Thursday, April 18, 2024
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आवास विकास: ‘विकास’ के नाम पर ‘शून्य’

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  • आवास विकास: नए साल से ढेरों उम्मीद, किसानों और आवंटियों की मांग हो सकती है पूरी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: साल 2021 आवास विकास परिषद के आवंटियों के लिये कुछ खास नहीं रहा। यहां इस साल में आवास विकास ने संपत्तियां तो खूबी बेची, लेकिन जागृति विहार एक्सटेंशन स्कीम 11 में किसी भी आवंटी को कब्जा दिलाने में आवास विकास नाकामियाब रहा। पूरे साल किसान अपनी मांगों को लेकर धरना रत रहे और आवास विकास फ्लैट और प्लॉटों की योजनाओं के फार्म लोगों से भरवाता रहा। आवास विकास ने फार्मों के आवेदन शुल्क से ही काफी धनराशि एकत्र की, लेकिन इन प्लॉटों में होने वाली आवंटन प्रक्रिया भी रद करनी पड़ी।

अब आने वाले साल में जहां आवास विकास को अपने फ्लैट बेचने की कोशिश करनी है वहीं किसानों को भी प्लॉट दिये जाएंगे और आवंटियों को भी कब्जा मिल सकता है।

आवास विकास परिषद की ओर से शहर में कई योजनाएं बनार्इं गई हैं। जिनमें मंगलपांडे नगर, माधवपुरम, शास्त्रीनगर समेत कई योजनाएं शामिल हैं। यह सभी योजनाएं आवास विकास की परवान चढ़ी, लेकिन स्कीम 11 जागृति विहार एक्सटेंशन का विवाद साल 2021 में भी खत्म नहीं हुआ।

स्कीम 11 को बनाने के लिये आवास विकास परिषद की ओर से वर्ष 2009 में किसानों से जमीन एक्वायर की गई थी, लेकिन अब 12 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन यहां योजना में आवंटियों को कब्जा तक नहीं मिला है। उधर, इस योजना में आवास विकास के दो हजार से अधिक फ्लैट हैं, लेकिन आवास विकास इन्हें बेचने में कामियाब नहीं हो पाया है।

परिषद ने की खूब कमाई, आवंटी रहे परेशान

आवास विकास की विभिन्न योजनओं में खाली पड़े प्लॉटों व फ्लैटों को आवास विकास समय समय पर बेचता रहा। आवास विकास ने स्कीम 11 में ही एमपीएस ग्रुप को करोड़ों रुपये की जमीन बेची, लेकिन इस ग्रुप को भी वह उसकी जमीन पर कब्जा दिलाने में नाकामयाब रहा। जिससे आवास विकास का खाता तो पूरे साल भरा रहा, लेकिन यहां जमीन लेने वाले परेशान रहे। यही हाल आवास विकास के आवंटियों का रहा। यहां बने पीएम आवासों में भी लोग अभी तक रहने नहीं पहुंचे।

2022 में खत्म हो सकता है किसानों का विवाद

आवास विकास में सबकुछ ठीक रहा तो किसानों की सभी मांगे इस साल में पूरी हो जाएंगी और यह योजना परवाना चढ़ेगी। यहां रिंग रोड का निर्माण होते ही यहां रुके हुए सारे कार्य पूरे हो जाएंगे। जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में इससे बेहतर योजना मुश्किल ही बन पायेगी।

उधर, किसानों की मांगे मुख्यालय तक पहुंच चुकी हैं। उम्मीद है कि आने वाले साल में किसानों को उनके प्लॉट और बढ़े हुए प्रतिकर का भुगतान किया जा सकता है। वहीं, एमआईईटी स्कूल तो कब्जा ले चुका है आने वाले साल में यहां एमपीएस स्कूल भी बनकर तैयार हो जायेगा और योजना में भी विस्तार होगा। किसानों से विवाद खत्म होते ही यह योजना सीधे हापुड़ रोड से भी जुड़ेगी और लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

कम हो सकते हैं फ्लैटों के दाम

वर्ष 2022 की बात करें तो आने वाले साल में आवास विकास परिषद अपनी जागृति विहार स्कीम 11 में फ्लैटों के दामों में 25 प्रतिशत की कमी कर सकता है। इसका प्रस्ताव मुख्यालय जा चुका है। वहां से निर्णय होना बाकी है। ऐसा इसलिए क्योंकि आवास विकास यहां अपने फ्लैट बेच नहीं पाया है। इनके दाम इतने अधिक हैं कि यह लोगों को आकर्षित नहीं कर पाये। उधर, आने वाले साले मे शायद फ्लैटों के दाम कम हों और लोगों को आकर्षित कर पाये।

पूरे साल आवंटियों को नहीं मिल पाया कब्जा

2021 की बात करें तो आवास विकास परिष ने काफी संख्या में प्लॉटों को सेल करने का प्रयास किया। यहां आवास विकास परिषद की ओर से करीब 300 प्लॉटों पर इस साल आवेदन लिये गये। जिसमें लोगों ने एडवांस के तौर पर करीब डेढ़ लाख रुपये तक जमा करके आवेदन किया।

इन प्लॉटों की लॉटरी प्रक्रिया आवास विकास तय समय पर नहीं कर पाया। जिससे आवास विकास को तो जमा धनराशि का लाभ मिला, लेकिन प्लॉट के लिये आवेदन करने वालों को लाभ नहीं मिला। उधर, सेक्टर-पांच में जो मकान आवास विकास लोगों को दे चुका है। उन्हें आवास विकास कब्जा नहीं दिला पाया, क्योंकि वह किसानों के साथ अपना विवाद नहीं सुलक्षा पाया। अब उम्मीद है कि इस आने वाले साल 2022 में किसानों से विवाद भी सुलझेगा और आवंटियों को अपने मकानों पर कब्जा भी मिल पायेगा।

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