेक किया है। 19 नवंबर 2019 में यशविका और कुलदीप सिंह दोनों की परिवार की मर्जी से शादी हुई थी। यशविका के पिता भारतीय फौज से सेवानिवृत्त हैं। भाई यूपी पुलिस में हैं। मूल रुप से यशविका बागपत के ढिकौली की रहने वाली है और उनके परिवार ने कंकरखेड़ा के सैनिक विहार कालोनी में मकान बनवा लिया है। दामाद की मौत की सूचना मिलते ही पूरा परिवार दिल्ली निकल गया था।
यशविका डीएन पीजी कॉलेज में कामर्स विभा में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। फिलहाल एक साल से अवकाश पर चल रही है। मेरठ से सीडीएस बिपिन रावत का भी खास नाता रहा है। यहां से बिपिन रावत ने रोल आॅफ मीडिया इन आर्म्ड फोर्सेस विषय में पीएचडी की थी। विपिन रावत के गाइड मेरठ के प्रो. मेजर हरवीर शर्मा इस खबर से बेहद व्यथित हो गए। प्रोफेसर मेजर हरवीर शर्मा ने जैसे ही बिपिन रावत के निधन की खबर सुनी। वो स्तब्ध रह गए। उन्होंने बताया कि बिपिन रावत के अनुशासन के वे भी कायल थे। मेरठ कॉलेज के डिफेंस स्टडीज डिर्पाटमेंट से देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत ने 2011 में रोल आॅफ मीडिया इन आर्म्ड फोर्सेस विषय में पीएचडी पूरी की थी।