Sunday, July 20, 2025
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शहर में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही प्रधानमंत्री आवास योजना

  • भ्रष्टाचार के चलते पात्र व्यक्तियों को अपात्र बना रहा प्रशासन

जनवाणी ब्यूरो |

शामली: शहर में प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। शहर के मोहल्ला बूढ़ा बाबू, पंसारियान, घेरबुखारी में ऐसे सैंकड़ों कच्चे या जर्जर मकान हैं जो कभी भी गिर सकते हैं जिसमें परिवार के सदस्यों की जनहानि हो सकती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र होने बाद भी तहसील प्रशासन फाइल को आगे नहीं बढ़ा रहे या फिर अपात्र की श्रेणी में रख रहे हैं जबकि डूडा विभाग अपनी रिपोर्ट में पात्र घोषित कर चुका है। कहीं न कहीं यह पूरा मामला भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है।

शामली शहर के मोहल्ला बूढ़ा बाबू में कमला पत्नी राजू का मकान है। 25 गज का यह मकान पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। कभी 40 साल पहले बनाए गए इस मकान में र्इंटों का लिंटर डाला गया था जो आज पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। लिंटर और दीवारों के बीच जगह (दरारें)बन गई हैं।

जर्जर लिंटर के मलबे को रोकने के लिए लकड़ी की फट्टी या अन्य साधन कर किसी तरह राजू का परिवार उक्त मकान में रह रहा है। इस मकान में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। राजू रिक्शा चलाकर अपनी पत्नी और तीन बच्चों का पालन कर रहा है। राजू का कहना है कि उसने अपनी पत्नी के नाम से आवेदन किया था।

डूड़ा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में पात्र घोषित कर दिया था लेकिन कानूनगो व लेखपाल ने दो बार उन्हें अपात्र घोषित कर दिया। इसी प्रकार मोहल्ला पंसारियान में भी सलमा का मकान सिर्फ 35 गज में है। मकान में आग लगने से उसकी कड़ियां भी जल गई थी। अब पीड़िता अपने तीन बच्चों के साथ छप्पर डालकर रह रही है। सलमा का कहना है कि उन्होंने कई बार आवेदन किए हैं लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया।

डूडा विभाग ने अपने शासनोदश के अनुसार राजू के मकान को पात्रता श्रेणी में रखा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शासनादेश में पात्र व्यक्ति की आय तीन लाख से कम होनी चाहिए, वर्तमान में कच्चा या अर्द्धपक्का मकान हो, गाटर, सिल्ली, अर्द्धपक्का मकान या प्लाट पात्रता की श्रेणी में आता है। शासनादेश के बाद भी तहसील प्रशासन पात्र लोगों को अपात्र घोषित कर रहे हैं जो कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर
रहा है।

वहीं कानूनगो अमरीश शर्मा ने बताया कि धरातल पर लेखपाल ने जांच की है। उनकी रिपोर्ट के अधार पर ही पात्र या अपात्र घोषित किए जाते हैं। यदि किसी को रिपोर्ट पर आपत्ति है कि तो उसकी जांच दोबारा से कराई जाएगी।

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