जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: प्रदेश के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरुण कुमार सक्सेना तथा राज्य मंत्री केपी मलिक ने उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान सक्सेना ने जैव संसाधनों के वाणिज्यिक उपयोग को विनियमित करने, जैव संसाधनों के वाणिज्यिक प्रयोग से प्राप्त लाभ का अंश बोर्ड के कोष में जमा करने हेतु प्रभावी अनुश्रवण के निर्देश दिए।
वन मंत्री ने कहा कि जैव विविधता प्रबन्ध समितियों को सुदृढ़ व सक्रिय किया जाये। जैव संसाधनों का वाणिज्यिक उपयोग करने वाले व्यापारियों व विनिर्माताओं से एबीएस की निर्धारित धनराशि जमा कराने के सार्थक प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि फील्ड स्तर पर प्रभागीय वनाधिकारियों को अधिनियम के प्रावधानों की समुचित जानकारी होनी चाहिए। जनपद स्तर पर जैव विविधता संरक्षण व संवर्धन के लिए जन सामान्य, विशेषकर विद्यार्थियों, कृषकों, जैव संसाधन उत्पादकों एवं व्यापारियों व विनिर्माताओं को अधिनियम, नियम व विनियम के प्रावधानों से परिचित कराया जाये।
डॉ0 सक्सेना ने वन विभाग के प्रस्तावित कार्यालय भवन में बोर्ड कार्यालय स्थापित करने हेतु कार्यालय कक्षों का प्रावधान करने का निर्देश दिया। मंत्री ने जीवन को बनाए व बचाए रखने में जैव विविधता की महत्वपूर्ण भूमिका के दृष्टिगत जैव विविधता संरक्षण व संवर्धन के लिए समस्त लाइन डिपार्टमेंट-कृषि, मत्स्य, पशुधन, उद्यान एवं वन विभाग को समेकित प्रयास किए जाने, पंचायतों का ऑनलाइन सम्मेलन आयोजित करने एवं उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी प्रयास करने का निर्देश दिया।