- अब शीशों के रेल डिब्बों में कीजिए पहाड़ों का सफर
- कई रूटों पर बढ़ेगी यह आकर्षक ट्रेनें
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अगर आप कहीं आउटिंग का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए यह खबर ट्विस्ट लेकर आई है। काम के बोझ के बाद हल्के फुल्के पलों को एन्जॉय करने के लिए यदि आप अपनी फैमिली के साथ कहीं बाहर घूमने जा रहे हैं तो इस खबर पर फोकस जरुर करिए। हो सकता है कि यह खबर पढ़ कर आपकी आउटिंग का मजा दोगुना हो जाए।
दरअसल, रेलवे ने अपने टूरिस्ट के लिए एक खास प्लानिंग के तहत रेलों में पारदर्शी कोच लगाने की नई पहल की है ताकि यात्रियों को ट्रेन के अंदर ही प्रकृति का अनूठा नजारा देखने को मिल सके। सूत्रों के अनुसार रेलवे फिलहाल शताब्दी सेवाओं के विभिन्न रुटों पर विस्टाडोम (पारदर्शी) कोच रेलों में लगा रहा है। बताया जाता है कि यह कोच अभी दिल्ली से देहरादून, काठगोदाम और कालका रुटों पर प्रयोग में हैं। इसके साथ साथ अभी इन कोचों को 45 और ट्रेनों में भी लगाया जा रहा है।
ट्रेन के पारदर्शी कोच की खासियत
इन ट्रेनों में जो पारदर्शी कोच होगें वो कुछ अलग प्रकार के होंगे। कोच में बड़े बड़े कांच के शीशे लगे हैं ताकि बाहर के प्राकृतिक दृश्यों को निहारा जा सके। एंटी ग्लेयर स्क्रीन के साथ ही इन डिब्बों में छत भी शीशे की होगी। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं ताकि इन बेहतरीन प्राकृतिक दृश्यों को देखने के लिए बिना अपनी सीट से उठे दांय बांय आसानी से देखा जा सके। इन कोचों में मनोरंजन की भी सुविधा होगी और पूरा कोच वाई फाई की सुविधा से लैस होगा।
दूसरे शहरों में भी मिलेगी सुविधा
दिल्ली के इर्द गिर्द के टूरिस्ट पॉइंटस के अलावा देश के दूसरे शहरों में भी इस प्रकार की सुविधा अन्य ट्रेनों में आपको मिलेगी। दार्जिलिंग में चलने वाली टॉय ट्रेन में भी आप इसी प्रकार के विस्टाडोम कोच में पर्वत, हरियाली व अन्य प्राकृतिक नजारों का आनन्द ले सकते हैं। इंदौर के विश्व प्रसिद्ध पातालपानी झरने का मजा भी आप पारदर्शी कोच में बैठ कर ले सकते हैं।
इसके अलावा कर्नाटक के मंगलोर से पश्चिमी घाट के बीच तक के खूबसुरत नजारों का आनन्द भी इन पारदर्शी कोच के माध्यम से लिया जा सकता है। इन सबके साथ साथ अरुणाचल प्रदेश के जीरो वैली, गोवा के कोल्वा, आंध्र प्रदेश के अराकू वैली, महाराष्ट्र के पुणे, असम के हाफलोंग और हिमाचल के बड़ोग में भी इस प्रकार के पारदर्शी कोचों में सफर का आनन्द लिया जा सकता है।