Wednesday, April 23, 2025
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जिला जेल में डिजिटल स्क्रीन पर ले रहे कैदी शिक्षा का ज्ञान

  • कारागार में सजायाफ्ता कैदी सीख रहे नैतिकता व्यवसायिक का ज्ञान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जरायम की दुनिया में कदम रखने वाले चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में अपराधी भी अब अपराध का रास्ता त्याग शिक्षा की जोत जगाने में लग गए हैं। कारागार में शिक्षा की पाठशाला में अब कैदियों को कैदी की तरह नहीं उन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ाने के साथ साथ तकनीकी कम्प्यूटर ज्ञान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बंदियों के लिए खासतौर से 77 इंच डिजिटल स्क्रीन स्मार्ट बोर्ड लगाकर इन्हें आर्गेनिक व तकनीकी व्यवसायिक शिक्षा में निपुण करने की प्लॉनिंग है।

वर्ष 2015 से पहले चौधरी चरण सिंह जिला कारागार की बात करें तो बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दी जाने वाली शैक्षिक सुविधाओं का अभाव होता था। लेकिन वर्तमान में कारागार में बंदियों के लिए प्रशासन की ओर से अत्यधिक सुविधाओं व उनका शैक्षिक व बौधिक स्तर सुधारने के लिए अनूठी पहल की गई है। डिजिटल युग की शुरुआत होते ही कैदियों को भी कम्प्यूटर का ज्ञान व व्यावसायिक जानकारी के अलावा आर्गेनिक कृषि का पाठ पढ़ाया जा रहा है।

इसके लिए कारागार प्रशासन ने स्कूल में बंदियों के लिए 70 इंच से ज्यादा का स्मार्ट बोर्ड लगाकर उन्हें डिजिटल क्लासें कराई जा रही हैं। अब बंदियों को स्मार्ट बोड लगाकर उन्हें प्रत्यक्ष तौर पर विभिन्न विषयों पर जानकारी देकर स्पेशल क्लास कराई जाने लगी हैं। इसके लिए जेल में बंद सजायाफ्ता ही बंदियों को इग्नू की स्नातक स्तर से लेकर विभिन्न विषयों पर प्राइमरी ,आर्गेनिक व कम्प्यूटर की क्लास चलाई जा रही हैं।

वर्तमान में कारागार में कुल 2401बंदी हैं। जिनमें 2332 पुरुष बंदी हैं। जबकि 69 बंदी महिलाएं हैं। जिनमें कारागार में 73 बंदी ऐसे हैं जो इग्नू से ग्रेजुएशन की तैयारी कर स्नातक की परीक्षा में शामिल होंगे। जबकि हाईस्कूल के लिए 3 बंदी परीक्षा के लिए पूरी लगन से तैयारी में हैं। वहीं दो बंदी ऐसे हैं जो वर्ष 2024 में इंटर की परीक्षा देगें।

  • कारागार में बंद सजायाफ्ता बंदी सतीश पुत्र सरदार सिंह की एजुकेशन है। वर्ष 2014 में धारा 302 में दोष सिद्ध होने के बाद बंदियो को हाई स्कू ल से लेकर स्नातक की तैयारी करवाते हैं।
  • साक्षरता प्राथमिक की जानकारी इमरान पुत्र सईबुददीन 304 बी में दोष सिद्ध वर्ष 2018 से बंदियों को शिक्षित कर रहे हैं।
  • रोहताश पुत्र किशना धारा 302 में दोष सिद्ध होने के बाद वर्ष 2009 से बंदियों को शिक्षा ग्रहण कराने में जुटे हैं।
  • 376 पोक्सों विचाराधीन कैदी अभिषेक पुत्र मनोज बीटेक उत्तीर्ण है। वह बंदियों को इंग्लीश स्पीकिंग की क्लासेज देता है।
  • सचिन पुत्र सुरेन्द्र बीसीए पास2019 से 302 में विचाराधीन कम्पयूटर बेसिक टाईपिंग की जानकारी देते हैं।
  • पुस्तकालय में पुस्तक वितरण एवं आगम गौरव पुत्र प्रेमसिंह बीपीएड है 302 में दोष सिद्ध है वर्ष 2016 से पढ़ा रहे हैं।
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