- मेडा में हुआ सेमिनार, छह घंटे चली मीटिंग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इनर रिंग रोड अब जल्द बनेगा। इसको लेकर मेडा में मंगलवार को इनर रिंग रोड को लेकर प्रजनटेंशन हुआ। ये इतना लंबा खींच गया कि सुबह से लेकर शाम 4 बजे तक चला। हापुड़ रोड से लेकर दिल्ली रोड और दिल्ली रोड से बागपत रोड तक इनर रिंग रोड बनाया जाएगा। इनर रिंग रोड जल्द ही मूर्त रूप लेता हुआ दिखाई देगा।
अब तक इनर रिंग रोड की फाइल फुटबाल बनी हुई थी। कभी मेडा इसको बना रहा था तो कभी इसको पीडब्लयूडी बना रहा था। इस तरह से शासन ने इनर रिंग रोड के पीडब्ल्यूडी के प्रोजेक्ट को रिजेक्ट कर दिया, जिसके बाद फाइल फिर से वापस मेडा के पास भेज दी गई। इस तरह से इनर रिंग रोड की फाइले इधर-उधर घूम रही हैं।
इससे पहले इनर रिंग रोड की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने कंसल्टेंट के साथ मीटिंग भी की थी। इसके बाद पैमाइश भी कराई गयी। अभियंताओं ने भौतिक निरीक्षण के साथ ही कुछ स्थानों पर लंबाई-चौड़ाई नापी। यह रिंग रोड हापुड़ रोड से दिल्ली रोड को पार करते हुए देहरादून बाइपास तक बनाई जानी प्रस्तावित है।
इसके लिए मेडा दो विकल्पों के अनुसार दो डीपीआर तैयार करेगा। डीपीआर तैयार करने से पहले मंगलवार को मेडा के सभागार में प्रजनटेंशन हुआ, जिसमें सभी अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने इस पर विस्तार से चर्चा की तथा कहा कि जल्द ही इनर रिंग रोड मेरठ में मूर्त रूप लेते हुए दिखाई देगा। इस प्रोजेक्ट पर मेडा ने गंभीरता से कार्य करना आरंभ कर दिया हैं।
हालांकि मेडा अब तक आर्थिक तंगी से जूझने की बात कर रहा था, लेकिन वर्तमान में प्रोजेक्ट के लिए कहां से धनराशि आयेगी, यह कहना मुश्किल हैं, लेकिन इतना अवश्य है कि शासन स्तर से भी इसके लिए कोई धनराशि नहीं मिली हैं। यह रिंग रोड हापुड़ रोड से दिल्ली रोड को पार करते हुए देहरादून बाइपास तक बनाई जानी है। इसके लिए मेडा दो विकल्पों के अनुसार दो डीपीआर तैयार करेगा। दोनों डीपीआर 25 दिन में तैयार होगी। इस हिस्से पर रिंग रोड बनाने के लिए 2011 में शिलान्यास हुआ था।
रेलवे का तैयार है ब्रिज
महत्वपूर्ण बात यह है कि मेडा ने इससे पहले भी इसका प्रोजेक्ट तैयार किया था, तब रेलवे ने ब्रिज का अपना पार्ट बनाकर भी तैयार कर दिया हैं, लेकिन तब मेडा ने कदम पीछे खींच लिये थे। ये ब्रिज मेडा की लापरवाही को ही दर्शा रहा हैं। जुर्रानपुर फाटक पर ओवरब्रिज रेलवे बनाएगा और सड़क पीडब्ल्यूडी, लेकिन सड़क के लिए जमीन खरीदकर प्राधिकरण देगा।
रेलवे ने तब ओवरब्रिज बना दिया था, लेकिन प्राधिकरण ने जमीन का अधिग्रहण करके नहीं दिया। तब से इस पर काम नहीं हुआ। हर साल इसके लिए प्रस्ताव बनता है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि दावा करते हैं, लेकिन पूरी रोड बनना तो छोड़िए जुर्रानपुर फाटक पर लटके ओवरब्रिज का एप्रोच रोड तक नहीं बनाया जा सका।
रिंग रोड का पहला विकल्प
हापुड़ रोड से जुर्रानपुर फाटक वाले पुल को पार करते हुए शताब्दीनगर के 45 मीटर चौड़ी सड़क में मिलाना फिर दिल्ली रोड से दीवान रबर मिल के पास से होते हुए वेदव्यासपुरी की 68 मीटर चौड़ी सड़क में मिलाना। कुल पांच किमी सड़क का निर्माण करना होगा।
ये भी है विकल्प
हापुड़ रोड से जुर्रानपुर फाटक वाले पुल को पार करते हुए बिजली बंबा बाइपास के साथ-साथ संजय वन चौराहे से आगे रेलवे लाइन के पास तक जाकर फिर उसे घुमाकर वेदव्यासपुरी की 68 मीटर चौड़ी सड़क में मिलाया जा सकता है।