Friday, November 14, 2025
- Advertisement -

पापिन का प्रेम


किसी शहर के फरीसी ने एक बार ईसा मसीह से विनती की-प्रभु, आप कृपया एक दिन मेरे घर पर आकर भोजन करें। उन्होंने उसका निवेदन स्वीकार कर लिया और बता दिया कि वह किस दिन उसके घर आएंगे। निर्धारित दिन वह उसके घर पहुंचकर भोजन करने को बैठ गए। उसी शहर की एक पापिन स्त्री यह खबर मिलते ही संगमरमर के पात्र में इत्र लेकर वहां आ पहुंची। ईसा के पांवों के पीछे खड़ी हो रो-रोकर वह उनके पांवों को अपने आंसुओं से भिगोने लगी। थोड़ी-थोड़ी देर में वह अपने सिर के बालों से ईसा के पांव पोंछने लगी। इस बीच उसने पैर ईसा के कई बार चूमे और उन पर इत्र मला। फरीसी सोचने लगा कि यदि यह ईसा भूत-भविष्य जानता होता तो समझ जाता कि जो स्त्री उसे छू रही है, वह तो पापिन है। वह ईसा पर शक करने लगा। सोचने लगा कि शायद लोग बेमतलब भी उन्हें इतना महत्व देते हैं। वह यह सोच ही रहा था कि तभी प्रभु ईसा ने उससे कहा-हे शमीन, किसी महाजन के दो देनदार थे। एक से उसे पांच सौ दीनार लेने थे और दूसरे से पचास। लेकिन जब उनके पास कुछ रहा ही नहीं तो महाजन ने दोनों को माफ कर दिया। तो उनमें से कौन उसे अधिक प्रेम करेगा? फरीसी बोला-वह, जिसका अधिक पैसा उसने छोड़ दिया। प्रभु ईसा ने कहा, तू ठीक कहता है। इस स्त्री को देख। मैं तेरे घर में आया, लेकिन तूने मुझे पैर धोने को पानी भी न दिया। इस स्त्री ने अपने आंसुओं से मेरे पैर धोए, अपने बालों से उन्हें पोंछा। तूने तो मुझे चूमा तक नहीं, लेकिन जबसे यह आई है, तबसे मेरे पैरों को चूम रही है। इसने मेरे पांव पर इत्र भी डाला और बहुत प्रेम किया। इस वजह से इसके सारे पाप क्षमा हो गए। इसके विश्वास ने मुझे बचा लिया।


spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

सर्दियों में भी गाय-भैंस देंगी भरपूर दूध

सर्दियों का मौसम डेयरी फार्म और दूध उत्पादन के...

गेहूं बोने का उपयुक्त समय

रबी मौसम में गेहूं एक अत्यंत महत्वपूर्ण फसल है...

गेहूं की दस किस्मों से मिलेगी भरपूर पैदावार

गेंहू की किस्मों से सूखी और नम दोनों जमीनों...

चुनाव बिहार में हुआ, तोते दिल्ली के उड़े

हमारे हाथों में कहीं एक जगह ऐसी होती है...

समाज और शिक्षा के सरोकार

एक-दो नहीं कोई आधा दर्जन डॉक्टर्स एक ऐसे गिरोह...
spot_imgspot_img