Wednesday, April 30, 2025
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गणेश चतुर्थी की परिक्रमा के नाम पर कमिश्नरी में घुसे प्रदर्शनकारी

  • आंदोलनकारी धरनास्थल की बिजली काटने और शौचालय बंद करने से भड़के
  • आंदोलनकारी ट्रैक्टरों को साथ लेकर कमिश्नर कार्यालय में घुसे
  • मेन गेट पर प्रशासन ने जड़ा ताला, मांगेराम त्यागी सहित तमाम आंदोलनकारी मेन गेट पर बैठे धरना देकर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चौधरी चरण सिंह पार्क में आयोजित त्यागी ब्राह्मण समाज का आंदोलन सातवें दिन चरम पर पहुंच गया। धरनास्थल पर बिजली कटौती और शौचालय को बंद करने पर आंदोलनकारी प्रशासन के रवैये से क्षुब्ध हो गए। सैकड़ों की तादाद में आंदोलनकारी ट्रैक्टरों को लेकर कमिश्नरी कार्यालय परिसर में घुस गये और कब्जा जमा लिया।

कमिश्नरी कार्यालय पर आंदोलनकारियों का कब्जा करने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। शाम तक कुछ आंदोलनकारी कमिश्नरी के अंदर धरने पर बैठ गये तो कुछ को मेन गेट पर रोक लिया गया। धरना प्रदर्शन को लेकर अांदोलनकारियों और प्रशासन के बीच रात तक आंख मिचौली चलती रही।

नोएडा में श्रीकांत त्यागी प्रकरण को लेकर त्यागी ब्राह्मण समाज का चौधरी चरण सिंह पार्क में आंदोलन का सातवां दिन था। सोमवार को अांदोलन में जिले कई गांवों से त्यागी समाज के लोग ट्रैक्टर में भरकर धरनास्थल पर आये थे। आंदोलनकारी प्रशासन के रवैये से भारी नाराज थे। चूंकि प्रशासन ने धरनास्थल पर बिजली का कनेक्शन भी कटवा दिया था, वहीं शौचालय भी बंद करवा दिये थे।

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इसी बात को लेकर आंदोलनकारी बेहद गुस्से में थे। दोपहर को करीब साढ़े 12 बजे मांगेराम त्यागी के नेतृत्व में सैकड़ों आंदोलनकारी चौधरी चरण सिंह पार्क से बाहर निकलकर पूरे पार्क की परिक्रमा करके अचानक ट्रैक्टरों सहित कमिश्नरी के अंदर घुस गये। प्रशासन और पुलिस अफसरों को आंदोलनकारियों के कमिश्नरी कार्यालय के अंदर घुसने की तनिक भी खबर नहीं लगी। आंदोलनकारियों ने कमिश्नरी कार्यालय के परिसर पर कब्जा जमा लिया और धरना देकर बैठ गये।

पीएम सीएम और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए श्रीकांत के परिवार वालों को न्याय दिलाने की मांग पर अड़े रहे। धरना प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी बागपत निवासी आशीष वशिष्ठ चौथे दिन भूख हड़ताल पर था। जिसकी हालत बेहद खराब हो गयी। आशीष की हालत खराब होने पर प्रशासन ने डाक्टर की एक टीम को मौके पर भेजा और उसकी जांच करवाई।

प्रदर्शनकारियों ने मौके पर गद्दे और दरी बिछाकर पूरे परिसर को अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान पुलिस अफसर मूकदर्शक बने रहे। आंदोलनकारियों ने कहा कि प्रशासन ने धरनास्थल पर हमारी बिजली काट दी और शौचालय तक बंद करवा दिये। हमारे पास एक ही चारा था कि कमिश्नरी कार्यालय में धरना दिया जाये। मांगेराम त्यागी ने कहा कि प्रशासन ने जिस तरह से हमारे लिए बिजली कटौती कर हमारा आंदोलन खत्म करने की योजना है।

