जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लालकुर्ती स्थित शक्तिधाम मंदिर में मुरादे मांगने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं। मां के दरबार में आत्म सुख प्राप्त होता है और मान्यता है कि मंदिर में प्रवेश करते ही सभी दुख मां हर लेती है।
माता के दरबार से कोई भी आज तक खाली नहीं गया, जिसने जो भी सच्चे मन से मांगा उसको वह मिला है। कहा जाता है कि मंदिर में सच्चे मन से जो भी मां की आराधना करता है उसके ऊपर देवी आ जाती हैं। यही कारण है कि मंदिर शहर ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।
भक्त नीरज मणि पर है देवी की विशेष कृपा
मंदिर के मुख्य पुजारी नीरज मणि देवी की सेवा करते हैं। महाराज पर देवी की विशेष कृपा है। उनके बारे में कहा जाता है कि जब वह आठ वर्ष के थे, तब से ही उनके ऊपर देवी आती हैं। करीब 30 साल पहले महाराज को स्वप्न में देवी ने दर्शन दिए और मंदिर निर्माण के लिए कहा। तभी इस मंदिर का निर्माण कराया गया। भले ही मंदिर का इतिहास ज्यादा पुराना न हो पर इस मंदिर पर लोगों की अटूट श्रद्धा बनी हुई है।
नवरात्र के दिनोें में लगता है भक्तों का तांता
नवरात्र के दिनों में मंदिर में हर साल भक्तों का तांता लगा रहता है। साथ ही नौ दिनों तक विशेष कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते सावधानियों का ध्यान रखा जा रहा है और कोई बड़ा आयोजन नहीं रखा गया है। मंदिर में अष्टमी और नवमी के दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है।
मां चंद्रघंटा से भक्तों ने मांगी मुरादे
दुर्गा मां के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा का शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन पूजन किया गया। सभी मंदिरों में सवेरे ही एहतियात बरतते हुए श्रद्धालु पहुंचे। मंदिरों में भी गाइडलाइंस का ख्याल रखा गया। मां चंद्रघंटा की पूजा सभी ने घरों में भी की। सुबह ही शंखनाद के साथ विधि-विधान से पूजन किया। माता रानी को लौंग और कपूर चढ़ाया गया। घरों में महिलाओं ने व्रत रखकर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।
शहर के सभी मंदिरों में सुबह पहले मां का शृंगार किया गया और उसके बाद आरती की गई। जागृति विहार मां मंशा देवी मंदिर, शास्त्रीनगर गोल मंदिर, बाबा औघड़नाथ मंदिर, सदर काली मंदिर, सदर वैष्णो धाम मंदिर आदि में श्रद्धालु पूजन करने पहुंचे। सुबह और शाम को मां के दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। लेकिन, मंदिरों में एक समय में सीमित लोगों को प्रवेश दिया गया।
गोल मंदिर एवं दुर्गा परिवार ने किया आरती का लाइव प्रसारण
शास्त्रीनगर स्थित गोल मंदिर में गोल मंदिर सेवा समिति व दुर्गा परिवार सेवा समिति द्वारा मां आदिशक्ति की आरती का लाइव प्रसारण किया गया। मंदिर के सदस्यों ने बताया कि मां भगवती की आरती का हर शाम को लाइव प्रसारण फेसबुक पेज पर किया जा रहा है। जिससे संक्रमण की स्थिति में भी घर बैठे सभी भक्तों को माता रानी के दर्शन हो सकें।
कैकई-मंथरा और दशरथ-कैकई का हुआ संवाद
भैंसाली मैदान स्थित श्रीरामलीला भवन में चल रहे श्रीरामायण पाठ में सोमवार को सीता विदाई, राज तिलक की तैयारी, कैकेई-मंथरा संवाद, दशरथ-कैकेई संवाद का प्रसंग सुनाया गया। इस अवसर पर आचार्य पंडित हरीश चंद्र जोशी ने संगीतमय तरीके से कथा सुनाते हुए बताया कि कैसे कैकेई राजा दशरथ से दो वर मांगती है। जिसमें वह भरत को राज्य और श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास राजा से मांग लेती हैं। इससे राजा दशरथ आहत हो जाते हैं और पार्श्व में श्रवण कुमार लीला, राम वनवास गमन, केवट मिलन और भरत मिलाप का प्रसंग भी बताया गया। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष पवन गर्ग, कोषाध्याक्ष विजय गोयल, महामंत्री गणेश अग्रवाल, राजेश खन्ना, मुख्य संरक्षक अनिल जैन, राजीव मित्तल, विवेक रस्तोगी, अंकित गुप्ता मनु, सुरेंद्र सिंधु, सुमित गोयल, अमित सिंघल आदि मौजूद रहे।
श्रीराम चंद्र की बरात का सुनाया प्रसंग
श्रीरामलीला कमेटी मेरठ शहर द्वारा श्रीसनातन धर्म मंदिर में चल रहे श्रीरामकथा में श्रीराम बरात की कथा का प्रसंग सोमवार को सुनाया गया। वृंदावन धाम से आए श्रीब्रज बहुला वन राजेश्वरी लीला संस्थान के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा द्वारा श्रीराम बरात की कथा का वर्णन किया गया। उन्होंने बताया गया कि धनुष भंग के पश्चात महाराज जनक अयोध्या में महाराज दशरथ के पास बरात लाने का न्योता भेजते हैं। जिसके बाद अयोध्या में उत्सव का माहौल हो जाता है। महाराजा दशरथ, मुनि विश्वामित्र, मुनि वशिष्ठ जनकपुरी के लिए बरात लेकर निकलते है। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष शिव कुमार गुप्ता, महामंत्री मनोज माहेश्वरी, कोषाध्यक्ष पंकज ग्रोवर, राकेश गर्ग, जितेंद्र मणि, संजीव गुप्ता एडवोकेट मौजूद रहे।