Thursday, April 25, 2024
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जम्मू पुलिस पर आतंकी हमला, जवाबी कार्रवाई में ढेर

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: ड्रोन से हथियार गिराने के मामले में आतंकी को बॉर्डर पर लेकर गई जम्मू पुलिस पर आतंकी ने एक कर्मी की गन छीनकर फायरिंग कर दी। इससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। जवाबी कार्रवाई के दौरान आतंकी भी घायल हो गया, जिसने अस्पताल पहुंचने पर दम तोड़ दिया। यह मामला अंतरराष्ट्रीय सीमा फ्लांय मंडाल का है। यहां से पुलिस आतंकी की निशानदेही पर हथियार बरामद करने गई थी।

जानकारी के अनुसार 24 फरवरी 2022 को अरनिया क्षेत्र में आईबी पर ड्रोन के जरिए हथियार और गोला बारूद फेंका गया। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। यहां 1 पिस्टल, 2 मैगजीन, 70 कारतूस, 3 डेटोनेटर, 3 रिमोट कंट्रोल वाली आईईडी, 3 स्टिकी बम, 2 टाइमर आईडी, 6 ग्रेनेड बरामद हुए। इसी मामले की जांच करते हुए पुलिस को पता चला कि जम्मू की कोट भलवाल जेल में बंद एक आतंकी मोहम्मद अली उर्फ कासिम जहांगीर के कहने पर यह सामान आया था।

वह जेल में बैठ कर ही लश्कर ए तैयबा और अल बद्र के लिए पाकिस्तान से हथियार मंगवाता है। वह लश्कर और अल बद्र का मुख्य संचालक है। पुलिस ने आतंकी को अदालत से रिमांड पर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह ड्रोन से गिराए जाने वाले हथियारों के मामले में शामिल है। उसने बताया कि अरनिया और फ्लांय मंडाल में ड्रोन के जरिए हथियार गिराए गए हैं। इनको छुपाकर रखा गया है। इसकी निशानदेही पर पुलिस की टीम आतंकी को लेकर पहले अरनिया सेक्टर में गई।

यहां पर पुलिस को कुछ नहीं मिला। पुलिस टीम के साथ मैजिस्ट्रेट भी था। इसके बाद पुलिस आतंकी को लेकर फ्लांय मंडाल के तोफ गांव में गई। यह गांव अंतरराष्ट्रीय सीमा पर है। यहां से पुलिस को एक पैकेट मिला। इसमें हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया।

जैसे ही पैकेट खोला जाने लगा तो आतंकी ने एक पुलिस कर्मी की गन छीन ली और उस पर गोली चला दी। तभी पास में खड़े अन्य पुलिस कर्मियों ने आतंकी पर भी गोली चलाई। दोनों तरफ से चली गोली में आतंकी और पुलिसकर्मी घायल हो गए। बाद में अस्पताल पहुंचने पर आतंकी की मौत हो गई।

एडीजीपी जम्मू मुकेश सिंह कहा—–

इस मामले को लेकर एडीजीपी जम्मू मुकेश सिंह ने बताया कि जम्मू के अरनिया में ड्रोन से हथियार गिराए जाने के मामले में एक आरोपी ने खुलासा किया है कि एक पाक कैदी/हैंडलर अली मो. हुसैन ने ड्रोन गिराने में अहम भूमिका निभाई। वह लश्कर-ए-तैयबा और अल बद्र का मुख्य संचालक था। उसने मामले में अपनी भूमिका का खुलासा किया और दो स्थानों के बारे में बताया जहां ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियार और गोला-बारूद छुपाए गए थे।

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