उसे हम किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। हम तब तक धरना देते रहेंगे जब तक श्रीकांत त्यागी पर हुई कार्रवाई और उनके परिजनों पर किये गये अत्याचार पर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। हमें पता चला है कि शासन दारोगा और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के मूड में है, लेकिन अगर दरोगा और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होती है तो यह हमें स्वीकार नहीं होगी। शासन दोषी अफसरों पर कार्रवाई करे।

यह आंदोलन त्यागी ब्राह्मण समाज के सम्मान का आंदोलन है। जब तक श्रीकांत के परिवार पर लगे बेबुनियाद आरोपों को समाप्त नहीं किया जायेगा, हम आंदोलन जारी रखेंगे। कमिश्नरी कार्यालय में अांदोलनकारियों के घुसने की खबर जैसे ही प्रशासनिक अफसरों को मिली तो उनमें हड़कंप मच गया। सूचना के बाद एडीएम सिटी, एसडीएम, एसीएम सहित एसपी सिटी पीयूष कुमार सिंह और सीओ सिविल लाइन देवेश, सीओ कोतवाली अरविन्द चौरासिया सहित कई थानों के प्रभारी मौके पर पहुंच गये।

एसडीएम सूरज पटेल ने आंदोलनकारियों से वार्ता की और कहा कि कमिश्नरी कार्यालय से धरना खत्म कर आप बाहर चौधरी चरण सिंह पार्क में चले जाओ। इस पर आंदोलनकारियों ने साफ तौर पर मना कर दिया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जायेगी। तब तक धरना यहीं चलता रहेगा। आंदोलनकारियों ने भाजपा पर जमकर तीखे प्रहार किये और भविष्य में वोट न करने की अपील की।

उधर, कमिश्नरी कार्यालय में आंदोलनकारियों के धरना प्रदर्शन करने की सूचना पर श्री कांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी भी वहां आ गई। उन्होंने कहा कि समाज के सम्मान की लड़ाई आरपार लड़ी जायेगी। अगर प्रशासन हमें जेल भेजता है तो हम जेल जाने के लिए भी तैयार है। नोएडा में जिस तरह से त्यागी ब्राह्मण समाज ने लाखों की तादाद में शामिल होकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया है वह बेहद प्रभावशाली है।

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शाम के वक्त धरना प्रदर्शन के दौरान मांगेराम त्यागी और कई प्रदर्शनकारी अनु त्यागी को कमिश्नरी कार्यालय से बाहर छोड़ने आये तो बाद में प्रशासनिक व पुलिस अफसरों ने कमिश्नरी मेन गेट बंद करवा दिया। मांगेराम त्यागी और तमाम आंदोलनकारियों को पुलिस ने मेनगेट पर रोक दिया। उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। इस पर मांगेराम त्यागी और तमाम अांदोलनकारी नारेबाजी करते हुए मेनगेट पर धरना देकर बैठ गये।

कमिश्नरी कार्यालय के अंदर और बाहर शाम के वक्त आंदोलनकारियों ने नारेबाजी तेज कर दी। रात तक गांवों से हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारियों के पहुंचने की बात आंदोलनकारियों ने कही है। उधर, शाम बाद आरएएफ और भारी फोर्स को तैनात कर दिया गया। धरनास्थल पर मांगेराम त्यागी, किसान नेता कुलदीप त्यागी, आदेश त्यागी खरखौदा, प्रदीप त्यागी,अमित त्यागी, आशु त्यागी, सुनील त्यागी, मनोज त्यागी ईकड़ी, महेंद्र सिंह त्यागी, ओमदला त्यागी, इन्द्रमुनि त्यागी, ज्ञानेश्वर त्यागी, प्रशान्त त्यागी आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

