Wednesday, May 21, 2025
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स्वामी पूर्णानंद का 121वां जन्मदिन मनाया

  • आईएमए हॉल में वक्ताओं ने स्वामीजी को राष्ट्र के लिये बताया समर्पित

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: स्वामी पूर्णानंद सरस्वती ने 1920 में मेरठ से एसएलसी की परीक्षा उत्तीर्ण कर पुलिस सब इंस्पेक्टर के लिए चुने गए, परंतु सन 1921 में महात्मा गांधी असहयोग आंदोलन से प्रभावित हो इस पद को ठुकरा दिया। सहर्ष कारावास जाने का निर्णय कर स्वाधीनता संघर्ष के कठिन मार्ग पर चलने चलने का निर्णय लिया।

यह बात डा. वीरोत्तम तोमर ने स्वामी पूर्णानंद सरस्वती के जन्म दिवस पर आईएमए हॉल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि साबरमती आश्रम में बाबू के चरणों में बैठकर स्वामी पूर्णानंद सरस्वती ने जीवन को राष्ट्र के लिए समर्पित करने उन्होंने कहा कि का महाव्रत किया।

स्वामीजी ने मेरठ क्षेत्र ही नहीं अपितु हरियाणा व पंजाब प्रांत में स्वतंत्रता आंदोलन की अलख जगाई थी ।1923 में लाहौर आर्य समाज उस समय उत्तर भारत का राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व पुलिस कमिश्नर बागपत सांसद सत्यपाल सिंह ने कहां की कॉलेज जीवन से ही उनका स्वामी पूर्णानंद से गहरा नाता था।

कई बार उनसे बातें हुईं। उन्हें आंखों से भी कम दिखने लगा था, लेकिन उसके पश्चात भी किताबों को पढ़ना बंद नहीं किया। सांसद सतपाल सिंह ने अपने उद्बोधन से पहले स्वामी पूर्णानंद का स्मरण किया। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की विधान सभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्णानंद निर्भीक व्यक्तित्व के धनी थे। जीवन पर्यंत वह देश और वैदिक संस्कारों मजबूत करने के लिए संघर्ष करते रहे।

अपनी विद्वता को उन्होंने जनजन तक पहुंचाया। अध्यक्षता धर्मपाल शास्त्री ने की। संचालन डा. वीर सिंह ने किया। पूर्व गन्ना मंत्री स्वामी ओमवेश ने कहा स्वामीजी में राष्ट्र के प्रति श्रद्धा और निष्ठा कूट कूट कर भरी थी। कहा स्वामी पूर्णानंद का उनके प्रति अगाध स्नेह था। ओज के कवि हरिओम पंवार ने अपनी प्रसिद्ध कविता मैं भारत का संविधान हूं, लालकिले से बोल रहा हूं सुनाई।

साथ उन्होंने जोड़ा कि पूर्णानंद के जन्म दिवस पर उपस्थित समुदाय यह बताता है कि हमने कोरोना पर विजय प्राप्त कर ली है। उनके संपर्क में आये लोग आज भी समाज सेवा में सक्रिय हैं। स्वामी पूर्णानंद द्वारा रचित पुस्तकों का विमोचन भी किया।

बता दें कि स्वामी पूर्णानंद सरस्वती जन्म दिवस समारोह समिति मेरठ के तत्वावधान में स्वामी पूर्णानंद सरस्वती के पुत्र डा. वीरोत्तम तोमर द्वारा स्वामी पूर्णानंद सरस्वती का 121वां जन्म दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया। कार्यक्रम में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, डा. वीरोत्तम तोमर, अशोक सुधाकर, डा. भूपेंद्र चौधरी, राष्ट्रीय सेवक संघ से विनोद भारती, धनीराम समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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