- राजकीय इंटर कालेज हस्तिनापुर पर हुई नोकझोंक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हस्तिनापुर के राजकीय इंटर कालेज के बूथ पर मतदान कर्मियों को पार्टी प्रत्याशी के एजेंटों ने जमकर हड़काया। इसको लेकर काफी देर तक हंगामा व शोर शराबा भी हुआ। मतदान भी प्रभावित हुआ। मौके पर बसपा प्रत्याशी भी पहुंचे, लेकिन तब तक धमकाने वाले एजेँट मौके से नदारद रह चुके थे। यह मामला दोपहर लगभग 12 बजे हस्तिनाुपर विधान सभा के अन्तर्गत रामराज में मुख्य बिजनौर मार्ग पर स्थित राजकीय इंटर कालेज में शुक्रवार को पेश आया। यहां के बूथ संख्या-48 पर अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण तरीके से मतदान चल रहा था। इस कालेज में छह पोलिंग बूथ बनाये गये थे। बूथ संख्या-48 पर एक पार्टी के तीन एजेंट पहुंचे तथा मतदान करा रहे कर्मचारियों को मतदान केन्द्र के अन्दर ही पहुंचकर धमकाया कि वह मतदान अभिकर्ताओं को बाहर क्यों बैठा रहे हैं।
मतदान एजेँटों को तो पोलिंग बूथ के अंदर बैठने का अधिकार है तथा इस अधिकार का हनन कैसे हो सकता है? मतदान कर्मी पहले तो इन्हें भारत निर्वाचन आयोग की टीम का सदस्य समझते रहे। लेकिन जब उनके साथ कोई सुरक्षा कर्मी नहीं दिखा तब मतदान कर्मचारियों को अहसास हुआ कि यह तो खुद मतदान एजेंट हैं। इसके बाद मतदान कर्मचारी इन एजेंटों पर भड़क गये। नोकझोंक व तकरार होने लगी। हंगामा होते देख मौके पर पुलिस कर्मचारी फौरन पहुंचे। तब तक हंगामा करने वाले सभी एजेंट इधर-उधर छितरा गये। हंगामे की सूचना पाते ही बसपा प्रत्याशी चौधरी बिजेन्द्र सिंह खुद भी इस बूथ पर पहुंचे।
वह हंगामा कर मतदान कर्मियों को धमकाने वालों के बारे में पूछने लगे तो मतदान कर्मी हंगामे की बात को ही नकारने लगे। मौके पर ही जनवाणी से विशेष बातचीत में बसपा प्रत्याशी चौधरी बिजेन्द्र ने मतदान कर्मियों पर आरोप लगाये कि सभी रालोद प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रहे हैं। अपनी हार देखकर रालोद और गठबंधन प्रत्याशी बौखला गये हैं। वह हंगामा करके वोटरों को मतदान केन्द्र आने से रोक रहे हैं। लेकिन उत्पीड़न का शिकार हो चुकी जनता अब जागरूक हो गयी है। अब जनता को पता है कि कौन उसका हितैषी है।
मतदान के दौरान ही बसपा प्रत्यशाी के कार्यालय पर छापा
मेरठ: पहले चरण के मतदान के दौरान बिजनौर लोकसभा के बसपा प्रत्याशी चौधरी बिजेन्द्र सिंह के मवाना स्थित कार्यालय पर पुलिस ने छापा मारा। खुद मवाना थाने के प्रभारी निरीक्षक फोर्स के साथ छापा मारने पहुंचे, लेकिन मौके से न तो कोई बरामदगी हुई और न ही यह स्पष्ट हुआ कि छापा क्यों मारा गया है? यह घटना शुक्रवार की सुबह की बताई जाती है। उस समय मतदान चल रहा था तथा लोग वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ पहुंचे थे अथवा खेतों में गेहूं कटाई का काम कर रहे थे।
इसी दौरान मवाना थाने की फोर्स प्रभारी निरीक्षक के साथ बसपा प्रत्याशी चौधरी बिजेन्द्र सिंह के मवाना स्थित कार्यालय पर पहुंची तथा तलाशी लेने लगी। उस दौरान बसपा प्रत्याशी समर्थकों के साथ हस्तिनापुर क्षेत्र में थे। अपने कार्यालय पर छापा डलने की सूचना पाते ही बसपा प्रत्याशी फौरन कार्यालय को पहुंचे लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही छापा मारने वाली पुलिस वापिस लौट गई। पुलिस को छापे में कुछ मिला भी नहीं। छापा किस मकसद से मारा गया, यह भी देर रात तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
सीआरपीएफ के साथ पंजाब पुलिस ने संभाला मोर्चा
पहले चरण के मतदान के लिए पोलिंग बूथ पर सुरक्षा की खास व्यवस्था रही। सीआरपीएफ के साथ-साथ आरपीएफ व पंजाब पुलिस भी मुस्तैद रही। बिजनौर लोकसभा के अन्तर्गत आने वाली हस्तिनापुर व मवाना विधान सभा क्षेत्रों के 345 बूथों पर इस बार अभूतपूर्व सुरक्षा के इंतजाम किये गये थे। सीआरपीएफ के जवान सभी बूथों के अंदर मोर्चा संभाले हुए थे। शस्त्रों के साथ लैस यह जवान पूरी तरह से अलर्ट मोड पर थे। हस्तिनाुपर खादर के मतदान केन्द्रों पर सीआरपीएफ के जवान किसी भी बाहरी आदमी को मतदान केन्द्र के भीतर तक जाने नहीं दे रहे थे। इन मतदान केन्द्रों पर बाहर यूपी पुलिस के जवान भी सुरक्षा के लिए मुस्तैद थे।
एक दारोगा तथा आठ जवानों के साथ-साथ इन बूथों पर आरपीएफ की एक-एक टुकड़ी भी तैनात की गई थी। मवाना के अधिकांशत: बूथों पर पंजाब पुलिस की तैनाती की गई थी। सीआरपीएफ के साथ-साथ बाहर पंजाब पुलिस की बटालियन सुरक्षा के लिए अलर्ट थी। मवाना के मतदान केन्द्रों पर पंजाब पुलिस की महिला कांस्टेबिल भी बहुतायत संख्या में थी। कई बूथों पर ब्लैक कमांडो की ड्रेस में पंजाब पुलिस की लेडी कमांडो भी तैनात की गई थी। अत्याधुनिक शस्त्रों के साथ यह महिला कमांडो गर्मी की परवाह किये बिना अलर्ट मोड पर नजर आर्इं। मतदान केन्द्र के अंदर भी महिला कमांडो व यूपी पुलिस के जवान सुरक्षा के लिए तैनात थे।