Friday, March 29, 2024
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पूर्ति विभाग का अज़ब-गज़ब कारनामा: मुस्लिम कार्ड में हिन्दू के नाम ?

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  • पूर्ति अधिकारी ने ज़ारी किये सैकड़ों गलत कार्ड, नहीं दिया कार्डों पर हस्ताक्षर करते समय ध्यान
  • यादव के कार्ड शर्मा, दलित के कार्ड में चौहान और शर्मा, तोमर भी
  • शीतल के कार्ड में पड़ोसी के नाम दर्ज, पूर्ति विभाग शासन को लगा रहा चूना
  • गरीबों के राशन को ठिकाने लगाने का किया जा रहा है बड़े स्तर पर खेल

नीरज त्यागी |

खेकड़ा( बागपत): यहां तो पूर्ति विभाग के कारनामे भी अजीबो गरीब है और उनके कारनामे ऐसे है कि उसको देखकर हर कोई हैरान रह सकता है। पूर्ति अधिकारी को सिर्फ आंखे बंद कर राशन कार्डों पर हस्ताक्षर करना या फिर इसको जेब भरना भी कहा जा सकता है।

क्योंकि पूर्ति विभाग ने मुस्लिम के कार्ड में हिन्दुओं के नाम तक चढ़ा दिए हैं और यादव के कार्ड शर्मा, दलित के कार्ड में चौहान, दलित के कार्ड में शर्मा तोमर, शीतल के कार्ड में पडोसी के नाम तक दर्ज किए गए हैं। यह एक या दो नहीं बल्कि सैकड़ों व हजारों की संख्या में ऐसे मामले हो सकते हैं।

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पूर्ति विभाग शासन को बड़े स्तर पर चूना लगाने का कार्य कर रहा है और गरीबों के राशन को इधर उधर बांटकर बड़े स्तर पर खेल किया जा रहा है। इतना ही नहीं जिस परिवार में एक या दो यूनिट है उनके कार्ड में तो सात से आठ यूनिट तक बना दी गयी है और बेटे व बेटी के फर्जी नाम तक चढ़ा दिए गए हैं, जो हैरान करने वाली बात है। पता नहीं क्यों पूर्ति विभाग ऐसे काम करता है जिससे लोगों का विश्वास उठ जाए।

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पूर्ति विभाग जब भी कोई कारनामा करता है तो वह पूरी तरह से नया ही होता है। पहले बागपत जनपद का नाम राशन घोटाले में आया था और फिर उसके बाद यहां लगातार गेहूं व चावल की कालाबाजारी पकड़ी जाती है। यह सब कारनामे पूर्ति विभाग की मिलीभगत के बिना हो नहीं सकते है।

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अब एक ओर नया कारनामा पूर्ति विभाग ने ऐसा कर दिया जिसको देखकर हर कोई हैरान हो रहा है, क्योंकि राशन कार्ड बनाने में भी बड़े स्तर पर खेल कर दिया गया है। लाभार्थी अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए आॅनलाइन आवेदन करता है और उसके बाद यह कार्ड पूर्ति विभाग के बाबू, इंस्पेक्टर व उसके बाद पूर्ति अधिकारी के हस्ताक्षर के लिए जाते है।

जिसके बाद कार्ड को जारी कर दिया जाता है, लेकिन तीन-तीन जगह राशन कार्ड पहुंचने के बाद भी उसपर हस्ताक्षर कर दिए गए है, जो अधिकारियों के कारनामे की पोल खोलने वाला है। ऐसा हो नहीं सकता है कि राशन कार्ड पर किसी की भी नजर न जाए, क्योंकि यह एक या दो नहीं बल्कि सैकड़ों या फिर हजारों की संख्या में राशन कार्डों मे फर्जीवाडा हो सकता है। यहां मुस्लिम राशन कार्ड में हिन्दुओं के नाम तक चढ़ा दिए गए है और यह मामला खेकड़ा व बागपत तहसील क्षेत्र में देखने को मिला है।

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खुद लाभार्थी भी यह कारनामा देखकर पूरी तरह से हैरान दिखाई देता है। इतना ही नहीं जिस परिवार में एक या दो सदस्य है उसके तीन से चार बेटे व बेटी तक दिखा दिए गए है। इनमें जमीला के कार्ड में हिन्दू पलक, दीपक, आंचल के कार्ड में ननद, सोनी दलित के कार्ड में चौहान, आंचल के कार्ड में यादव, शर्मा, बबीता देवी के कार्ड में शर्मा, तोमर, काजल यादव के कार्ड में शर्मा, शीतल के कार्ड में पडोसियों के नाम, शमीम अकेला होने के बाद भी कार्ड में सात यूनिट, कमलेश के यहां दो यूनिट फिर भी आठ नाम ऐसे काफी कार्ड है जो पूर्ति विभाग के कारनामों को पेश करती है। पता नहीं पूर्ति अधिकारी या अन्य स्टाफ ने किस तरह से आंखे बंद करके हस्ताक्षर कर दिए है या फिर इसमें कुृछ ओर मामला हो सकता है।

…कहीं डीलर के इशारे पर तो नहीं बने फर्जी कार्ड!

यहां ऐसा भी हो सकता है कि राशन डीलर ने अपने पास राशन रखने के लिए पूर्ति अधिकारी या उसके स्टाफ से सांठगांठ कर ली है और उसके बाद कार्ड बनने के बाद उनकी सेवा भी कर दी हो? या फिर अन्य कोई भी कारण हो सकता है।

क्योंकि बिना सांठगांठ के इस तरह के कार्ड नहीं बन सकते है और स्टाफ भी बिना जिला पूर्ति अधिकारी की अनुमति लिए कार्ड नहीं बना सकते है। अब तो यह जांच का विषय है कि यह कार्ड कैसे बने और किसके इशारे पर बनाए गए है। या तो इसकी उच्च स्तरीय अधिकारियों से जांच की जाए या फिर अन्य जनपद के अधिकारी से, क्योंकि इस बडे स्तर पर किए गए खेल की तभी पोल खुल सकती है।

कार्ड धारकों के भी आ रही मौज

यहां तो कार्ड धारकों की भी पूरी तरह से मौज आ रही है, क्योंकि उनको पडोसियों व अन्य दूसरी जाति के लोगों का भी राशन खूब मिल रहा है। जिसके घर में कम यूनिट है उनको भी अधिक यूनिट का राशन मिल रहा है। फिर वह क्यों पूर्ति विभाग से नाम कटवाने के लिए आवेदन करें।

पूर्ति अधिकारी बोले, नहीं है कार्ड चेक करने का समय

जिला पूर्ति अधिकारी अभय प्रताप सिंह बोले कि उनके पास राशन कार्ड चेक करने का समय नहीं है और यहां इस तरह के कार्ड नहीं बन सकते है। उनके पास जो जांच होकर कार्ड आता है उसको हस्ताक्षर कर दिया जाता है। उनके पास इतना समय नहीं है कि वह राशन कार्ड के नाम देखे। उनके पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आती है और सिर्फ मीडिया के पास ही शिकायत आती है। वह कोई राशन कार्ड बनाने में फर्जीवाडा नहीं करते है और न ही किसी से सांठगांठ है।
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