- भाजपा की विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों पर लगी मुहर
- योगेश धामा, केपी मलिक पर फिर भरोसा, सहेंद्र रमाला इस बार भाजपा से लड़ेंगे
मुख्य संवाददाता |
बागपत: भाजपा ने एक बार फिर अपने तीनों विधायकों पर भरोसा जताया है। भाजपा ने जहां बागपत विधानसभा सीट से योगेश धामा, बड़ौत से केपी मलिक को जहां दोबारा प्रत्याशी बनाया है वहीं छपरौली से विधायक सहेंद्र सिंह रमाला पर विश्वास जताया है।
तीनों के टिकट से भाजपा ने जाटलैंड में एक बड़ा संदेश देने का भी काम किया है। या यूं कहा जाए कि भाजपा ने यहां जाट दांव चला है।
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने भी अपने योद्धाओं को चुनावी मैदान में उतार दिया है। भाजपा ने जनपद की तीनों विधानसभा सीटों बागपत, बड़ौत व छपरौली पर वर्तमान विधायकों पर ही विश्वास जताया है और उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है।
भाजपा ने बागपत से विधायक योगेश धामा, बड़ौत से विधायक केपी मलिक व छपरौली से सहेंद्र सिंह रमाला को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने योगेश व केपी मलिक पर दूसरी बार भरोसा जताया है। जबकि सहेंद्र सिंह 2017 में रालोद से लड़े थे और बाद में भाजपा में चले गए थे।
इस बार भाजपा ने छपरौली सीट पर सहेंद्र को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने तीनों विधायकों को चुनावी मैदान में उतारकर बागपत जनपद में जाट कार्ड चला है। देखना यह है कि भाजपा का यह कार्ड कहां तक कामयाब होता है? क्या इस बार भी भाजपा यहां परिणाम दोहराएगी?
टिकट कटने की थी चर्चा
भाजपा के नाम तय हो गए है, लेकिन कई दिनों से समर्थकों में भी तमाम चर्चाएं चल रही थी। सूत्रों के अनुसार बागपत जनपद में एक सीट पर टिकट काटने की तैयारी थी, परंतु आखिरी समय में पार्टी ने कोई बदलाव नहीं किया और विधायकों पर भरोसा जताया है।
बड़ौत व बागपत विधानसभा सीट पर सबसे अधिक दावेदार थे। जिनमें योगेश व केपी को कोई नहीं पछाड़ पाया। सूत्रों की माने तो जाटों को रिझाने के लिए भाजपा ने एक बार फिर तीनों बड़े चेहरों पर भरोसा जताया है।
कांटे का होगा मुकाबला
बागपत जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर मुकाबला कांटे का होगा। भाजपा ने जाट कार्ड चला है, जबकि बागपत सीट पर रालोद ने मुस्लिम को उतारा है। आप ने गुर्जर को उतारा है।
अभी बसपा और कांग्रेस ने नाम यहां तय नहीं किए है। बड़ौत व छपरौली सीट पर रालोद ने अभी पत्ते नहीं खोले है, जबकि बसपा ने बड़ौत से अंकित शर्मा, छपरौली से शाइन चौधरी को उतारा है।
कांग्रेस ने छपरौली से युनुस चौधरी को उतारा है। देखा जाए तो किसी भी पार्टी के लिए राह आसान नहीं होगी और चुनाव कांटे का होगा।