जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: किसान बिल का समर्थन कर खुद को भाजपाई साबित करने के लिए कुछ लोग रविवार को किसान बिल के समर्थन में मेरठ से दिल्ली के लिए ट्रैक्टर रैली लेकर रवाना हुए। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब पुलिस ने इन्हें पहले किसान बिल विरोधी समझा और परतापुर बाइपास पर रोकने पहुंच गयी। जो लोग इस ट्रैक्टर रैली में बैठे थे जब उनसे मीडिया कर्मियों ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यूपी गेट जा रहे हैं। कहां से आए हो के सवाल पर उत्तर दिया कि दूर गांव से।
बोल चाल की भाषा से इनमें से कोई भी शख्स कम से कम वेस्ट यूपी के किसी गांव का नहीं लग रहा था। कहां जाने के सवाल पर उनका सिर्फ इतना कहना था कि यूपी गेट जा रहे हैं। उनके इस उत्तर ने साफ कर दिया कि वो न तो किसान थे न ही वेस्ट यूपी या दिल्ली एनसीआर से सटे किसी इलाके से इन्हें लाया गया था। बोल चाल और वेषभूषा से ये लोग मजदूर अधिक लग रहे थे।
हालांकि इनको ले जाने वाले संगठन हिंद मजदूर किसान समिति के लोगों का दावा था कि ये सभी वेस्ट यूपी के किसान हैं। करीब सौ से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से इन्हें दिल्ली ले जाया जा रहा था। इसकी वजह से दिल्ली देहरादून हाइवे पर जाम की स्थिति बन गयी। हाइवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी। दावा किया गया कि मेरठ के अलावा जनपद मुजफ्फरनगर, बागपत और शामली के किसान हैं।
किसान बिल के समर्थन में दिल्ली जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर जाम को देखते हुए पुलिस ने पांच स्थानों से रूट डायर्वट कर दिया। इनमें कंकरखेड़ा फ्लाईओवर, बागपत फ्लाईओवर, रोहटा रोड फ्लाईओवर तथा मेवला फाटक व बिजली बंबा की तरफ यातायात को भेजना शुरू किया।
हालांकि जो लोग गुजर रहे थे कि उनका कहना था कि जिन्हें किसान बताकर दिल्ली ले जा रहे हैं ये भाडे के मजदूर हैं किसान नहीं। ये सब किसान आंदोलन को बदनाम व भ्रमित करने की साजिश कुछ संगठन कर भाजपाइयों के इशारे पर कर रहे हैं।