- दश लक्षण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म की पूजा
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: रविवार को श्री 1008 महावीर दिगंबर जैन मंदिर में शांति धारा का सौभाग्य मनीष जैन, सम्यक जैन, सलेक चंद जैन, राजेश जैन को प्राप्त हुआ। प्रथम अभिषेक पारस जैन, निखिल जैन ने किया। सुपाश्रेनाथ गर्भ कल्याणक मनाया गया। विधान के संयोजक वीरेश जैन ने बताया कि आज उत्तम आर्जव धर्म की पूजा की गई।
यह पर्व आत्मसिद्धि का पर्व है। उत्तम आर्जव धर्म के बारे में बताया कि मन कर्म वचन के साथ होने पर ही उत्तम आर्जव धर्म फलित होता है। जीवन जीने के दो तरीके हैं, पहला सरलता और दूसरा छल कपट का। शांति तो साधना से ही मिलेगी और सौम्य व्यवहार आनंद दिलाता है। सरल बनने के लिए ही कला सिखाता है उत्तम
आर्जव धर्म।
विधान आचार्य सतेंद्र जैन टीकमगढ़ ने विधि विधान से पूजा-अर्चना कराई। मंदिर की भव्यता देखने लायक रही। सुंदर लाइट की व्यवस्था अरविंद जैन व अखिलेश जैन द्वारा की गई। संगीतकार रमेश चंद्र नामदेव ने सुंदर-सुंदर भक्ति में भजन द्वारा समा बांधा और पाठ को आगे बढ़ाया।
इस अवसर पर अध्यक्ष सुदेश जैन, मंत्री राजेश जैन, कोषाध्यक्ष राजेश जैन, संयोजक वीरेश जैन, पंकज जैन, विकास जैन, सिलेक्शन जैन, भूषण लाल जैन, महेश जैन, पवन जैन आदि मौजूद रहे।
सरल हृदय व्यक्ति ही सुयश प्राप्त करता है
श्री दिगंबर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र गढ़ीपुख्ता में 10 लक्षण महापर्व के तीसरे दिन 13 दिन विधान के अंतर्गत उत्तम आर्जव धर्म की पूजा की गई। उत्तम आर्जव धर्म अपनाने से मन एकदम निष्कपट निश्छल एवं राग द्वेष से रहित हो जाता है। सरल हृदय व्यक्ति ही सुयश एवं कीर्ति को प्राप्त होता है।
हृदय में सच्ची सरलता धारण करना ही उत्तम आर्जव धर्म है। प्रक्षाल शांतिधारा के पश्चात विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। उत्तम आर्जव धर्म की पूजा की गई। तेरह दीप विधान के अंतर्गत द्वितीय मेरु विजय मेरु की स्थापना की गई। शाम को भजन आरती हुई।
इस अवसर पर सुरेश चंद जैन, महेंद्र प्रधान, नीरज जैन, अनिल जैन, सुदेश जैन, दीपक राय जैन, नीरज राय जैन, अजय जैन, ऋषभ जैन, ममता जैन, नीलम जैन, संगीता जैन, स्मिता जैन, रेणु जैन आदि मौजूद रहे।