दीमक एक हानिकारक कीट है और कृषि के क्षेत्र में काफी समस्याएं पैदा कर सकता है। दीमक कीड़े के एक समूह में 2500 प्रजातियां हैं और इनके घोंसले भूमिगत होते है जिनके रोकथाम के लिए उपाय निम्न हैं।
मटका विधि
इस विधि में मक्का के भुट्टे की गिंड़यां, मिट्टी का घड़ा और सूती कपड़े की जरूरत होती है। मक्के के भुट्टे के दाने निकालने के बाद जो गिल्लियां बचती है (आठ से दस गिल्लियां), उसे मिट्टी के घड़े में इकट्ठा करके रख देें और घड़े के मुंह पर छिद्र वाला सूती कपड़ा बांध दें। फिर इसे खेत में इस प्रकार से गाढ़ दें कि घड़े का मुंह जमीन से एक इंच ऊपर की ओर निकला हो। कुछ दिनों के बाद घडेÞ में बहुत सी दीमक आ जाएगी और इन घड़ों को निकल कर गर्म कर लें ताकि दीमक समाप्त हो जाएं। इस प्रकार के घड़े खेत में पंद्रह से बीस जगहों पर गाड़ें और तीन से पांच बार गिल्लियां बदल दें।
जैविक घोल
इस विधि की आवश्यक सामग्री में तीन से पांच किलो करंज के पत्ते, तीन किलो नीम के पत्ते, एक किलो अरंडी का तेल, 10 लीटर गौ मूत्र, 2 किलो सफेद धतूरे के पत्ते और 50 ग्राम कपड़े धोने का पाऊडर लिया जाता है। करंज के पत्ते,नीम के पत्ते,धतूरे के पत्ते को 10 लीटर गौमूत्र में डालकर उबालें। यह तब तक उबालें जब गौमूत्र 5 लीटर रह जाए। फिर उसको ठंडा करके छान कर इसमें ें1 लीटर अरंडी के तेल के साथ 50 ग्राम कपड़े धोने के पाऊडर को मिलाकर रख लें। यह घोल 6 महीने तक प्रयोग कर सकते हैं। इसके उपयोग के लिए 16लीटर पानी में 150 मिली घोल मिला कर तने और जड़ों में छिड़कें या जरूरत के अनुसार प्रयोग करें।
अन्य उपाय
-यदि खेत में अधिक दीमक हो तो फसल की बुबाई के पहले 2 लीटर
गाय के मट्ठे में 12-15 ग्राम हींग अच्छी तरह
मिला कर खेत में छिड़क दें और उसके दो घंटे बाद ही खेत में बुवाई करें। – नमक का प्रयोग भी दीमक को रोकता है।
-जिस खेत में लहसुन की खेती होती है, उसकी मिट्टी में दीमक की समस्या खत्म या कम हो सकती है।
-बुबाई करने से पहले बीज को कैरोसीन में शोधित करने से दीमक का असर कम होता है।