प्रशासन भांप नहीं पाया, एलआईयू हुई फेल

त्यागी समाज के आंदोलनकारियों की रणनीति को प्रशासन भांप नहीं पाया। वहीं सात दिनों से एलआईयू आंदोलनकारियोें के बीच रहकर भी कुछ नहीं कर पाई। उन्हें भी नहीं पता लग पाया कि एकाएक आंदोलनकारी दोपहर साढ़े 12 बजे चौधरी चरण सिंह पार्क से बाहर आकर सीधे कमिश्नरी गेट के अंदर ट्रैक्टरों को लेकर जाने की फि राक में हैं। मेन गेट पर एक भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था।

एक पुलिसकर्मी अपनी सेलरी के सम्बन्ध में काम से गया हुआ था। कमिश्नरी गेट पर कोई पुलिसकर्मी न होने पर आंदोलनकारियों ने ये भांप लिया था कि वहां पुलिस वहां मौजूद नहीं है। इसलिए ये मौका अंदर घुसने का है। एलआईयू सहित तमाम पुलिस अफसर और प्रशासन आंदोलनकारियों की स्थिति को जान नही पाया।

गणेश चतुर्थी की परिक्रमा की बात की

चौधरी चरण सिंह पार्क में चल रहे त्यागी ब्राहम्ण समाज आंदोलन में मौजूद पुलिसकर्मियों की ड्यूटी थी, लेकिन उन्हें भी नहीं जानकारी थी कि आंदोलनकारी अचानक से कमिश्नरी कार्यालय में घुस जायेंगे। आंदोलनकारियों ने दोपहर 12 बजे जुलूस की शक्ल में यह कार्यक्रम बनाया कि आज गणेश चतुर्थी है। चलो पहले चौधरी चरण सिंह पार्क की गणेश चतुर्थी पर परिक्रमा कर ली जाये।

पुलिस और एलआईयू आंदोलनकारियों की रणनीति नहीं समझ पाये। आंदोलनकारी जुलूस के रुप में एकत्र होते हुए पार्क के चारों ओर ट्रैक्टर को साथ लेकर अचानक कमिश्नरी गेट के अंदर घुस गये। पुलिस प्रशासन इससे पहले कुछ कर पाता, आंदोलनकारियों ने कमिश्नरी कार्यालय परिसर पर कब्जा जमा लिया था।

कमिश्नर से वार्ता के बाद आंदोलनकारी वापस पार्क में हुए जमा

कमिश्नर कार्यालय में कब्जा जमाये आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रशासन को गुरुवार चार बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। कमिश्नर ने उनकी मांगों को मानते हुए गुरुवार तक का समय मांगा है। आंदोलनकारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे लाखों की संख्या में एकत्र होंगे और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।

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बुधवार को सातवें दिन त्यागी ब्राह्मण समाज के अांदोलनकारियों ने कमिश्नरी कार्यालय में ट्रैक्टर लेकर घुस गये। बाकायदा कार्यालय परिसर पर कब्जा जमाकर धरना देना शुरू कर दिया। कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन होते देख प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। उधर, रात को एसडीएम और एसीएम ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मांगेराम त्यागी से कार्यालय परिसर से धरना समाप्त कर पार्क में करने का अनुरोध किया। जिस पर आंदोलनकारी इस बात पर अड़ गये कि कमिश्नर साहब बात करें और हमारी मांगो को पूरा किया जाये तो हम वापस पार्क में चले जायेंगे।

इस पर अधिकारियों ने कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह से मांगेराम की वार्ता कराई। आंदोलन प्रभारी मांगेराम त्यागी ने कमिश्नर से वार्ता की और उन्हें गुरुवार तक का समय दिया है। उधर, कमिश्नर ने उनकी मांगों को पूरा करने का गुरुवार चार बजे तक का समय मांगा है। वहीं मांगेराम त्यागी ने कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो लाखों की तादाद में त्यागी ब्राह्मण समाज यहां एकत्र होगा और बड़ा अांदोलन करेगा।

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