Friday, March 29, 2024
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काश! हमारी रिहायशी भी वीआईपी क्षेत्र में हो

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  • वीआईपी लोगों को नहीं है आमजन की चिंता
  • गड्ढों भरी सड़क पर चलने को मजबूर, आए दिन होते हैं हादसे

जनवाणी संवाददाता  |

मेरठ: अपना सफर सुहाना होना चाहिए बाकी से हमें क्या। आमजन कैसी कैसी सड़कों से हो जाती है। उससे अधिकारियों को कोई मतलब नहीं, शहर के वीआईपी सांसद, विधायक इन सड़कों पर ध्यान तो देना दूर इन रास्तों से होकर तक नहीं गुजरते।

काश! हमारी भी रिहायशी वीआईपी क्षेत्र में हो जाए तो बदहाली से राहत मिल सकती है। स्मार्ट सिटी रोड बनाने का प्रस्ताव भी अधर में ही है।

नगर निगम या फिर पीडब्ल्यूडी की जिनका जिम्मा शहर को साफ सफाई और बेहतर यातायात के लिए अच्छी सड़कें बनाने का, लेकिन शहर का हाल देखा जाए तो लगता है कि इन विभागों के पास इस काम के लिए समय नहीं।

सरकारी विभाग के खाते में दावों का भंडार है पर हकीकत कुछ और। बात करें अपने शहर की तो यहां की वस्तव सड़कें एक-दो नहीं बड़े-बडे गड्ढों के बीच से होकर गुजरती है। कई बार हादसे होते हैं, लोग चोटिल होते हैं, लेकिन इसकी किसी को कोई परवाह नहीं है।

किसी माननीय के आने की सूचना इन पर मिट्टी डालकर अपनी नौकरी पूरी कर ली जाती है। माननीय के जाते ही फिर वहीं हाल-ए-शहर हो जाता है, जैसा पहले। सूरजकुंड से हंस चौराहे तक की सड़क बदहाल स्थिति में है।

वाहन चलाना तक दुभर हो जाता है। इसी रास्ते पर मेयर का कैम्प कार्यालय है। हर रोज और नगर निगम के अधिकारियों की आवाजाही होती है, लेकिन किसी को यह सड़क दिखायी नहीं देती।

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एक सूरजकुंड रोड की बात नहीं शहर में खैरनगर, बुढ़ाना गेट चौकी से से खैर नगर चौराहा जैसी कई ऐसी सड़कें है, जहां काम होना है, लेकिन अधिकारी मौन है।

अब बता करे शहर के वीआईपी, सांसद, विधायकों जिनके आवास के की सड़कों पर आपको एक गड्ढा तक नहीं मिल सकता। नगर आयुक्त, जिलाधिकारी या कमिश्नर के आवास की ओर देखा जाए तो उनके आवास की सड़कें चकाचक है। सड़क पर एक भी गड्ढा नहीं मिल सकता।

यही वजह की शहर के जिम्मेदार लोगों को शहर का हाल आम जनता की दर्द नहीं दिखता। बता दें कि स्मार्ट सिटी के तहत एक स्मार्ट रोड बनाने का प्रस्ताव भी अधर में है। नगर निगम ने ईस्टर्न कचहरी रोड को स्मार्ट बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।

जिसका सर्वे भी हो चुका है, लेकिन कुछ दिन पहले हुई बैठक शासन से स्मार्ट रोड का डीपीआर लोक निर्माण विभाग को बनाकर भेजने को कहा गया है इस पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

अधिकारियों का कहना है की सर्वे कराया जा रहा है। जल्द ही जो सड़कें ज्यादा टूटी है। उन्हें बनवाया जाएगा जो कम टूटी है। उनकी मरम्मत करायी जाएगी।

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