Thursday, January 16, 2025
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अल्टो कार सवारों ने गोलियां बरसाकर युवक को उतारा मौत के घाट

  • पुरानी रंजिश के चलते हुई 26 वर्षीय युवक की हत्या
  • परिजनों का आरोप पुलिस कार्रवाई करती तो नहीं होती हत्या
  • क्षुब्ध ग्रामीणों ने थाने पर नौ घंटे किया हंगामा, थाने के गेट पर धरने पर बैठे

जनवाणी संवाददाता |

हस्तिनापुर: क्षेत्र के गांव लुकाधड़ी में पुरानी रंजिश के चलते एक युवक की दिनदहाड़े कार सवार तीन बदमाशों ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। बदमाश घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए। उधर, घटना की जानकारी परिवार को मिली तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में परिवार व तमाम ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और घटना को लेकर जमकर हंगामा किया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बामुश्किल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। युवक की हत्या के बाद से गांव में तनाव व्याप्त है। फिलहाल गांव में पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

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हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के गांव लुकाधड़ी निवासी 26 वर्षीय अंकित पुत्र कंवरपाल सोनीपत में प्राइवेट नौकरी करता था। वह दो दिन पहले ही पत्नी अंजू-व बच्चों के साथ घर पर आया था। रविवार सुबह करीब नौ बजे अंकित पत्नी और दोनों बच्चों को घर छोड़कर अकेला ही सोनीपत जाने के लिए बाइक से निकला था। सुबह करीब नौ बजे के आसपास अंकित जैसे ही वह गांव के बाहर नहर पुल पर पहुंचा तो पहले से घात लगाये अल्टो कार में सवार तीन बदमाशों ने उस पर पिस्टलों से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी।

बदमाश घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए। कार सवार बदमाशों ने अंकित को बाइक पर चलते हुए तीन गोलियां मारी। एक गोली उसकी गर्दन व दो गोली पीठी व छाती में लगी। गोलियां लगते ही अंकित बाइक सहित वहीं गिर गया। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने परिजनों व पुलिस को सूचना दी। घटना की जानकारी पर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी की।

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उधर, परिजन खून में लथपथ अंकित को लेकर सीधे मेरठ के एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने अस्पताल से ही उसका शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। घटना की जानकारी पर एसपी क्राइम अनित कुमार मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी की।

भाई ने दी नामजद हत्या की तहरीर

अंकित के छोटे भाई अभिषेक ने गांव के अरिहंत पुत्र सुरेश, मुकेश पुत्र वीर सिंह व उदयवीर पुत्र सुरेंद्र को नामजद करते हुए हत्या की तहरीर दी है। पुलिस ने सभी के खिलाफ हत्या में धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

दो माह से परिवार लगा रहा था गुहार

अंकित की हत्या को गांव की रंजिश के चलते अंजाम दिया गया। बताया जाता है कि परिवार के लोग लगातार दो माह से हस्तिनापुर थाना प्रभारी रमेश चन्द शर्मा से अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे, लेकिन इंस्पेक्टर रमेशचन्द्र शर्मा ने उनकी नहीं सुनी। परिवार के लोगों ने पहले ही इंस्पेक्टर से परिवार के किसी सदस्य की हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन इंस्पेक्टर ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों का आरोप है कि अगर हस्तिनापुर थाना प्रभारी उनकी सुनवाई कर लेते तो अंकित की हत्या नहीं होती।

समाधान दिवस में भी की थी शिकायत

अंकित के परिवार के लोगों ने एक दिन पहले ही तहसील समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र देकर हत्या की आशंका जताई थी। उन्होंने अफसरों से कहा था कि दूसरा पक्ष कभी भी उनके परिवार के सदस्य की कभी भी हत्या कर सकता है। इसलिए उनकी सुरक्षा की जाये, लेकिन अफसरों ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसका नतीजा ये रहा कि कार सवारों ने पुलिस को चैलेंज देते हुए ऐलानिया हत्या कर दी।

वर्ष 2020 में गांव में हुई थी विनोद की हत्या

गांव लुकाधड़ी निवासी विनोद पक्ष से अंकित के परिजनों का जमीनी विवाद चला आ रहा है। 29 अप्रैल 2020 को अंकित के घर पर गांव निवासी विनोद पहुंच गया था। जहां विवाद होने पर अंकित व उसके परिवार के लोगों ने विनोद की हत्या कर दी थी। इस मामले में अंकित व उसके पिता कंवरपाल, भाई अभिषेक, सोनू, मोनू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था और पांचों आरोपी जेल गए थे। करीब एक साल पहले सभी आरोपी जमानत पर छूटे थे।

पुलिस चाहती तो नहीं होती अंकित की हत्या

थाना पुलिस चाहती तो रविवार को लुकाधड़ी गांव में हुई अंकित की हत्या को टाला जा सकता था। दरअसल, साढ़े तीन साल पहले हुई विनोद की हत्या के बाद से दोनों पक्षों में तनातनी चल रही है। अंकित के परिवार के लोगों ने पहले भी कई बार थाना पुलिस से कार्रवाई की मांग करते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। परिजनों ने बताया कि इंस्पेक्टर हस्तिनापुर ने उन्हें हर बार उल्टा ही धमकाकर भेज दिया।

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थाने में सुनवाई नहीं होने पर वे शनिवार को तहसील दिवस में पहुंचे थे और प्रार्थना पत्र अधिकारियों को देकर उनकी हत्या किए जाने की आशंका जताई थी, फिर भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। परिजनों ने बताया कि भ्रष्टाचार में लिप्त इंस्पेक्टर हस्तिनापुर हर प्रार्थना पत्र पर आरोपियों से सांठगांठ कर कोई कार्रवाई नहीं करते थे। जिसका परिणाम अंकित की हत्या के रूप में सामने आया। घटना के बाद परिजन व ग्रामीण थाना गेट पर बैठ गए

और इंस्पेक्टर हस्तिनापुर व जंबूद्वीप पुलिस चौकी प्रभारी को निलंबित करने की मांग करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। घटना की सूचना पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण गांव में पहुंचे और घटना की जानकारी ली। एसपी क्राइम अनित कुमार थाने पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। नौ घंटे बाद अधिकारियों द्वारा 72 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी व इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासन पर हंगामा शांत हुआ।

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