Wednesday, January 15, 2025
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इनर रिंग रोड का जनता को कब मिलेगा तोहफा?

  • प्लानिंग तो हो रही खूब, लेकिन इनर रिंग रोड कब बनेगी इसकी कोई गारंटी देने को तैयार नहीं

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: इनर रिंग रोड कब आकार लेगा? दो दशक से इनर रिंग रोड की प्लानिंग दर प्लानिंग हो रही हैं, लेकिन ये सब कागजों में धरातल पर कुछ नहीं हैं। जो भी कोई अधिकारी नया आता हैं तो इनर रिंग रोड को लेकर प्लानिंग करने लगता हैं। इसमें भी ठीक वैसे ही चल रहा हैं। प्लानिंग तो खूब हो रही हैं,

लेकिन इनर रिंग रोड कब बनेगी इसकी कोई गारंटी देने को तैयार नहीं हैं। जनता हर रोज जाम से जूझती रहती हैं। इनर रिंग रोड बने तो जाम से मुक्ति मिले, लेकिन इसकी चिंता नहीं हैं। मास्टर प्लान 2021 में इनर रिंग रोड की प्लानिंग की थी। तब से इस पर कागजों में काम चल रहा हैं। मीटिंग दर मीटिंग हो रही हैं, लेकिन सपने दिखाने के अलावा कुछ और नहीं हो रहा हैं।

अब ये किया जा रहा दावा

आबूनाला प्रथम (कसेरूखेड़ा) पटरी के किनारे इनर रिंग रोड आकार लेगी। इसकी कवायद तेज हो गई। कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय व अभियंताओं के साथ नाला पटरी का निरीक्षण भी किया था। योजना फलीभूत करने की संभावनाएं तलाशी गईं। दावा है कि यह इनर रिंग रोड बनने से महानगर में जाम की समस्या खत्म होगी। दावा है कि यह इनर रिंग रोड बनने से महानगर में जाम की समस्या खत्म होगी।

कैंट भाजपा विधायक अमित अग्रवाल ने बताया कि एनएच-58 रुड़की बाइपास ग्राम जटौली, डोरली, सोफीपुर, खटिकाना, मीनाक्षीपुरम, कसेरुखेड़ा, मवाना रोड पुल तक सड़क कहीं बनी है, कहीं अतिक्रमण है। मवाना रोड पुल से किला रोड तक करीब दो किमी सड़क बन चुकी है। किला रोड से रैसना, दतावली होते हुए गढ़ रोड तक सड़क निर्माण प्रस्तावित है। जटौली से मवाना रोड पुल तक सड़क निर्माण कर दिया जाए तो यह एक तरह से इनर रिंग रोड का रूप ले लेगी।

ये भी हुई थी प्लानिंग

बागपत रोड एनएच-58 से कनेक्टिविटी देने के लिए इनर रिंग रोड की प्लानिंग हुई थी। यहां से बिजली बंबा बाइपास दिल्ली रोड को आपस में कनेक्ट करना था। इसको लेकर लंबे समय तक प्लानिंग में चलता रहा। फिर ये हुआ कि सिंचाई विभाग के रजवाहे को कवड़ कर सड़क का निर्माण कर दिया जाएगा।

इस तरह से काम कागजों पर चलता रहा। शहर के लोगों को ख्वाब दिखाये जाते रहे, लेकिन धरातल पर काम नहीं हुआ। अब भी सिर्फ और सिर्फ हवा में बात चल रही हैं। कब प्लानिंग पूरी होगी? ये अभी दिखाई नहीं दे रहा हैं। इससे तो बेहतर था कि एनएचएआई से ही इनर रिंग रोड को बनवा लिया जाता।

पीडब्ल्यूडी चीफ को भारी पड़ा इंजीनियरों से टकराना !

पीडब्ल्यूडी में अचानक बड़ा उलटफेर हुआ है। मेरठ में पीएमजीएसवाई के मुख्य अभियंता एमएम निसार से मेरठ क्षेत्र के मुख्य अभियंता का अतिरिक्त कार्यभार वापस ले लिया गया है। अब मुरादाबाद क्षेत्र के मुख्य अभियंता एसपी सिंह मेरठ के मुख्य अभियंता पद का अतिरिक्त कार्यभार देखेंगे। अचानक हुए इस फेर बदल का मुख्य कारण मुख्य अभियंता एमएम निसार और डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के बीच जारी गुपचुप शीतयुद्ध को माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार एमएम निसार जब पूर्व में मेरठ में अधिशासी अभियन्ता के पद पर तैनात थे

तब भी यहां उन्हें लेकर विवाद की स्थिति बनी थी। उधर यह भी पता चला है कि मुख्य अभियंता एमएम निसार प्रकरण को लेकर डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारी दो दिन पहले लखनऊ में लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद से भी मिले थे और एमएम निसार को हटाने की मांग की थी। बताया जा रहा है कि एमएम निसार से मुख्य अभियंता मेरठ क्षेत्र का अतिरिक्त कार्यभार वापस लेना इसी विवाद की कड़ी माना जा रहा है।

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