- निगम की बोर्ड बैठक में हुआ था बवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बसपा सुप्रीमो मायावती के ट्वीट से शहर की राजनीति गरमा गई हैं। नगर निगम बोर्ड बैठक में हुई मारपीट को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया हैं तथा प्रदेश सरकार से कहा है कि ये घटना बेहद निंदनीय है और इसमें सरकार को दलित के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। दरअसल, मायावती के ट्वीट करने के बाद यहां की सियासत गरमा गई हैं। अब तक दलित समाज के लोग शांत बैठे थे, इसके बाद अचानक दलित समाज के लोग सक्रिय हो गए हैं। दलित इस मुद्दे को लेकर बड़ी भीड़ जुटाकर बड़ा कार्यक्रम भी कर सकते हैं। ऐसी भी चर्चाएं चल रही हैं।
नगर निगम बोर्ड बैठक में कुछ पार्षदों ने महिला पार्षदों पर टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद भाजपा एमएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज भड़क गए थे तथा पार्षदों से कहासुनी हो गई थी। जो बात बढ़ते हुए मारपीट और धक्का-मुक्की तक पहुंच गई थी। एमएलसी के सीने पर एक पार्षद ने हाथ मार दिया था, जिसके बाद मारपीट होने लगी। बात इतनी बढ़ी की भाजपा के पार्षद, विपक्षी पार्षदों पर पिल पड़े थे। इसके वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इसी को लेकर आशीष चौधरी और कीर्ति घोपला ने एक तहरीर देहली गेट थाने में दी थी, जिसके आधार पर अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर लिया गया हैं।
इसमें एससीएसटी में मुकदमा दर्ज हुआ हैं। भाजपा की तरफ से भी एक तहरीर दी गई थी। हालांकि भाजपा की तरफ से दी गई तहरीर को पुलिस ने अभी दर्ज नहीं किया हैं। इस प्रकरण को लेकर गरमा-गरमी चल ही रही थी कि अब बसपा सुप्रीमो मायावती भी कूद गई हैं। उन्होंने ट्वीटर पर एक ट्वीट किया हैं, जिसमें कहा है कि नगर निगम मेरठ की बोर्ड बैठक में जो दलित पार्षद के साथ मारपीट की गई, वो बेहद शर्मसार कर देने वाली घटना हैं। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। इस प्रकरण में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग बसपा सुप्रीमो मायावती ने की हैं।
कहा है कि दोषियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करें। ये घटना बेहद निंदनीय हैं। इसमें सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। बसपा सुप्रीमो के इस ट्वीट के बाद बसपा नेताओं में जोश आ गया हैं। बसपा नेताओं ने एक मीटिंग कर दो टूक ऐलान कर दिया कि इसमें पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो उन्हें निश्चित रूप से बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा। इससे पहले रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी भी दलित पार्षदों के घर पर गए थे
तथा कहा कि था ये घटना बेहद निंदनीय हैं, जिसमें दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी घटना वाले दिन ही पार्षद आशीष चौधरी और कीर्ति घोपला के घर पहुंचे थे। ये प्रकरण अब तूल पकड़ गया हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती के ट्वीट करने के बाद दलित समाज आक्रोशित हो गया हैं। इस मुद्दे को लेकर दलित समाज के लोग एकजुट हो रहे हैं।
निगम बवाल में समझौते की आहट
नगर निगम बोर्ड बैठक में जो बवाल हुआ, उसके बाद देहली गेट थाने में एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। इस पूरे प्रकरण में अब समझौते की आहट दिखाई दे रही हैं। पार्षद अशीष चौधरी ने बताया कि उनके साथ मारपीट करने वाले कौन थे? ये उन्हें मालूम नहीं हैं। क्योंकि भीड़ ने उन्हें जमीन पर गिरा रखा था और पीट रहे थे। मारपीट करने वाले कौन थे, ये वो नहीं जानते।
अज्ञात में इसलिए मुकदमा दर्ज कराया हैं। हालांकि आशीष का कहना है कि जयंत चौधरी और बड़े नेताओं के उनके घर आने के बाद मनोबल बढ़ा है। इस प्रकरण को लेकर लड़ाई लड़ी जाएगी। ऐसा वो बता रहे हैं। समझौते की बात से आशीष इनकार कर रहे हैं, लेकिन साथ ही ये भी कह रहे है कि फैमिली का दबाव उस पर हैं। इसी वजह से वो घर से भी कही बहार नहीं जा पा रहे हैं।
पहले विधायक अब भाजपाई पहुंचे आईजी से मिलने
मारपीट प्रकरण को लेकर सोमवार को पीड़ित पार्षद व सपा विधायक के बाद दूसरे दिन मंगलवार को भाजपाई आईजी जोन नचिकेता झा से मिलने पहुंचे और दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग की। भाजपा जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा व महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज के नेतृत्व में आईजी से भाजपा का प्रतिनिधि मंडल मिला। भाजपा नेताओं ने कहा कि उनकी तहरीर पर अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। आरोपी खुले घूम रहे हैं। इस मामले में आखिर देरी की वजह क्या है। इस बीच यह भी जानकारी मिली है कि पुलिस को उक्त प्रकरण में जो जांच नगर निगम प्रशासन द्वारा कराई जा रही है, उसका इंतजार है।
माना जा रहा है कि उसको आधार बनाकर पुलिस लिखा पढ़ी के मूड में है। वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने बताया कि 30 दिसंबर को बोर्ड बैठक में पार्षद फजल करीम, आसिफ सैफी एवं रिजवान अंसारी ने महिला पार्षदों के प्रति अभद्र टिप्पणी की और अनुसूचित वर्ग के पार्षदों पर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। इसी समय कुलदीप कुमार उर्फ कीर्ति घोपला एवं अशीष चौधरी पार्षदों द्वारा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार एवं अभद्रता की गयी। पार्षद पवन चौधरी द्वारा इसकी तहरीर थाना देहली गेट में तत्समय ही दे दी गयी थी। जिसमें अभी तक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नही की गयी है
और न ही इस सम्बन्ध में कोई कानूनी कार्यवाही की गयी है। अनुसूचित वर्ग तथा महिला पार्षदगण इस समय अपने आप को अपमानित महसूस कर रहें है। उपरोक्त अभियुक्तगण आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति है। इनका पूर्व का इतिहास जांच कर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। आईजी जोन से मिलने वालों में पार्षद रेखा सिंह, बबीता खन्ना, सुनीता प्रजापति, डा. अनुराधा, निरंजन सिंह, अरुण मचल वाल्मीकि, आनंद जाटव, अशोक कनौजिया, रेशमा सोनकर, कुलदीप बाल्मीकि, विमला देवी, दीपक मनोठिया, दिनेश बाल्मीकि मीडिया प्रभारी अमित शर्मा उपस्थित रहे शामिल थे।