Friday, December 27, 2024
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इलाका वीआईपी, फिर भी अवैध पार्किंग

  • कमिश्नरी और कलक्ट्रेट के अलावा एसएसपी आफिस और पुलिस लाइन एरिया में भी की जा रही है अवैध पार्किंग

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: क्रांतिधरा का वीआईपी इलाका माना जाने वाला सिविल लाइन एरिया अवैध पार्किंग में तब्दील हो गया है। कमिश्नरी जहां कमिश्नर समेत प्रशासन के तमाम सीनियर अफसर बैठते हैं, कलक्ट्रेट जहां डीएम के अलावा दूसरे प्रशासनिक व न्यायिक अधिकारियों के कार्यालय हैं

और एसएसपी आफिस जहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक देहात बैठते हैं। इससे सटा हुआ पुलिस लाइन व एमडीए आफिस, जहां दूसरे अफसरों के ठिकाने हैं। इसके इनके आसपास सरकारी अफसरों के आवासों के सामने वाली जगह या कहें सड़कें अवैध पार्किंग में तब्दील हो जाती हैं।

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क्या वाकई नहीं पड़ती नजर ?

जिस अफसरों का ऊपर जिक्र किया गया है इनमें से अक्सर कुछ तो कई बार इस पूरे एरिया से होकर गुजरते हैं। इनमें कुछ ऐसे हैं। जिनके कंधों पर सिस्टम व व्यवस्था की जिम्मेदारी है तो क्या यह मान लिया जाए कि जो भी अफसर सिविल लाइन के इस वीआईपी इलाके से होकर गुजरते हैं। उनकी नजर वाकई सड़क के दोनों ओर बना दी गयी अवैध पार्किंग पर नहीं पड़ती या फिर जानबूझ कर इससे नजरें फेर ली जाती हैं।

हालात बनते जा रहे बदतर

  • एसएसपी आवास

सिविल लाइन के इस वीआईपी इलाके की यदि बात की जाए तो हालात बद से बदतर हैं। सिविल लाइन का कुटिया वाला चौराहा जहां एसएसपी आवास है, सुबह 10 बजे से से एसएसपी आवास के बाहर सड़क के दोनों ओर वाहनों की अवैध पार्किंग शुरू कर दी जाती हैं। 11 बजते-बजते हाल यह हो जाता है कि इस अवैध पार्किंग में एक भी दूसरा वाहन खड़ा करने की जगह बाकि नहीं रह जाती है। यह अवैध पार्किंग पूरी तरह से खचाखच रहती है।

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ऐसा कि जिला के पुलिस कप्तान के सरकारी बंगले पर पुलिस वाले मुस्तैद नहीं रहते, लेकिन जो भी रहत हैं, उन्हें कभी भी कप्तान के बंगले के बाहर रोड साइड में गाड़ियां पार्क करने वालों को रोकते टोकते नहीं देखा गया है। कप्तान के बंगले के बगल वाला बंगला एसपी देहात का है। इस बंगले के बाहर भी प्राइवेट कारों को सड़क की दोनों साइड कब्जा रहता है।

कमिश्नरी और डीजे कोर्ट

एसएसपी के सरकारी बंगले से चंद कदम की दूरी पर कमिश्नरी है जहां कमिश्नर व प्रशासन के दूसरे अफसरों के कार्यालय हैं। कमिश्नरी कार्यालय के बाहर भी सुबह 10 बजे से रोड की दोनों साइडें अवैध पार्किंग में तब्दील हो जाती हैं। कमिश्नरी के सामने डिस्ट्रिक जज व दूसरे न्यायिक अधिकारियों के कार्यालय हैं।

इसके अलावा एलेग्जेंडर एथलीट क्लब और उसके बगल में मेरठ कालेज यह पूरा इलाका रोड के दोनों ओर की जाने वाली अवैध पार्किंग के लिए सबसे ज्यादा बदनाम है। कई बार तो हालत यह होती है कि रोड साइड और उसके बगल में भी जो जगह होती है। वहां भी कुछ लोग गाड़ी पार्क कर देते हैं। यह स्थित आमतौर पर एलेग्जेंडर क्लब के बाहर ज्यादा होती है।

एसएएपी कार्यालय

नगरायुक्त के कैंप कार्यालय से लेकर वाया एसएसपी आफिस आम्बेडकर चौराहा तक का रास्ता भी सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक अनजान गाड़ियों की गिरफ्त में होता है। दरअसल, कमिश्नरी, कलक्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपने काम से आने वालों को गाड़ी पार्क करने के लिए यही जगह सबसे मुफीद नजर आती है। दोनों ओर रोड साइड पर दिन भर गाड़ियां खड़ी कर लोग कइ-कई घंटों के लिए गायब हो जाते हैं। न कोई रोकने वाला है और न कोई टोकने वाला।

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पुलिस लाइन इलाका

यहां मेरठ विकास प्राधिकरण, जिला आपूर्ति कार्यालय, रजिस्ट्रार कार्यालय, इसी भवन में होमगार्ड कमांडेंट कार्यालय चल रहा है। इसके सामने पुलिस लाइन और पुलिस लाइन के बाहर महिला थान, एसपी ट्रैफिक कार्यालय और पुलिस से संबंधित दूसरे कार्यालय और कौने पर सर्किट हाउस, लेकिन इस रास्ते के दोनों रोड साइड की यदि बात की जाए तो गाड़ी खड़ी गायब हो जाने के लिए यह इलाका सबसे ज्यादा बदनाम है। कुछ लोगों की गाड़ियां तो यहां पूरे-पूरे दिन खड़ी रहती हैं। रोड साइड पर अवैध पार्किंग करने वालों की हरकतों से तो यह लगता है कि उन्हें किसी का कोई खौफ नहीं।

ट्रैफिक में स्टाफ की कमी

ट्रैफिक पुलिस के दो दल अक्सर रोड पर पार्क की जाने वाली गाड़ियों को उठाते देखे जा सकते हैं, लेकिन जितनी बड़ी संख्या में सिविल लाइन के इस वीआईपी इलाके में गाड़ियां रोड पर पार्क की जाती हैं उसको देखते हुए ट्रैफिक पुलिस का यह इंतजाम ऊंट में मुंह में जीरा सरीखा है। आमतौर पर यह देखा गया है कि जो गाड़ियां रोड से उठायी जाती हैं, उनमें से ज्यादातर सिविल लाइन के इस वीआईपी इलाके के बाहर से उठायी जाती हैं।

  • लगातार चल रहा अभियान

रोड पर गाड़ी पार्क करना गैर कानूनी है। इसके लिए यातायात पुलिस प्रतिदिन दर्जनों वाहनों का चालान भी करती है।

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कई गाड़ियां उठायी भी जाती हैं। अभियान को और तेज किया जाएगा। -राघवेन्द्र मिश्रा, एसपी ट्रैफिक, मेरठ

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