जनवाणी संवाददाता |
कैराना: मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा विधायक चौधरी नाहिद हसन ने जल शक्ति मंत्री से प्रश्न किया कि कैराना के गांव पंजीठ व मामौर तक कैराना से नाले द्वारा गंदा पानी जाने से जलभराव होने पर कृत्रिम झील बन जाती है।
पट्टाधारकों व ग्रामीणों की भूमि बचाने के लिए सरकार कोई योजना बनाएगी क्या? प्रश्न के उत्तर में मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने बताया कि कैराना नगर पालिका का पानी अवस्थित मामौर झील में जाता है। जो राजस्व अभिलेखों में झील के रूप में दर्ज है। नगर पालिका का पानी पट्टाधारक या किसी ग्रामीण की भूमि में सीधे नहीं जाता है।
बल्कि मामौर झील का जल स्तर बढ़ जाता है तो आसपास के कुछ किसानों की भूमि में पानी भर जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत कैराना नगर के जल उत्प्रवाह को शोधित करके यमुना नदी में डाले जाने हेतू राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन नई दिल्ली द्वारा 7 दिसंबर 2020 को 78 करोड 42 लाख रूपये का प्राक्कलन स्वीकृत किया जा चुका है।