जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक पेज करीब 16 घंटे के अंतराल के बाद दोबारा सक्रिय हो गया है। शुक्रवार शाम को अचानक पेज बंद होने के बाद सपा ने इसे “राजनीतिक साजिश” बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सीधा आरोप लगाया है।
क्या हुआ था?
शुक्रवार शाम करीब 6 बजे, अखिलेश यादव का फेसबुक पेज बिना किसी पूर्व सूचना के बंद हो गया था। पहले इसे तकनीकी खामी माना गया, लेकिन मेटा (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) की तरफ से कोई स्पष्ट कारण न बताने पर समाजवादी पार्टी ने इसे सोची-समझी साजिश करार दिया।
सपा का आरोप: “भाजपा की घबराहट है वजह”
समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि”जब भी सच्चाई और जनता की आवाज सोशल मीडिया पर तेज होती है, तो भाजपा उसे रोकने के लिए ओछे हथकंडे अपनाती है। अखिलेश यादव का पेज बंद होना उसी रणनीति का हिस्सा है।” सपा प्रवक्ताओं का मानना है कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
फेसबुक को भेजा गया ईमेल, नहीं मिला जवाब
सपा के सूत्रों के अनुसार, पेज के अचानक बंद होने के बाद फेसबुक को ईमेल किया गया, लेकिन 16 घंटे तक कोई जवाब नहीं आया। अंततः शनिवार को पेज फिर से एक्टिव हुआ।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि संभवतः किसी राजनीतिक विरोधी द्वारा कंटेंट को लेकर की गई शिकायत के आधार पर फेसबुक ने स्वतः एक्शन लिया होगा। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पेज बहाल होने के बाद पहली पोस्ट
पेज के फिर से एक्टिव होने पर अखिलेश यादव ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए एक प्रेरणादायक पोस्ट की। उन्होंने लिखा”‘सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है।'”हालांकि, उन्होंने पेज बंद होने की घटना पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की।
राजनीतिक तापमान चढ़ा
इस घटना ने चुनावी माहौल में सोशल मीडिया की भूमिका और उसके दुरुपयोग को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। विपक्षी दल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि सरकारी दबाव में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स राजनीतिक भेदभाव कर रहे हैं।

