Thursday, January 16, 2025
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हैवी मशीनों से सड़क चौपट, पांच साल भी चलना मुश्किल

  • रोहटा रोड पर फिर बनाया जा रहा भ्रष्टाचार का नाला
  • 25 साल की गारंटी वाली सड़क की होने लगी दुर्दशा

जनवाणी संवाददाता

मेरठ: समय और धन की बर्बादी का नजारा अगर देखना है तो आपके लिए रोहटा रोड पर इन दिनों हो रहा नाला निर्माण का कार्य प्रमुख है। मानकों की अनदेखी कर बनाए जा रहे इस नाले के एलाइनमेंट में पहले ही काफी खामियां हैं। सर्पाकार बनाए जा रहे इस नाले से अभी भी समस्या पैदा हो रही है और बाद में भी यह नाला परेशानियों का सबब ही बनेगा।

सड़क से ऊंचे बन रहे इस नाले में बरसात का पानी पहुंच पाना भी अपने आप में बड़ा करिश्मा होगा। सबसे कमाल की बात यह है कि हैवी मशीनों से की जा रही खुदाई और बढ़ती आवाजाही से 25 साल से ज्यादा चलने वाली यहां की सीमेंटेड सड़क का भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। अब यह सड़क अगर पांच साल भी खींच ले जाए तो बहुत बड़ी बात होगी।

रोहटा रोड के निवासी पिछले बीस साल से अधिक समय से समस्याओं के मकड़जाल में फंसे हुए हैं। पहले यहां की सड़क ने नागरिकों की समस्याओं में इजाफा किया। सड़क में इतने गड्ढ़े थे कि पैदल चलना तक दुश्वार हो गया था। बरसात के दिनों में तो यहां के हालात ऐसे हो जाते थे कि जैसे तालाब में बस्ती बसा दी गई हो।

लोग अपने घरों तक नहीं पहुंच पाते थे। कई बार सड़क के पैचवर्क भी कराए गए, लेकिन यह पैचवर्क सप्ताह भर भी नहीं चल पाता था। इसके बाद यहां पर सीमेंटेड सड़क बनाई गई। इससे क्षेत्र में सड़क टूटने और गड्ढों से जूझ रहे नागरिकों को भारी राहत मिली तो दूसरी बड़ी समस्या गंदे पानी की निकासी बदस्तूर ही रही।

इसकी वजह से दोनों साइड का नाला निर्माण न होना था। सड़क के दोनों साइडों में छोटी नालियां बनी हुई थीं, लेकिन सफाई के अभाव में यह नालियां चॉक होकर गंदा पानी सड़क पर भर जाता था। अब यहां नगर निगम के माध्यम से नाला निर्माण का कार्य शुरू कराया गया है। नाला निर्माण का कार्य रोहटा रोड पर रेलवे फ्लाई ओवर के बाद से शुरू किया गया है।

पिछले छह माह से नाले का निर्माण हो रहा है। नाले की दोनों साइडों में खुदाई के लिए रोज कई-कई जेसीबी व डंपर आ रहे हैं। इससे यहां की सड़क की मियाद पर असर पड़ रहा है। क्योंकि पहले ही हैवी मशीनों के दिन में कई-कई बार सीमेंटेड सड़क से गुजारने से यहां की सड़कें कमजोर हो रही हैं, ऊपर से रही-सही कसर यहां जोर-शोर से जमीन के लिए की जा रही खुदाई पूरी कर रही है।

खुदाई से यहां भारी दहल हो रही है। जिसकी वजह से यहां की सड़क की मियाद भी वक्त से पहले ही पूरी हो रही है। सड़क यदि 25 साल चल पाती तो अब बामुश्किल अगर पांच साल भी चल जाए तो यह अपने आप में बहुत बड़ा करिश्मा होगा।

घटिया निर्माण सामग्री की प्रशासन से की शिकायत

रोहटा रोड नाला निर्माण में घटिया सामग्री प्रयुक्त करने का मामला प्रकाश में आया है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि रोहटा रोड पर नाले का निर्माण ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। जिसमें प्रयुक्त की गई निर्माण सामग्री भी दोनों अधिकारियों को दिखाई। बताया कि टेंडर में तीन-एक का मसाला लगाना है। लेकिन ठेकेदार 15-1 का मसाला प्रयुक्त कर रहा है। साक्ष्य के रूप में तैयार की गई वीडियो क्लिप भी दिखाई।

नगर निगम के संबंधित अधिकारियों व निर्माण एजेंसी की मिलीभगत से यह सब कार्य किया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण की शिकायत एक माह पूर्व अपर नगर आयुक्त श्रद्धा शाण्डिलयायन से भी की गई थी। लेकिन इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आज तक मौके पर नही पहुंचे। अधिकारी निर्माण एजेंसी से मिलीभगत कर उच्च स्तर का भ्रष्टाचार कर रहे हैं।

प्रतिनिधि मंडल ने मांग की है कि लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए इनकी जवाबदेही भी तय की जाए और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई की जाए। प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि प्रकरण पर तत्काल किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच पड़ताल कराते हुए निर्माण कार्य को रोकने के साथ-साथ निर्माण एजेंसी के भुगतान पर रोक और एजेंसी का कांट्रेक्ट लाइसेंस भी निरस्त किया जाए।

क्यों बदल रहे एलाइनमेंट..?

सरकारी दस्तावेजों में कहीं भी एलाइनमेंट बदलने का जिक्र नहीं हैं, लेकिन ठेकेदार मनमाफिक तरीके से काम कर रहे हैं। खुद ही एलाइनमेंट बदल रहे हैं। इसी वजह से सर्पाकार नाला बन रहा है। एलाइनमें गड़बड़ हो गया है, लेकिन इसकी ठेकेदार को परवाह नहीं है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि एलाइनमेंट गड़बड़ होने पर ही तत्कालीन कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने एफआईआर दर्ज करा दी थी, लेकिन यहां अफसरों की लंबी फौज हैं, मगर एलाइनमेंट बिगड़ रहा है, यह किसी को नहीं दिखता। इसमें ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन यहां तो अफसर दौरा करने के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं।

टेक्निकल टीम निरीक्षण तक नहीं कर पा रही है। निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। सहायक अभियंता यादव के खिलाफ भी इसमें शिकायत हो चुकी हैं, वहीं नाले का निर्माण करा रहे थे। उनकी गर्दन नप गई है। फिलहाल वह लखनऊ में अटैच चल रहे हैं।

अब इसमें जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। ऐसा तब है जब नगरायुक्त बेहद ईमानदार है, लेकिन उनका भी दौरा नहीं होने दिया जा रहा है। क्योंकि इसमें ठेकेदार की कलई खुल जाएगी

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