जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: आज शनिवार को भी विद्युत कर्मियों के हड़ताल पर गए 22 कर्मचारी नेताओं के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर एस्मा के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। साथ ही 1300 संविदा कर्मियों बर्खास्त कर दिया गया है।
बता दें कि पूरे प्रदेश में विद्युत कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से कई जिलों में बिजली संकट पैदा हो गया है। इसके अलावा फैक्ट्रियों में उत्पादन का काम एकदम से बंद हो गया है। साथ ही शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति भी बाधित हो गई है। ऐसे में आम जनता के बीच हाहाकार मचा हुआ है।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पूरे मामले से अवगत कराया गया है। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के 22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इन लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई भी होगी। इनमें से छह को निलंबित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल जनहित के विरुद्ध है। यह अवमानना भी है। कोर्ट के आदेश से सभी को अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं। अब कार्पोरेशन उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विवश है। संघर्ष समिति हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि संविदाकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। अब तक 1300 की सेवा समाप्त की गई है। शाम तक अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सभी से अपील है कि जनता और अपने परिवार के हित में काम पर लौटें। चार घंटे का समय दे रहे हैं। शाम छह बजे तक नहीं लौटने वालो को बर्खास्त कर दिया जाएगा। जहां बर्खास्त कर रहे हैं। वहां दूसरी एजेंसी, इंजीनियरिंग कॉलेज से छात्रों को ले रहे हैं। नए लोगों की सेवाएं लेंगे।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कुछ संगठन पांच दिन से हड़ताल पर हैं। उनसे बात करने का लगातार प्रयास कर किया जा रहा है। वार्ता के द्वार खुले है। कई संगठन जनता के हितों की रक्षा कर रहे हैं। वे निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। इन सभी का आभार है। कई निजी कंपनियों ने उत्पादन इकाई में मदद की है। उत्पादक क्षमता 28 मेगावाट की है। जरूरत कम है।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्युत प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी कीमत पर उपभोक्ताओं की अनदेखी न होने पाए। उद्योगों को भी पर्याप्त बिजली दी जाए। अधिकारियों ने बताया कि अभी मार्च माह तक वे उत्पादन कम होने के बाद भी निर्बाध बिजली देने की स्थिति में है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हड़ताल पर जाने वालों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है।