- वेस्ट यूपी में जुलाई के प्रथम सप्ताह में मानसून के आने की संभावना
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: इस बार वेस्ट यूपी में बदरा कम बरसे। क्योंकि इस बार प्री-मानूसन की बारिश को लेकर संभावना जताई जा रही थी कि इस बार यह बारिश वेस्ट यूपी क ा कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ देगी, लेकिन यह संकेत उल्टा हो गए। क्योंकि इस बार प्री-मानसून की बारिश मेरठ में 40 मिमी हुई है।
इसके अलावा आसपास के जनपदों की स्थिति मेरठ से भी खराब रही है। क्योंकि यहां भी बारिश नहीं हो पाई। जिसके चलते यहां के लोगों को भी मायूसी हाथ लगी। मौसम वैज्ञानिक अब जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह में मानसून आने की संभावना जता रहे हैं।
हर वर्ष प्री-मानूसन की बारिश बेहद अच्छी होती थी, लेकिन इस बार प्री-मानसून की बारिश ने इस बार वेस्ट यूपी के आंकड़ों में तब्दीली ला दी। अगर मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो उससे साफ जाहिर हो रहा है कि इस बार प्री-मानूसन की बारिश अच्छी नहीं हुई है।
जिसके चलते लोगों को भारी गर्मी का प्रकोप झेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पिछले वर्ष बारिश थोड़ी ठीक हुई थी, लेकिन इस बार प्री-मानसून की बारिश बेहद अच्छी होने की उम्मीद थी, लेकिन बारिश न होने के कारण वेस्ट यूपी में गर्मी का प्रकोप बना हुआ है।
अगर पिछले चार से पांच दिन को छोड़ दे तो साफ जग जाहिर हो रहा है कि पूरे जून के महीने में गर्मी का बेहद प्रकोप रहा है। जिसके चलते लोगों में गर्मी को लेकर हाहाकार मचा रहा है।
फिर से बढ़ गई गर्मी, पारा पहुंच गया 38 डिग्री पर
एक बार फिर से गर्मी का प्रकोप बढ़ गया। जिसके चलते लोगों में हाहाकार मचा गया है। शनिवार को राजकीय मौसम वैधशाला पर दिन का अधिकतम तापमान 38.0 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 19.0 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 44 एवं न्यूनतम आर्द्रता 26 प्रतिशत दर्ज की गई।
हवा का रुख शांत रहा। मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि फिलहाल मौसम में गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा। जिसके चलते लोगों को परेशानी होगी।
वेस्ट यूपी के जनपदों में प्री-मानसून की बारिश के आंकड़े
- एक मार्च से 25 जून तक
मेरठ 40 मिमी
मुजफ्फरनगर 45 मिमी
बागपत 15 मिमी
बुलंदशहर 15 मिमी
बिजनौर 35 मिमी
गाजियाबाद 15 मिमी
हापुड़ 42 मिमी
सहारनपुर 25 मिमी
शामली 15 मिमी
72 घंटे और करना होगा मानसून का इंतजार
भीषण गर्मी से परेशान लोगों को 72 घंटे बाद कुछ राहत मिलने की संभावना है। मानसूनी बारिश का सिलसिला वैसे तो 28 जून से शुरू हो सकता है, लेकिन 27 से ही मौसम में परिवर्तन दिखने लगेगा। ऐसा मौसम वैज्ञानिकों का कहना है। पहाड़ी राज्यों और पूरब के तराई वाले क्षेत्रों से ठंडी हवाएं मौसम बदलने का संदेश लेकर आएंगी और जाएंगी। दो दिनों से मानसून के बादल छठ गए हैं,
जिसके चलते गर्मी की तपिश से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है। मानसून वैज्ञानिकों का कहना है कि 25 जून से ही मानसून आना था, लेकिन अब कुछ इसमें देरी हो गई है। संभावना जताई गई है कि 28 जून को शहर में मानसून की पहली बारिश हो सकती है। उसके बाद अगले तीन दिन तक धूप और बादलों के बीच थोड़ी देर तक बरसात का सिलसिला जारी रहेगा।