जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से डिजिटल रेप का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि अधेड़ उम्र के राशिद ने नाबालिग भाई-बहन को अपनी हवस का शिकार बनाया है। खेरली गांव के इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी राशिद को गिरफ्तार भी कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा स्थित खेरली कस्बा में एक परिवार रहता है। परिवार में पति-पत्नी सहित पांच नाबालिग बच्चे भी हैं। पति और पत्नी मेहनत मजदूरी करते हैं। बीते शुक्रवार को रोजाना की तरह पति-पत्नी मेहनत मजदूरी करने गए थे। उस समय उनके बच्चे घर पर ही थे और खेलकूद रहे थे। उसी दौरान पड़ोस में रहने वाले राशिद ने दोनों बच्चों को खेलने के बहाने अपने पास बुलाकर मौका पाकर आरोपी ने बच्चों के साथ डिजिटल रेप की घटना को अंजाम दिया।
बताया जा रहा है कि इन दोनों बच्चों की उम्र करीब 6 से 7 वर्ष है। मजदूरी कर घर आए माता-पिता को नाबालिग बच्चों ने सारी बात बता दी। इसके बाद परिजनों ने स्थानीय थाना में लिखित शिकायत दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
क्या होता है डिजिटल रेप?
हम में से अक्सर लोग ‘डिजिटल रेप’ को इंटरनेट से जुड़ा अपराध मानते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है और यह पूरी तरह से फिजिकल होता है। दरअसल, ‘डिजिटल रेप’ दो शब्दों को जोड़कर बना है, जो ‘डिजिट’ और ‘रेप’ है। अंग्रेजी के ‘डिजिट’ का अर्थ हिंदी में अंक होता है। दूसरी ओर अंग्रेजी के शब्दकोश में अंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली, इन शरीर के अंगों को भी डिजिट कहा जाता है।
अगर कोई शख्स बिना सहमति के किसी के प्राइवेट पार्ट्स को अपनी अंगुलियों या अंगूठे से छेड़ता है तो ये ‘डिजिटल रेप’ कहलाता है। इसका अर्थ यह कि शख्स अपने डिजिट का इस्तेमाल करके यौन उत्पीड़न करे तो ये डिजिटल रेप कहा जाता है। विदेशों की तरह भारत में इसके लिए कानून बना है।
डिजिटल रेप अपराध को 2013 के आपराधिक कानून संशोधन के माध्यम से भारतीय दंड संहिता में शामिल किया गया था। इसे निर्भया अधिनियम (Nirbhaya Act) भी कहा जाता है। साल 2012 में निर्भया केस के बाद से बलात्कार के कानून में कई बदलाव किए गए जिसमें ये भी शामिल था। साल 2013 के बाद बलात्कार का मतलब सिर्फ संभोग तक ही सीमित नहीं रह गया है। अब इसमें कई नियम जुड़ चुके हैं।
डिजिटल रेप की सजा
डिजिटल रेप के 70 फीसदी मामले किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा अंजाम दिए जाते हैं जो पीड़िता का करीबी होता है। हालांकि, डिजिटल रेप के बहुत कम अपराध दर्ज किए जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि, अधिकांश लोग बलात्कार के कानूनों और ‘डिजिटल बलात्कार’ शब्द के बारे में नहीं जानते हैं। कानून के अनुसार, अपराधी को कम से कम पांच साल जेल की सजा हो सकती है। कुछ मामलों में, यह सजा 10 साल तक चल सकती है या कुछ मामलों में आजीवन कारावास भी हो सकती है।