बीज खेती की नींव का आधार और मूलमंत्र है। अत: अच्छी गुणवत्ता वाले बीज से, फसलों का भरपूर उत्पादन प्राप्त होता है। उत्तम गुणवत्ता वाला बीज सामान्य बीज की अपेक्षा 20 से 25 प्रतिशत अधिक कृषि उपज देता है। प्रमाणित बीजों का उपयोग करने से जहां एक ओर अच्छी पैदावार मिलती है, वहीं दूसरी ओर समय एवं पैसों की बचत होती है, किसान भाई अगर अशुद्ध बीज बोते व तैयार करते हैं, तो उन्हें इससे न अच्छी पैदावार मिलती है और न बाजार में अच्छी कीमत । यदि किसान भाई चाहें कि उनके अनावश्यक खर्चे घटें और अधिक उत्पादन व आय मिले तो उन्हें फसलों के प्रमाणित बीजों का उत्पादन एवं उपयोग करना होगा।
अब समय आ गया है, कि बीज उत्पादन को कृषकों और वैज्ञानिकों के नजरिये से नहीं , बल्की उद्यमी के नजरिये से देखा जाए। अनुसंधान से प्राप्त नई उन्नत किस्मों के केंद्रक बीज बहुत कम मात्रा में उपलब्ध हो पाता है। कृषकों को इसकी संततियों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धि होती रहे, इसके लिए निम्न स्तरों पर इस बीज का प्रगुणन किया जाता है, इन स्तरों पर उनके अनुवांशिक लक्षण एवं गुणवत्ता हर स्तर पर बनी रहे, इसलिए इस प्रगुणन व्यवस्था में उत्पादित बीजों को तीन श्रेणियों में रखा जाता है। अनुसंधानित किस्म के केंद्रक बीज से प्रथमत: विभिन्न अधिकृत प्रजनकों द्वारा प्रजनक श्रेणी का बीज तैयार किया जाता है, तथा प्रजनक बीज से आधार बीज भी तैयार किया जाता है, और यह प्रक्रिया राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था की देखरेख में प्रजनक बीज से आधार एवं प्रमाणित बीज की श्रेणी तक बीज के उत्पादन तक निर्धारित है। प्रमाणित उत्तम बीज को स्रोत के आधार पर तीन श्रेणियों में रखा है ।
प्रजनक बीज : अनुवांशिक शुद्धता का बीज उत्पादन और उनको कृषकों को उपलब्ध होना, उत्तम प्रजनक बीजों के उत्पादन पर निर्भर रहता है। प्रजनक बीज उत्पादन का कार्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के नियंत्रण में अनुसंधान केंद्रों व राज्यों के कृषि विवि द्वारा किया जाता है। प्रजनक बीज अधिकृत प्रजनक विशेषज्ञ की देख रेख में तैयार किया जाता है। यह आधार बीजउत्पादन का मूल स्रोत होता है। इस बीज की थैली पर सुनहरे पीले रंग का बीज के विवरण का लेविल लगा होता है। जिस पर फसल प्रजनक विशेषज्ञ के हस्ताक्षर होते हैं।
आधार बीज : यह बीज प्रजनक बीज की संतति होती है, जिसे बीज प्रमाणीकरण संस्था की देखरेख में निर्धारित मानकों पर पाए जाने पर प्रमाणित किया जाता है । आधार बीज की थैलियों पर सफेद रंग का प्रमाणीकर टैग (लेबिल) लगा होता है। जिस पर संस्था के अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं।
प्रमाणित बीज: आधार बीज से द्विगुणन कर प्रमाणित बीज तैयार किया जाता है। जिसे बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा निर्धारित मानक अनुसार पाए जाने पर प्रमाणित किया जाता है। प्रमाणित बीज की थैलियों पर नीले रंग का प्रमाणीकरण टैग लगा होता है। जिस पर संस्था के अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं।