- कुलपति ने प्रतिक्रिया देते हुए मूटा की चेतावनी को बताया था छात्र विरोधी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शनिवार को मूटा कार्यकारिणी की एक बैठक कुलपति के साथ हुई। जिसमें मूटा कार्यकारिणी द्वारा दिए गए सभी मांगों को लंबी वार्ता के बाद ज्यादातर मांगों को मान लिया गया है। इससे शिक्षक संघ के पदाधिकरियों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई है। हाांलाकि, 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मूटा संघ के सदस्यों एवं शिक्षकों ने कुलपति कार्यालय के बाहर सड़क पर दरा बिछाकर धरना दिया था। साथ ही आगामी परीक्षा बहिष्कार की चेतावनी दी। इसके अलावा शिक्षकों ने सड़कों पर उतर का अपनी मांगे मनवाने की बात कही थी। इसके चलते शनिवार को उक्त मांगों में से कुछ मांगों को विवि प्रशासन ने मान लिया है।
मूटा अध्यक्ष पंकज शर्मा व महामन्त्री राहुल उज्ज्वल ने बताया कि विवि कुलपति ने मूटा संघ की कुछ मांगों को मान लिया है। जिसमें से प्रमुख मांगे क्रमानुसार है। बताया कि बैठक में महाविद्यालयों के छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए बनाए जाने वाले अधिकांश मूल्यांकन केंद्रों पर प्रोफेसर को मूल्यांकन नियंत्रक बनाए जाने, अनुदानित महाविद्यालयों पर स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों का भार कम करने के लिए और अधिक स्ववित्तपोषित महाविद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाए जाने, सभी अनुदानित शासकीय महाविद्यालयों के प्रोफेसर की अलग से वरिष्ठता सूची बनायी जाने, इससे विवि के समस्त कार्यों में क्रमानुसार प्रोफेसर्स को दायित्व दिए जाएंगा।
इसमें एक वर्ष का अनुभव रखने वाले सभी स्थायी शिक्षकों को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कराए जाने और उड़ाका दल के सदस्य तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में पर्यवेक्षक के लिए अनुभव सीमा को 12 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष किए जाने पर सहमति बनी गई है। वहीं, शिक्षक कल्याण कोष की बैठक जनवरी माह में बुलाए जाने और प्रयोगात्मक एवं मौखिक परीक्षाओं के लिए अग्रिम राशि महाविद्यालय को दिए जाने के लिए वित नियंत्रक से वार्ता करके कोई रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है। मूटा कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को विवि की विभिन्न समितियों में पूर्व की भांति सदस्य बनाए जाने पर सहमति बनी, विभिन्न कार्यों जैसे विषय विशेषज्ञ, प्रयोगात्मक, मौखिक परीक्षा में सभी शिक्षकों को वरिष्ठता सूची से क्रम अनुसार समान अवसर दिए जाने का आश्वासन मिला है।
महाविद्यालयों व विवि परिसर की आरडीसी अलग किए जाने को लेकर निदेशक रिसर्च के साथ मूटा की अलग से बैठक कर निर्णय लेने पर सहमति हुई ,शीतकालीन अवकाश एक जनवरी से बढ़ाकर 5 जनवरी तक किए जाने पर सहमति हुई । स्थानीय यात्रा भत्ता बढ़ाने के लिए अन्य विवि में प्रचलित यात्रा भत्ता के पत्र मूटा द्वारा उपलब्ध कराए जाने पर वित समिति से उसको बढ़ाएं जाने के लिए आश्वासन दिया है। प्रयोगात्मक और मौखिक परीक्षा में परीक्षक बनाए जाने वाले पत्र को संबंधित शिक्षकों के पास भेजने के लिए सहमति बनी।
जिसके लिए सभी शिक्षकों की ईमेल उपलब्ध कराने के लिए परीक्षा नियंत्रक द्वारा मूटा महामंत्री को दायित्व दिया गया है। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के पारिश्रमिक का भुगतान तुरंत कराए जाने पर सहमति बनी और भविष्य में भी मूल्यांकन केंद्रों के भुगतान में देरी न होने की परीक्षा नियंत्रक ने जिÞम्मेदारी ली। मूटा अध्यक्ष पंकज शर्मा तथा मूटा महामन्त्री राहुल उज्ज्वल के साथ मूटा उपाध्यक्ष सुभासिनी शर्मा, संयुक्त सचिव कौशल प्रताप सिंह, फुपुक्टा प्रतिनिधि सचिन शर्मा व जयंत तेवतीया, डा. कपिल कुमार, डा. आनन्दवीर, डा. एमपी वर्मा उपस्थित रहे।