- पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर कर दिया गया 10 लाख करोड़
- समग्र विकास का संपूर्ण बजट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा प्रस्तुत यह बजट सर्व समावेशी तथा विकासोन्मुख है। देश के समग्र विकास का यह सम्पूर्ण बजट है। पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 10 लाख करोड़ कर दिया गया है जिससे प्रत्येक क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे का विस्तार होगा। प्रत्यक्ष कर में भी छूट की सीमा को बढ़ा दिया गया है जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी। मेरठ पर भी वित्त मंत्री जी की कृपा रही है। रेपिड के लिए इस वर्ष भी 3596 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। -राजेंद्र अग्रवाल, सांसद
देश की नींव मजबूत करने वाला
बजट भारत की नींव को मजबूत करने वाला है। देश के नागरिकों, महिलाओं और लघु उद्यमियों के समर्पित बजट है। एमएसएमई को विशेष पैकेज देकर उद्योग जगत को मजबूत करने का प्रयास किया गया है। किसानों के लिये आर्थिक पैकेज सरकार की किसानों के प्रति सकारात्मक सोच का प्रतीक है। -विनीत अग्रवाल शारदा, भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक
हर वर्ग का ख्याल रखा
प्रधानमंत्री ने बजट में जिस तरह से किसानों, महिलाओं समेत हर वर्ग के लोगों का ख्याल रखा है उससे यह बजट विकासोन्नमुख बन गया है। आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर लाखों लोगों को राहत दी है। -कांता कर्दम, सांसद राज्य सभा
बजट विकासपरक
प्रधानमंत्री ने बजट में सभी का ख्याल रखा है और विकास को आगे लाने के लिये लघु उद्योगों के लिये जहां विशेष पैकेज की घोषणा की गई है वहीं आदिवासियों का भी विशेष बजट रखा गया है। बच्चों के लिये डिजीटल लाइब्रेरी की घोषणा कर उज्जवल भारत की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है। बजट में किसानों और वेतनभोगियों को काफी राहत दी गई है। -डा. सोमेन्द्र तोमर, ऊर्जा राज्य मंत्री
वेतनभोगियों को फायदे वाला
विकासपरक बजट है। युवाओं को ज्यादा फायदा दिया गया है। जिन लोगों की सालाना आय सात लाख से कम है उनको लाभ ही लाभ मिला है। उद्योगों, किसानों और सीनियर सिटीजन का ख्याल रखा गया है। यह बजट खुश करने के लिये नहीं बल्कि खुश रहने के लिये बनाया गया है। जिस तरह से प्रधानमंत्री आवास योजना में वृद्धि की गई है वो गरीबों और अल्पसंख्यकों का लाभ पहुंचाएगी। -अमित अग्रवाल, विधायक कैंट
इन्फ्रास्टक्चर पर जोर देने वाला बजट
बजट में नौकरी पेशे वालों का विशेष ख्याल रखा गया है। सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा जोर दिया है अच्छा संकेत है। बजट में लघु उद्योगों को राहत दी गई है। जिनको कोरोना काल में काफी नुकसान हुआ था। कुल मिलाकर बजट विकास की ओर बढ़ने वाला है। -संजय गोयल, व्यापारी नेता
मध्यम वर्ग का बजट
सरकार का आखिरी बजट मध्यम वर्ग के व्यापारियों के लिये बनाया गया है। लोग भले इसे चुनावी बजट कहें, लेकिन मध्यम वर्ग का व्यापारी काफी समय से आयकर स्लैब में बदलाव की मांग कर रहा था। सरकार ने उसकी सुन ली है। बजट काफी अच्छा है और मददगार है। -नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ
सबका साथ सबका विकास
