Tuesday, March 19, 2024
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सब इंस्पेक्टर को अनियंत्रित ट्रक ने कुचला, मौत

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  • ग्राम नाला निवासी सब इंस्पेक्टर ड्यूटी पर जा रहा था अलीगढ़

जनवाणी संवाददाता |

कांधला: बुलेट मोटरसाइकिल से अपने गांव नाला से ड्यूटी पर अलीगढ़ जा रहे सब इंस्पेक्टर को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर डासना के निकट पीछे आए ट्रक ने कुचल दिया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हादसे के वक्त सब इंस्पेक्टर मोबाइल फोन कॉल आने पर बुलेट साइड में खड़ी कर फोन कॉल को सुन रहा था। पोस्टमार्टम के बाद शव गांव में पहुंचा, जहां परिजनों ने गमगीन माहौल में मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया।

कांधला थाना क्षेत्र के गांव नाला निवासी प्रवेन्द्र कुमार पुत्र पूरण सिंह अलीगढ के थाना पिसावर में उप निरीक्षक के पद पर तैनात था। परिजनों के अनुसार चार, दिन पूर्व प्रवेन्द्र अपनी बुलेट मोटरसाइकिल से गांव नाला आया था। शनिवार को प्रवेन्द्र को देखने के लिए लड़की वाले आए हुए थे। उसके बाद प्रवेंद्र रविवार को बुलेट से वापस अपनी ड्यूटी पर अलीगढ़ लौटने के लिए घर से चला था।

बताया गया कि जब वह ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर जाने के बाद गाजियाबाद जनपद के डासना के निकट पहुंचा तो उसके मोबाइल पर एक फोन कॉल आई। फोन आने पर प्रवेन्द्र ने बाइक को साईड में लगाकर फोन सुनने लगा। इसी बीच पीछे से तेज गति से आ रहे ट्रक ने प्रवेन्द्र व उसकी बाइक को अपनी चपेट में ले लिया। ट्रक की टक्कर इतनी भीषण थी कि प्रवेन्द्र के चीथड़े उड़ गए तथा उसकी घटनास्थल पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। साथ ही, उसकी बुलेट मोटरसाइकिल भी खाई में गिर गई।

जिस घर में उसके परिजन शादी के सपने देख रहे थे वहां मातम पसर गया। प्रवेन्द्र की मौत के समाचार से परिजनों में कोहराम मच गया। रविवार की देर रात्रि पोस्टमार्टम होने के बाद प्रवेन्द्र का शव गांव पहुंचा, जहां गमगीन माहौल में परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पीड़ित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिजन करते हैं भट्ठे पर मजदूरी

मृतक सब इंस्पेक्टर प्रवेन्द्र के परिजनों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। परिवार का भरण पोषण करने के लिए उसके परिजन कस्बे के समीप एक भट्ठे पर मजदूरी का कार्य करते हंै। प्रवेंद्र की पुलिस में नौकरी लगने के बाद से उनको परिवार की माली हालत में सुधार होने की कुछ उम्मीद थी लेकिन वह सहारा भी अब नहीं रहा।

सात भाई-बहनों में तीसरे नंबर का था प्रवेंद्र

परिजनों के अनुसार, सात बहन भाईयों में प्रवेन्द्र तीसरे नंबर का था। दो बहनों की शादी कर दी गई है। प्रवेन्द्र काफी मेहनती था। उसका नंबर 2011 में उपनिरीक्षक भर्ती के दौरान आ गया था। किन्तु भर्ती कोर्ट में चले जाने के कारण उसे 2015 में ट्रेनिंग पर अलीगढ भेजा गया। 2017 में ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद जनपद अलीगढ में ही उसे नियुक्ति मिल गई थी तभ्ज्ञी से वह अलीगढ में ही नियुक्त था। प्रवेन्द्र की मृत्यु के बाद उसके परिजनों पर गमों का पहाड टूट गया है।

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