वित्त मंत्री के द्वारा पेश किया गया बजट प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास वाला बजट है। इसमें सभी लोगों का ख्याल रखा गया है। किसान हो या व्यापारी या फिर कर्मचारियों को खासतौर पर लाभ दिया गया है। -अजय गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ
हर वर्ग को खुश करने वाला बजट
सरकार के दूसरे कार्यकाल का बजट विकासपरक और नौकरी पेशा वालों के लिये लाभकारी है। सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा जोर दिया है। एमएसएमई को लेकर जिस तरह से चिंता जताई है उससे छोटे उद्यमियों को ज्यादा फायदा होगा। इनकम टैक्स के स्लैब को लेकर चर्चा होना स्वाभाविक है। -प्रोफेसर युद्धवीर सिंह, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष मेरठ कालेज
बजट बहुत ही सराहनीय: नीरज मित्तल
बजट बहुत ही सराहनीय है। इस बजट में व्यापारियों, किसानों, गरीबों और मध्यम वर्ग के सभी का ध्यान रखा गया है। -नीरज मित्तल, पूर्व महामंत्री, भाजपा युवा मोर्चा
विपक्षियों ने कोसा निर्मला को
टूट गई उम्मीद: रफीक अंसारी
बजट में उद्योगों के लिए कोई राहत नहीं दी गई। उद्योग का दम घूट रहा हैं। हैंडलूम उद्योग, कैंची उद्योग, बैंड उद्योग वेंटीलेटर पर चल रहे हैं। इनके लिए कोई बजट नहीं मिला। रोजगार की कोई बात नहीं हुई। कृषि के लिए बजट कम किया। स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने की दिशा में कदम उठाये जाने चाहिए थे, लेकिन यहां तो स्वास्थ्य का बजट ही कम कर दिया गया है। -रफीक अंसारी, शहर विधायक, मेरठ
किसानों को कोई राहत नहीं: अतुल प्रधान
एमएसपी पर कोई कानून नहीं बनाया। कृषि यंत्रों की खरीद पर कोई छूट नहीं दी। यूरिया व डाई पर भी कोई सब्सिडी देने का जिक्र तक नहीं किया गया। किसानों को कर्ज देने की बात की, लेकिन किसान का गन्ना मूल्य घोषित नहीं। किसान को कर्जदार बनाने की दिशा में तो काम चल रहा हैं,
किसान को बिजली कम दरों पर दी जानी चाहिए, वहां कोई चर्चा नहीं। बेरोजगारों को रोजगार देने का कोई ऐलान नहीं। स्टाई फंड एक झुनझुना हैं, ये किसान का बजट ये नहीं, बेरोजगारों का बजट ये नहीं, छोटे उद्योगों का बजट नहीं, ये सिर्फ बड़े लोगों का बजट हैं। -अतुल प्रधान, विधायक सरधना
नौजवानों, किसानों की उम्मीद को तोड़ा: गुलाम
देश की सीमाओं की सुरक्षा में खड़े जवानों, सरकारी नीतियों से त्रस्त किसानों और बेरोजगारों से बदहाल नौजवानों की उम्मीदों को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तोड़ दिया हैं। मजदूरों के लिए मनरेगा का बजट कम किया, मजदूर और दलित हाशिये पर बजट में रख दिये गए। बजट में सिर्फ उनके लिए प्रावधान हैं, जो बड़े उद्योगपति हैं।
-गुलाम मोहम्मद, विधायक सिवालखास
बजट काफी निराशाजनक रहा: रोहित जाखड़
मोदी सरकार का यह बजट निराशा से भरा बजट है। इस बजट में ना जवान को कुछ मिला और न किसान को। नौजवान भी इस बजट से निराश है। बजट में ग्रामीण अंचल की अर्थव्यवस्था पर एक शब्द नहीं बोला गया, बल्कि मनरेगा का बजट भी आधा घटा दिया गया। स्वास्थ शिक्षा पर भी सरकार की मंशा इस बजट में दिख गई है। सरकार सिर्फ कॉरपोरेट जगत को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। देश की सबसे विकट समस्या बेरोजगारी पर भी बजट के दौरान एक शब्द नहीं बोला गया। -रोहित जाखड़, राष्ट्रीय प्रवक्ता राष्ट्रीय लोकदल